मोदी सरकार बेचेगी एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी, पर कपिल सिब्बल बोले सारी ​कीमती चीजें बेच देंगे ये

Update: 2020-01-27 06:40 GMT

सरकार द्वारा जारी निविदा के मुताबिक, विनिवेश के समाप्‍त होने तक एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्‍सप्रेस 23,286 करोड़ रुपये के कर्ज में रहेंगे। शेष कर्ज को AIAHL को ट्रांसफर करने की बात कही जा रही है....

जनज्वार। तमाम सार्वजनिक उपक्रमों के बाद अब मोदी सरकार एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है, जिसके लिए आज 27 जनवरी को निविदायें आमंत्रित कर दी गयी हैं। इसके लिए 17 मार्च तक बोली लगायी जायेगी। निविदा पत्र के अनुसार इच्छुक खरीदार 17 मार्च तक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जमा कर सकते हैं।

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रकार ने अपनी निविदा में कहा है कि बिडिंग प्रक्रिया में जो लोग क्वॉलीफाई करेंगे, उन्हें 31 मार्च तक इसकी जानकारी दे दी जाएगी। फिलहाल एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 पर्सेंट शेयर सरकार के पास ही हैं। इससे पहले 2018 में एयर इंडिया के 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव मोदी सरकार ही लेकर आई थी, लेकिन इस डील के लिए तब कोई तैयार नहीं हुआ था। उसी के बाद अब मोदी सरकार ने 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।

रिपोर्टस के मुताबिग एयर इंडिया फिलहाल 70 हजार करोड़ के नुकसान में चल रही है। डोमेस्टिक मार्केट में एयर इंडिया का शेयर 12.7 फीसदी है। 2019 में कुल 18.36 मिलियन यात्रियों ने एयर इंडिया से उड़ान भरी थी।

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केंद्र सरकार की ओर से जारी दस्तावेज के अनुसार, 'रणनीतिक विनिवेश' के तहत एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस के भी 100 प्रतिशत और AISATS के 50 प्रतिशत हिस्सा बेचेगी। गौरतलब है कि AISATS एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस का संयुक्‍त उद्यम है, जिसमें दोनों की बराबर हिस्‍सेदारी है। Air India की हिस्‍सेदारी एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज, एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज और एयरलाइन एलाइड सर्विसेज एंड होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में भी है।

रकार द्वारा जारी किये गये निविदा दस्‍तावेज के मुताबिक, इन इकाइयों को एक अलग कंपनी एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) में प्रक्रिया चल रही है और प्रस्‍तावित हिस्‍सेदारी की बिक्री में इन्‍हें शामिल नहीं किया जाएगा।

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रकार द्वारा जारी निविदा के मुताबिक, विनिवेश के समाप्‍त होने तक एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्‍सप्रेस 23,286 करोड़ रुपये के कर्ज में रहेंगे। शेष कर्ज को AIAHL को ट्रांसफर करने की बात कही जा रही है। गौरतलब है कि एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया में लेनदेन की सलाहकार कंपनी EY है।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने एयर इंडिया के 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि 'जब सरकारों के पास पैसा नहीं होता तो वह यही करती हैं। भारत सरकार के पास पैसा नहीं है। विकास दर 5 फीसदी के नीचे है। मनरेगा मजदूरों का लाखों रुपये का बकाया है। अब सरकार यही करेगी। हमारे पास जो कीमती चीजें हैं, उसे बेच देगी।'

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