गुजरात मॉडल: कोरोना वायरस से रिकवरी दर केवल 6.3 प्रतिशत, देश के सभी राज्यों से पीछे
गुजरात में देश में सबसे कम रिकवरी दर है, जहां कुल 2,272 मामलों में केवल 144 मामलों (6.3 प्रतिशत) की रिकवरी दर्ज की गई है। जबकि कोरोना वायरस के संक्रमितों की मृत्य दर सबसे अधिक है....
जनज्वार ब्यूरो। देश में कोविड -19 रोगियों की 19 प्रतिशत रिकवरी दर की तुलना में गुजरात में रिकवरी दर केवल 6.3 प्रतिशत है। इसके साथ ही राज्य में मृत्यु दर भी सबसे अधिक है। गुजरात सरकार के मुताबिक मामले देर से आने शुरू हुए, अब आगे डिस्चार्ज की गति बढ़ेगी।
यहां तक कि जब देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या 20 हजार पार कर गई और सभी राज्यों में पॉजिटिव रोगियों की रिकवरी दर बढ़ गई, वहीं गुजरात में जिस दर पर मरीज ठीक हो गए हैं, वह बद से बदतर होती चली गई है। गुजरात में कोविड -19 की संख्या बढ़ गई है और मौतें भी बढ़ रही हैं।
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देश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 22 अप्रैल शाम 5 बजे तक कुल 20,471 मामले दर्ज किए गए और 3960 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इसका मतलब है कि भारत में कुल पॉजिटिव मामलों में से 19 प्रतिशत अब तक रिकवर हुए हैं। दूसरी ओर गुजरात में देश में सबसे कम रिकवरी दर है, जहां कुल 2,272 मामलों में केवल 144 मामलों (6.3 प्रतिशत) की रिकवरी दर्ज की गई है।
अगर आप इसकी तुलना राज्यवार करते हैं तो केरल जिसने सबसे पहले कोविड 19 पॉजिटिव केस की सूचना दी थी, वहां अभूतपूर्व रिकवरी दर दिखाई दी है। केरल में 75 प्रतिशत मरीजों ने घर वापसी की है। देश के इस सबसे दक्षिणी राज्य में अब तक रिपोर्ट किए गए 427 मामलों में से 307 रिकवर हुए हैं और 3 व्यक्तियों की मौत हुई है।
वहीं महाराष्ट्र में देश के कोरोना वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक 5,221 मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में इस संक्रमण से उबरने वालों की संख्या 722 (13 प्रतिशत रिकवरी दर) की है। वहीं दूसरी ओर गोवा में आए कुल सात मामलों में सभी डिस्चार्ज किया गया है। गोवा में कोरोना के मरीजों की 100 प्रतिशत रिकवरी दर है।
हैरानी की बात यह है कि जिस गुजरात को एक मॉडल राज्य बताया जाता था वह रिकवरी के मामले में सबसे पीछे है। बीते डेढ़ महीने की अवधि में गुजरात का रिकवरी दर देश के कुल रिकवरी दल को पार नहीं कर पाया है। अब तक सामने आए 2,272 मामलों में से केवल 144 मरीज रिकवर हुए हैं। यह रिकवरी दर 6.3 प्रतिशत है जो कि देश के अन्य सभी 29 राज्यों में सबसे कम है।
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केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के 2156 मामलों में 28 प्रतिशत की रिकवरी दर है यानि 611 लोगों ने रिकवरी की है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में क्रमश: 12 प्रतिशत, 9.3 प्रतिशत, 11 प्रतिशत, 14 प्रतिशत, 39 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की रिकवरी दर है।
ऐसे समय में जमीनी स्तर पर स्थानीय सरकार की ग्राउंड लेवल पर जो रणनीति होती है वह संकट का सामना करने में कम से कम नुकसान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गुजरात के तीन प्रमुख शहरों अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा को कम रिकवरी दर के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इन तीनों शहरों में औसत से 66 प्रतिशत कम रिकवरी दर दर्ज की गई है। राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इन तीनों शहरों में क्रमश: 1434, 364 और 207 मामले हैं जो कि राज्य के कुल कोरोना के मामलों का 88 प्रतिशत हिस्सा है। 56 लोगों के ठीक होने में अहमदाबाद की रिकवरी दर 3.9 प्रतिशत है, सूरत और वडोदरा की रिकवरी दर क्रमश: 3 और 3.8 प्रतिशत है।
ऐसा लगता है कि देश के बाकि राज्यों के बराबर रहने के लिए गुजरात को बहुत कुछ करना बाकी है। वास्तव में अगर गुजरात की रिकवरी दर देश की रिकवरी दर के साथ मेल खाती तो 280 से ज्यादा लोग घर पहुंच जाते और अस्पतालों व चिकित्सा बिरादरी पर भी बोझ कम हो गया होता।
कम रिकवरी को लेकर राज्य के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) जयंती रवि ने कहा, पहला मामला 19 मार्च को दर्ज किया गया था, इसलिए अब हम डिस्चार्ज की स्पीड को आगे बढ़ा रहे हैं। नए मामले देर से आने शुरु हुए, इसे ठीक होने में कम से कम 12 दिन लगेंगे। डिस्चार्ज के मामले बढ़ेंगे।
यहां तक कि गुजरात की मृत्यु दर भी अधिक है। कोविद -19 बीमारी से पीड़ित 95 लोगों की मौत के साथ राज्य की मृत्यु दर 4.1 प्रतिशत है। यह भारत की औस कुल 3.2 प्रतिशत मृत्यु दर से अधिक हैं। देश भर में 640 लोगों की कोरोना वायरस मौत हो चुकी है। केरल, तमिलनाडु, राजस्थान और दिल्ली में मृत्यु दर देश की औसत मृत्यु दर से कम है। जबकि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में मृत्यु दर अधिक है। इसके अलावा गोवा, छत्तीसगढ़, लद्दाख, मणिपुर, उत्तराखंड, त्रिपुरा, मिजोरम जैसे राज्य भी हैं जहां कोरोना वायरस से अबतक कोई मौत नहीं हुई है।