बागपत के जिला कारागार में बंद मुन्ना बजरंगी की वर्ष 2018 में हत्या कर दी गई थी। इस कांड में हत्या का आरोप गैंगस्टर सुनील राठी पर लगा था। इस घटना के बाद यूपी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा था...
लखनऊ से जयप्रकाश सिंह की रिपोर्ट
जनज्वार। उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराया जाएगा। वर्ष 2018 में पश्चिम उत्तर प्रदेश की बागपत जेल में हुए इस हत्याकांड के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने का आदेश जारी किया है। यह आदेश मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह की याचिका पर जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राजीव मिश्रा की डिविजन बेंच ने जारी किया है।
बागपत के जिला कारागार में बंद मुन्ना बजरंगी की वर्ष 2018 में हत्या कर दी गई थी। इस कांड में हत्या का आरोप गैंगस्टर सुनील राठी पर लगा था। इस घटना के बाद यूपी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा था। वहीं जेल में हुई हत्या के इस मामले को गंभीर बताते हुए तत्कालीन गृह सचिव ने बागपत जेल के जेलर उदय प्रताप सिंह को बर्खास्त कर दिया था। उदय प्रताप के अलावा डेप्युटी जेल धीरेंद्र सिंह भी पद से हटा दिए गए थे।
संबंधित खबर : भाजपा सांसद ने कहा, आतंकवादी पैदा कर रहे जामिया जैसे विश्वविद्यालयों को जल्दी करो बंद
घटना के बाद मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए यूपी सरकार और जेल प्रशासन पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया था। सीमा ने इस मामले में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।
संबंधित खबर : दुष्कर्म के मामले में सजायाफ्ता कुलदीप सिंह सेंगर की विधायकी खत्म
गौरतलब है कि 9 जुलाई 2018 को जिस दिन मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई, उस दिन उसे बीएसपी के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के केस में बागपत की अदालत में पेश किया जाना था। बजरंगी पर हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई गंभीर मामलों में भी केस दर्ज था।