लॉकडाउन : एयर इंडिया के 8 कर्मचारी यूनियनों की मांग, 'जबरन वेतन कटौती का पैसा वापस दो'

Update: 2020-04-25 12:40 GMT

एयर इंडिया के कर्मचारी संगठन बोले- जबरन हो रही हमारे वेतन में कटौती, सरकार से की 'एकतरफा' फैसले को वापस लेने की मांग....

जनज्वार ब्यूरो। एयर इंडिया के आठ कर्मचारी यूनियनों ने मोदी सरकार द्वारा कोविड 19 के मद्देनजर वेतन में जबरन कटौती को लेकर अपनी शिकायतें व्यक्त की हैं। इन यूनियनों ने तीन महीने के लिए दस प्रतिश वेतन में कटौती के फैसले को रोलबैक करने की मांग की है।

नेशनल हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया के इन कर्मचारी यूनियनों ने शुक्रवार को एक संयुक्त पत्र नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुल को भेजा गया जिसमें उनका कहना था कि 10 प्रतिशत वेत कटौती का फैसला न केवल एकतरफा था बल्कि गैरकानूनी भी था।

त्र में उन्होंने कहा कि एयर इंडिया द्वारा दिया गया यह वेतन कटौती अनावश्यक है और कर्मचारियों के मनोबल पर चोट करेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

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त्र में कहा गया, 'कर्मचारियों के कल्याण और नियत तारीख पर मजदूरी का भुगतान करने के निर्देशों के संबंध में भारत सरकार के निर्देशों के बावजूद एयर इंडिया प्रबंधन द्वारा 18 अप्रैल, 2020 को 10 प्रतिशत वेतन कटौती के साथ भुगतान किया गया था।'

न कर्मचारी यूनियनों ने कहा कि फ्लाइंग क्रू को फरवरी के महीने में किए गए काम के लिए अपनी मजदूरी का 70% मिलना करना बाकी है। आक्रोशित कर्मचारियों ने लॉकडाउन के दौरान अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की तरह व्यवहार करने का अनुरोध किया।

पदा प्रबंधन अधिनियम - 2005 की धारा 10 (2) का हवाला देते हुए यूनियनों ने कहा कि अधिनियम का कोई भी उल्लंघन अधिनियम की धारा 58 के तहत दंडनीय है।

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पदा प्रबंधन अधिनियम कहता है कि सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में, अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान उनके कार्यस्थल पर, नियत तिथि पर, बिना किसी कटौती के करेंगे, उस अवधि के दौरान जब उनके प्रतिष्ठान बंद हो रहे हों।

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