PAYTM के मालिक के खिलाफ ऑनलाइन ठगी का मामला दर्ज, कारोबारी को गोपनीय जानकारी देकर दिया गया झांसा

Update: 2020-02-09 08:27 GMT

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पेटीएम के संस्थापक और सीनियर वाइस प्रेसीडेंट समेत 5 के खिलाफ धोखाधड़ी का केस, पेटीएम ट्रांजेक्शन की गोपनीय जानकारी देकर कारोबारी को दिया झांसा...

जनज्वार। ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अजय शेखर शर्मा और पेटीएम पेमेंट बैंक समेत पांच के खिलाफ उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के कविनगर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है। दरअसल हैकर ने पेटीएम ट्रांजेक्शन की गोपनीय जानकारी देकर कारोबारी को झांसे में लिया और फिर उसके खाते से करीब डेढ़ लाख रुपये उड़ा दिए।

राजकुमार सिंह राजनगर में आयुर्वेदिक और हर्बल प्रोडक्ट की एजेंसी चलाते हैं। उनका आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ा पेटीएम बिजनेस खाता है। 28 दिसंबर को कॉल आई कि मैं अजय शेखर शर्मा पेटीएम से बोल रहा हूं। बातचीत में एक बार उसने अपना नाम अजय शर्मा भी बताया। हैकर ने कैशबैक देने की बात कहकर बताया कि उन्हें मैसेज किया गया है।

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सके बाद मैसेज में दिए लिंक पर क्लिक करने को कहा गया। राजकुमार सिंह ने लिंक पर क्लिक करने से इनकार कर दिया। इस पर कॉल करने वाले ने उसी दिन हुई राजकुमार की दो ट्रांजेक्शन के बारे में बताया। कॉलर द्वारा खाते से जुड़ी गोपनीय जानकारी देने पर उन्हें विश्वास हो गया और उन्होंने लिंक पर क्लिक कर दिया। जिसके बाद खाते से 1.47 लाख रुपये कई बार में निकल गए।

Full View के अनुसार इसमें से 41 हजार रुपये रजत जैन के पेटीएम में गए जबकि बाकी रकम अन्य एक बैंक खाते में गई। ट्रांजेक्शन के दौरान 1400 रुपये का कैशबैक मिला था, उसे भी निकाल लिया गया। पीडि़त कारोबारी का कहना है कि लेन-देन की जानकारी को गोपनीय रखना कंपनी की जिम्मेदारी है, लेकिन उनके लेन-देन की गोपनीय सूचना लीक हुई, इसलिए वह ठगी के शिकार हुए।

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सएसपी कलानिधि नैथानी के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस पूरे मामले पर एसएसपी ने कहा कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। साक्ष्यों के आधार पर छानबीन कर विवेचना कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गाजियाबाद में कुल 18 थाने हैं जिनमें प्रत्येक दिन करीब 15-20 मामले इसी से जुड़े हुए सामने आ रहे हैं। हैकर पेटीएम ऐप को डाउनलोड करवाते हैं और फिर पेटीएम केवाईसी को चेक करने के नाम पर एक या दो रुपये की ट्रांजेक्शन करने को कहते हैं। इसके बाद हैकर्स के हाथ सारी जानकारी लग जाती है और वह फिर ठगी करते हैं।

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