EXCLUSIVE : कोरोना पॉजिटिव डॉक्टरों ने किया 5,080 मरीजों का चेकअप, राजस्थान के भीलवाड़ा में मचा हड़कंप

Update: 2020-03-21 08:43 GMT

जिस निजी अस्पताल के डॉक्टर्स और कंपाउंडर्स संक्रमित पाए गए हैं जिला प्रशासन ने उसे सीज कर दिया है और उसके आसपास के एक किलोमीटर के इलाके को भी सीज किया गया है, इस निजी अस्पताल में 254 से ज्यादा लोग काम करते हैं...

भीलवाड़ा से भंवर मेघवंशी की रिपोर्ट

जनज्वार। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में हालात काफी गंभीर हो गए हैं। एक निजी अस्पताल के तीन डॉक्टर्स और तीन कंपाउंडर्स संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमित होने के बाद इन लोगों ने 5080 मरीजों का चेकअप किया। जैसे ही जिला प्रशासन को यह जानकारी मिली इसके बाद से अफरातफरी का माहौल बन गया। इनमें से 28 लोग संदिग्ध पाए गए हैं, 11 लोग निगेटिव निकले हैं। बाकि लोगों की रिपोर्ट आना बाकि है।

हालांकि जिस निजी अस्पताल के डॉक्टर्स और कंपाउंडर्स संक्रमित पाए गए हैं जिला प्रशासन ने उसे सीज कर दिया है और उसके आसपास के एक किलोमीटर के इलाके को भी सीज किया गया है। चूंकि हजारों की तादात में मरीजों की जांच की गई है और इस निजी अस्पताल में 254 से ज्यादा लोग काम करते हैं। इस वजह से प्रशासन को यह गंभीर खतरा लग रहा है कि ये जो कोरोना वायरस पूरे जिले में फैला हुआ हो सकता है। हो सकता है कि यह बाहर तक भी गया हो। इस वजह से बहुत एहतियात बरतते हुए कल दोपहर में ही जिला प्रशासन ने पुलिस और तमाम शासन प्रशासन की मदद से भीलवाड़ा शहर में कर्फ्यू लगा दिया। दुकानें पूरे तरीके से बंद करवा दी गई हैं। देर रात आवागमन के सभी साधनों को प्रतिबंधित कर दिया गया।

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हले शहर को सीज किया गया और बाद में जिले की सीमाओं को भी सीज किया गया है। अब भीलवाड़ा जिले में न ही कोई बाहर से आ पा रहा है और ना ही जिले से बाहर जा पा रहा है। अब बहुत जरुरी सेवाओं को इससे मुक्त रखा गया है। केवल उन्हीं लोगों को आने दिया जा रहा है जिन लोगों के पास डॉक्टर का सर्टिफिकेट है या जिनकी स्क्रीनिंग हो चुकी है।

Full View एक और मरीज भीलवाड़ा शहर का एक व्यक्ति जयपुर के एसएमएस अस्पताल में पाया गया है। वह व्यक्ति निमोनिया का इलाज करवाने के लिए जनरल वार्ड में था। बाद में पता चला कि उसको भी कोरोना वायरस है। यह जो समस्या भीलवाड़ा से पैदा हुई इसने जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल को भी एक तरह से जद में ले लिया है। इसलिए ये खतरा बढ़ता जा रहा है।

भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट और पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर के साथ उनकी पूरी टीम स्थितियों को संभालने में लगी हुई है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य कर्मियों के 300 दल बनाए हैं जो घर घर जाकर कोरोना वायरस के मरीजों की स्थितियों को देख रहे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जनता खुद कर्फ्यू लगाए। उसके लिए 22 मार्च निश्चित किया गया है लेकिन भीलवाड़ा में कल शुक्रवार 20 मार्च से ही कर्फ्यू लगा दिया गया है। आवागम पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। जनजीवन पूरी तरह से ठप्प हो गया है। इसका सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ रहा है जो दैनिक मजदूरी से अपना घर चलाते हैं। इनमें रिक्शाचालक, नरेगा के मजदूर हैं, इनमें फुटपाथ पर दिन गुजारने वाले लोग भी हैं।

Full View जिले में मजदूरों की काफी बड़ी संख्या है। जिले की कुल जनसंख्या 24,80,523 है, उसमें से 18,95,869 लोग गांवों में रहते हैं। ये लोग शहर में जाकर उद्योगों में मजदूरी करते हैं। कोरोना वायरस से राजस्थान के भीलवाड़ा और झुंझनु जिला सबसे अधिक प्रभावित हैं।

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