नौकरानी को पहले अधमरा किया, बाद में बंगलादेशी होने की खबर चलवा दी

Update: 2017-07-12 23:40 GMT

कामवाली को रखने वाली मालकिन सीधे तौर पर फंस रही थी, तो पहले नौकरानी पर चोरी का आरोप लगाया, फिर खुद को बचाने के लिए मेड को बांग्लादेशी बता मामले को पूरी तरह से घुमाने की कोशिश की...

दिल्ली। राजधानी से सटे नोएडा में एक पॉश अपार्टमेंट महागुन सोसायटी में घरेलू काम करने वाली महिला ने जब अपना दो महीने का वेतन मांगा तो मालकिन ने न केवल उसे कमरे में बंद कर दिया, बल्कि चोरी का इल्जाम लगाते हुए उसकी बेरहमी से पिटाई भी कर दी। घरेलू नौकरानी ज़ोहरा जान बचाकर किसी तरह फ्लैट से निकल कर भागी और अपार्टमेंट के बेसमेंट में छुप गई। चोट इतनी ज्यादा थी कि वह बेसमेंट में जाकर बेहोश हो गई।

ज़ोहरा के हो रहे उत्पीड़न को देख सोसायटी में रहने वाले कुछ लोगों ने दिल्ली महिला आयोग को फोन व सोशल मीडिया पर सूचना देकर घरेलू सहायिका की मदद करने के लिए कहा, जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग की टीम नोएडा जाकर घरेलू सहायिका से मिली। दिल्ली महिला आयोग ने पीड़िता की काउंसलिंग कर उसके स्टेटमेंट रिकार्ड किये और नोएडा सेक्टर-49 थाने में उसकी मालकिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी। हालांकि नोएडा दिल्ली महिला आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है, लेकिन मानवीय आधार पर आयोग ने नोएडा जाकर पीड़ित घरेलू सहायिका की मदद कर उसकी मालकिन के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।

इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब शाम को ज़ोहरा घर नहीं पहुंची और उसका पति उसे ढूंढ़ते हुए सोसायटी में पहुंचा पर वह वहां भी नहीं मिली। पीड़िता के पति ने पुलिस को फोन किया, मगर पुलिस ने कोई मदद नहीं की। घटना की जानकारी जब आसपास काम करने वाली नौकरानियों को चली तो वे एकत्रित हो गईं और उन्होंने पुलिस पर उसे ढूंढ़ने का दबाव बनाया। उसके बाद ही पीड़ित नौकरानी को बेसमेंट से ढूंढ़कर बाहर निकाला गया।

अब जब इस केस में कामवाली को रखने वाली मालकिन सीधे तौर पर फंस रही थी, तो पहले नौकरानी पर चोरी का आरोप लगाया, फिर खुद को बचाने के लिए मेड को बांग्लादेशी बता मामले को पूरी तरह से घुमाने की कोशिश की। इतना ही नहीं चूंकि इस अपार्टमेंट में काफ़ी प्रभावशाली लोग रहते हैं तो मीडिया को भी आसानी से मैनेज कर लिया गया।

आज दिन तक जो मीडिया चैनल ये दिखा रहे थे कि कामवाली की पिटाई के बाद बवाल। वो शाम तक मैनेज होने के बाद उसका बंगलादेश होने वाला एंगल ढूंढ़कर पीड़ित नौकरानी की पिटाई भूल चुके थे।

किसी चैनल के पत्रकार ने मालकिन से ये नहीं पूछा कि 4 महीने से जब वो मेड आपके यहां काम कर रही थी, तब वो बंगलादेशी है इस बात का पता क्या आपको नहीं था। आज इस बात का कैसे पता चला कि कामवाली बंगलादेशी है। क्या नौकरानी रखने से पहले पुलिस को सूचित नहीं किया गया, क्या कामवाली का वेरिफिकेशन नहीं करवाया गया था।

जब इससे भी मालकिक के पक्ष में माहौल बनता नहीं दिखा तो एक सीसीटीवी फुटेज निकाली गयी 10 सेकंड की, जिसमें दिखाया गया कि नौकरानी चलकर आ रही है। ये 10 सैकंड का फुटेज मीडिया को इसलिए दिया गया ताकि मीडिया तथ्यों के साथ खबर चला सके कि नौकरानी को कुछ नही हुआ था, वो बिलकुल ठीकठाक थी।

शाम तक खेल सेट हो चुका था, अब चैनल नौकरानी की पिटाई भूलकर उसके बंगलादेशी होने की खबर चला रहे थे। इस तरह गरीब की आवाज़ सुनने की जगह उसको दबाने की भरपूर कोशिश की गई, मगर दिल्ली महिला आयोग द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेने के कारण ऐसा नहीं हो पाया और मालकिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो पाई।

Similar News