होम बायर्स पर CORONA की दोहरी मार, बैंक EMI पर समय एवं किस्तों पर राहत दे मोदी सरकार

Update: 2020-03-25 10:14 GMT

जनज्वार। कोरोना संकट के कारण देशव्यापी लॉक डाउन सरकार ने लागु कर दिया है। इस कारण सेल्फ एंप्लॉयड,प्राइवेट संस्थाओं में कार्यरत लोग काम नहीं कर पा रहे हैं। उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। लाखों की संख्या में फ्लैट बायर्स ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं, उन्होंने फ्लैट होम लोन लेकर खरीदा है, इसमें 90% से ज्यादा लोग प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत हैं या फिर सेल्फ एंप्लॉयड हैं यह लोग अपने वेतन या फिर खुद की कमाई पर ही निर्भर है।

संबंधित खबर : सरकार क्यों भाग रही कोरोना जांच से, 130 करोड़ के देश में सिर्फ 15 हजार लोगों का टेस्ट

नकी हर महीने होम लोन की ईएमआई जाती है। यह ईएमआई उनके वेतन का 30 से 50 पर्सेंट तक भी हो जाता है l इसके अलावा इंश्योरेंस मेडिक्लेम,गाड़ी आदि की किस्ते,स्कूल की फीस ,सोसाइटी मेंटेनेंस चार्ज ,इनकम टैक्स रिटर्न भी जाना है l इसी में 60- 80 परसेंट खर्च हो जाता है। शेष राशि खाने-पीने कपड़े आदि में लग जाते हैl लॉकडाउन के कारण आवागमन बंद हैl कंपनियां में काम नहीं हो रहा हैl काम नहीं होने के कारण लोगो पर आर्थिक संकट आ गया है l लोगों को लग रहा है कि अगला महीने का वेतन मिलेगा या नहीं अगले महीने में कमाई होगी कि नहीं।

संबंधित खबर : कोरोना से ऐसे निपट रहा केरल का सबसे प्रभावित जिला, पूरे देश के लिए बन सकता है रोल मॉडल

सलिए सरकार को आगे बढ़कर, होमबायर्स को आर्थिक राहत देनी चाहिए। सरकार होम लोन की ईएमआई किस्तों पर कम से कम 1 या 2 महीने की राहत दें।

दिल्ली एनसीआर में तो दंगे के कारण व्यापार एवं कारोबार पहले से ही प्रभावित है। दुकानें बंद है इसलिए सरकार उन्हें जीएसटी एवं अन्य प्रकार से राहत दे।

ई सरकार रजिस्टर्ड मजदूरों को पैसे दे रही है। सरकार को भी होमबायर्स को बैंक ईएमआई पर समय एवं किस्तों की राहत देनी चाहिएl

Similar News