गैरसैंण राजधानी के लिए जनता से सीधा संवाद

Update: 2018-01-03 17:44 GMT

ऊखीमठ में जनगीत यात्रा के साथ निकाला जुलूस

पहाड़ के ढाई लाख घरों पर लटक गए हैं ताले, एक लाख पांच हजार हेक्टेयर भूमि पड़ी है बंजर और तीन हजार गांव पूरी तरह से हो गए हैं खाली तो एक हजार गांव खाली होने के कगार पर...

रुद्रप्रयाग, जनज्वार। गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर ऊखीमठ में राज्य आंदोलनकारियों और स्थानीय लोगों के बीच जन-मंथन संवाद किया गया। इसके साथ ही बाजार में जनगीत यात्रा के साथ ही जुलूस-प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर ब्लॉक कार्यकारिणी का भी गठन किया गया।

वरिष्ठ पत्रकार हरीश गुसाईं की अध्यक्षता में ऊखीमठ तहसील परिसर में हुई बैठक में वक्ताओं ने एकमत होकर कहा कि सरकार जल्द गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करे। अंग्रेजों की परिपाटी की ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन राजधानी का पुरजोर विरोध किया जाएगा। पहले से ही कर्जे में चल रहे छोटे से राज्य की दो राजधानी बनने से उत्तराखंड पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।

वक्ताओं ने कहा कि आंदोलन को तेज करने के साथ ही न्याय पंचायत स्तर तक विस्तार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ में न हुई तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। पूरे देश में ऐसा कोई भी पर्वतीय राज्य नहीं है, जिसकी राजधानी पहाड़ में न हो। उत्तराखंड इस मामले में अपवाद है।

आंदोलनकारियों ने यह भी कहा कि राज्य बनने के बाद उत्तराखंड के ढाई लाख घरों पर ताले लटक गए हैं और एक लाख पांच हजार हेक्टेयर भूमि बंजर पड़ चुकी है। करीब तीन हजार गांव पूरी तरह खाली हो गए हैं और एक हजार गांव खाली होने के कगार पर है। भविष्य में परिसीमन के कारण पहाड़ में सिर्फ 27 विधानसभा सीटें रह जाएंगी।

युवाओं के पलायन को रोकने, बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात, रोजगार के लिए गैरसैंण राजधानी जरूरी है। बैठक में आंदोलनकारियों ने कई सुझाव रखें। साथ ही यह भी तय किया गया कि छोटे-छोटे ग्रामीण बाजारों में भी जनगीत यात्रा के जरिए लोगों को जागरूक कर इस अभियान से जोड़ा जाए। बैठक में जिला कार्यकारिणी को विस्तार देते हुए राज्य आंदोलनकारी रमेश बेंजवाल और भूपेन्द्र नेगी को जिला महामंत्री बनाया गया।

साथ ही शैलेन्द्र गोस्वामी, अजय पंवार को सहसचिव और कुलदीप राणा व भूपेन्द्र भंडारी को मीडिया प्रभारी का दायित्व सौंपा गया। इसके साथ ही ऊखीमठ ब्लॉक की कार्यकारिणी भी गठित की गई, जिसमें राज्य आंदोलनकारी प्रकाश रावत को अध्यक्ष, राकेश को सचिव और नरोत्तम सिंह राणा को कोषाध्यक्ष बनाया गया।

सहसचिव के पद पर यशवंत सिंह नेगी और विनोद नौटियाल और दीपक राणा को मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया। बैठक में आंदोलनकारी और वरिष्ठ पत्रकार अनसूया प्रसाद मलासी, गैरसैंण राजधानी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष मोहित डिमरी सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे।

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