जजों के मसले पर बार काउंसिल ने कहा कैमरे के सामने जाने से कमजोर होगा हमारा सिस्टम

Update: 2018-01-13 21:06 GMT

सुप्रीम कोर्ट को कटघरे में खड़ा करने वाले जजों के मुद्दे पर बार काउंसिल ने गठित किया 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल, कल सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से इस मसले पर काउंसिल का प्रतिनिधि मंडल करेगा बातचीत...

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने भारत के इतिहास में पहली बार कुछ ऐसा किया, जिसके कारण न्यायपालिका विश्वभर की सुर्खियों में बनी हुई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ मीडिया के सामने आवाज बुलंद करते हुए भारत के चार वरिष्‍ठतम जजों ने सीजेआई दीपक मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे।

भारत के इतिहास और कोर्ट की स्थापना के बाद भारत में पहली बार ऐसा हुआ है कि चार वरिष्ठ जजों ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ मोर्चा खोला हो और कोर्ट में चल रही मनमानी व अराजकता के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर खुलकर अपनी बात मीडिया के सामने रखी।

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अब इस मसले में नया मोड़ आ गया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों के बीच उत्पन्न मतभेद को खत्म करने की दिशा में पहलकदमी की है। बार काउंसिल आॅफ इंडिया ने इसके लिए एक 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल गठित किया है, जो कल 14 जनवरी को इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से बात करेगा।

इस मसले पर आज शाम को तकरीबन 5 बजे बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसके बाद काउंसिल के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से बातचीत की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम नहीं चाहते कि ऐसे मामले सार्वजनिक रूप से हल किए जाएं, इसे आतंरिक रूप से ही हल कर लिया जाना चाहिए। कैमरे के सामने जाने से हमारा सिस्‍टम कमजोर ही होगा।'

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काउंसिल के अध्यक्ष मनन मिश्रा के मुताबिक 'हम बार की भावना से जजों को अवगत कराएंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि मसले का शांतिपूर्ण और जल्द से जल्द निपटारा करें। अगर मसले को सुलझाने में बार के वरिष्ठ सदस्यों की मदद की जरूरत होगी तो हम इसके लिए तैयार हैं। न्याय व्यवस्था पर लोगों की अटूट आस्था है, इसलिए हमारी कोशिश है कि हम कोई ऐसा काम नहीं होने देंगे जिससे लोगों का विश्वास इस पर से उठे। मगर जिस तरह न्यायपालिका पर राजनीति हो रही है, वह ठीक नहीं है।'

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गौरतलब है कि शुक्रवार 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है। यदि संस्था को ठीक नहीं किया गया, तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलामेश्‍वर ने जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के साथ मीडिया से कहा, किसी भी देश के कानून के इतिहास में यह बहुत बड़ा दिन, अभूतपूर्व घटना है, क्‍योंकि हमें यह ब्रीफिंग करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हमने यह प्रेस कॉन्‍फ्रेंस इसलिए की, ताकि हमें कोई यह न कह सके कि हमने आत्मा को बेच दिया है।

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