बैंक खाते से बिना जानकारी उड़ गए 95 हजार, अधिकारी-पुलिस और कानून मंत्री सबसे गुहार लगा हार चुका है पीड़ित
पीड़ित ओम प्रकाश कहते हैं, पुलिस वाले मुझे बैंक जाने को कहते हैं और बैंक वाले पुलिस के पास, मेरी नहीं हो रही है किसी तरह की कोई सुनवाई, पैसे निकाले जाने के बाद से ही हूं मैं काफी ज्यादा परेशान, मेरी जिंदगीभर की आमदनी पूरी तरह हो चुकी है खत्म...
विकास राणा
जनज्वार। हरियाणा के फरीदाबाद में बैंक से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। फरीदाबाद के हनुमंत कॉलोनी के रहने वाले ओमप्रकाश के बैंक अकाउंट से तीन बार बैंक के बिना कोई जानकारी दिए पैसे निकाल लिए। सबसे पहले 94,400 दूसरी बार में 400 और आखिरी में 77 रुपए बैंक से निकाल लिए गए।
ओमप्रकाश का कहना है कि बिना कोई ओटीपी या मैसेज भेजे बिना ही मेरे बैंक खाते से पैसे निकाल लिए गए हैं। ओमप्रकाश बताते हैं, इन पैसों से मुझे अपने पिता का इलाज कराना था। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई के लिए भी मैंने ये पैसे अपनी मेहनत से जोड़े हुए थे। मेरे साथ धोखाधड़ी होने के बाद से ही में हरियाणा पुलिस से लेकर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास मदद की गुहार लगा चुका हूं, लेकिन मुझे सिर्फ आश्वासन जा रहा है, किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
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ओमप्रकाश ठगी की प्रक्रिया को बताते हुए कहते हैं, 'मैं अपने दोस्त की गाड़ी को फाइनेंस कराने के लिए चोला मंडल फाइनेंस कंपनी के पास गया था। इस कंपनी से मैंने पहले भी अपनी गाड़ी को फाइनेंस कराया है, जिसके बाद मैंने अपने दोस्त को भी इसी कंपनी से गाड़ी को फाइनेंस कराने के लिए ले गया था। जब मैं अपने दोस्त की गाड़ी को फाइनेंस कराने के लिए जैसे ही चोला मंडल फाइनेंस की फरीदाबाद शाखा में पहुंचा तो मुझे उनका ऑफिस बंद मिला। इसके बाद मैंने गूगल के जरिए चोला मंडल फाइनेंस कंपनी का नंबर ढूंढ़कर उन्हें फोन किया, तो मेरी बात चोला मंडल के ही एक अधिकारी से हुई, जिसने खुद को वहां के स्टाफ का आदमी बताया।
इसके बाद जब मेरी उस खुद को अधिकारी बताने वाले उस शख्स से बात हुई तो मैंने उसे गाड़ी फाइनेंस कराने की बात की, जिसके बाद उसने मेरा रजिस्टर नंबर मांगा जो मैंने उनको दे दिया। उसके बाद उन्होंने मुझे मेरी सारी जानकारी बता दी। साथ ही ये भी बताया कि मेरी कितनी ईएमआई का भुगतान होना बाकी है।
घटना के तुरंत बाद मैंने इसकी जानकारी फरीदाबाद के थाना पाला को दी। पाला थाने के एसएचओ ने एफआईआर को लिखने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था कि मामला चूंकि ऑनलाइन धोखाधड़ी का है, इसलिए इसकी एफआईआर साइबर सेल में की जाएगी। फिर जब मैं फरीदाबाद के सेक्टर-33 में मौजूद साइबर सेल के ऑफिस में गया तो वहां पर भी साइबर सेल की तरफ से भी मुझे अकांउट से पैसे निकाले जाने की बात बताई गई।
लेकिन उन्होंने मुझे एक नई घटना बताई वो ये कि मेरे पैसों को पेटीएम के जरिए नहीं, एयरटेल पे बैंक के जरिए निकाला गया था, जबकि बैंक के द्वारा जो जानकारी मुझे दी गई थी उसके अनुसार मेरे पैसों को पेटीएम के जरिए निकाला गया है।
इसके बाद जब मैंने चोला कंपनी वालों को फोन करके वहां के मैनेजर से बात करनी चाही तो उनके मैनेजर से मुझे किसी तरह का कोई जवाब नहीं मिला। उल्टा कंपनी ने ऐसे ही 1 महीने पहले केस के बारे में बताया, जिसके अकांउट से 1 लाख रुपए निकाल लिए गए थे। लेकिन उनकी भी हम लोग कोई मदद नहीं कर पाए, ऐसे कहकर उन्होंने फोन को काट दिया और उसके बाद फोन नहीं उठा रहे हैं।
कंपनी वालों ने पीड़ित ओमप्रकाश से कहा कि आपने अपना पिन किसी तीसरे व्यक्ति को बता दिया है, जिस कारण आपके एकाउंट से यह धनराशि निकली है, जबकि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है। ऐसे में उनका कहना था कि अब जो कार्रवाई होगी वो बैंक के द्वारा ही की जा सकती है, लेकिन बैंक की ओर से पैसा तो देने की बात की जा रही है। कहीं से किसी तरह की मदद नहीं की जा रही। इसके अलावा मैं इस मामले को लेकर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास भी गया तो वहां से भी मुझे केवल आश्वासन दिया गया। किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इस मामले की जांच कर रहे इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारी पवन सिंह ने जनज्वार से हुई बातचीत में कहा, मैं इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दे सकता हूं।' जब हमने उनसे कहा कि ओमप्रकाश ने बैंक पर आरोप लगाये हैं कि बैंक के पास पैसा आ गया है, लेकिन उन्हें पैसा नहीं दिया जा रहा है, तो उन्होंने किसी तरह की कोई भी जानकारी देने से साफ मना कर दिया।'
अपनी शिकायत लेकर पीड़ित ओमप्रकाश आरबीआई के पास भी गए। वहां पर शिकायत दर्ज कर ली गई, लेकिन किस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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वहीं इस मामले में पाला पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर तेज तिवारी कहते हैं, हम मामले पर अभी तक बैंक को नोटिस दे चुके हैं। इसके अलावा मोबाईल फोन की रिकॉर्डिंग की गई है। जब उनसे पूछा गया कि केस को एक साल होने को जा रहा है, पुलिस की तरफ से कुछ किया गया है? तो उनका कहना था कि मामले की जांच की जा रही है। मामला तकनीकी होने के कारण इसमें देरी की जा रही है।
चोला मंडल कंपनी के किसी अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई तो किसी तरह का कोई जवाब नहीं मिल पाया। पीड़ित ओम प्रकाश कहते हैं, पुलिस वाले मुझे बैंक जाने को कहते हैं, बैंक वाले पुलिस के पास लेकिन मेरी किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हो पा रही। पैसे निकाले जाने के बाद से ही मैं काफी ज्यादा परेशान हूं। मेरी जिंदगीभर की आमदनी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।