सिर्फ 120 दिनों में कश्मीर को 17,878 करोड़ रुपये का नुकसान, स्टडी रिपोर्ट रिपोर्ट से खुलासा
कश्मीर की अर्थव्यवस्था को लेकर नई स्टडी रिपोर्ट आई सामने, रिपोर्ट के मुताबिक पर्यटन क्षेत्र जर्जर स्थिति में है। कारीगर और बुनकर बेरोजगार हैं। अनुमानित 2,520 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ विनिर्माण क्षेत्र में काम चल रहा है।
श्रीनगर से फैजान मीर की रिपोर्ट
जनज्वार। पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है। बीते चार महीनों में कई पाबंदियों और शटडाउन के चलते कश्मीर की अर्थव्यवस्था को 17,878 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है।
पांच अगस्त की घोषणा के बाद हुए नुकसान की क्षेत्र वार रिपोर्ट जारी की गई है। इसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह नुकसान का आकलन साल 2017-18 के सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर है।
संबंधित खबर : जाकिर नाइक - मोदी सरकार ने दिया था लालच कि तुम करो कश्मीर में 370 पर समर्थन, हम हटाएंगे मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी स्टडी के लिए कश्मीर घाटी के दस जिलों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें जम्मू और कश्मीर की कुल आबादी का 55 शामिल था। गणना के लिए 120 दिनों का समय माना गया। इस प्रक्रिया के मुताबिक कश्मीर की अर्थव्यवस्था को 17,878.18 करोड़ का नुकसान हुआ है।
इसमें कहा गया है कि यह इकाई धारकों की वास्तविक संख्या और प्रत्येक क्षेत्र में लगे व्यक्तियों, नौकरी और वित्तीय नुकसान के आधार पर आकलन किया गया।
चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) ने कहा कि वर्तमान व्यवधान के कारण लाखों लोगों की नौकरियों का नुकसान हुआ है। वित्तीय संस्थानों के उधारकर्ताओं ने अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता खो दी है और पर्याप्त संख्या में खातों के दिवालिया होने की संभावना है, कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हो गए हैं या बंद करने पर विचार कर रहे हैं।
संबंधित खबर : जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष अशोक कौल बोले, 1990 के जैसे हालात बनाना चाहते हैं दूसरी पार्टियों के नेता
केसीसीआई ने कहा कि नुकसान का आकलन करने या असहाय किसानों का सपोर्ट करने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया। इसमें कहा गया है कि पर्यटन क्षेत्र जर्जर स्थिति में है। कारीगर और बुनकर बेरोजगार हैं। अनुमानित 2,520 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ विनिर्माण क्षेत्र में काम चल रहा है।