जाकिर नाइक : मोदी सरकार ने दिया था लालच कि तुम करो कश्मीर में 370 पर समर्थन, हम हटाएंगे मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा
डॉ. जाकिर नाइक का दावा, मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 पर मांगा था समर्थन, मनी लॉन्ड्रिंग के केस हटाने और सुरक्षित भारत लौटने का दिया था ऑफर...
जनज्वार। विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने दावा किया है कि केंद्र सरकार की मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने पर उनका समर्थन मांगा था। इसके एवज में भाजपा ने उन्हें 'सुरक्षित तरीके से भारत लौटने' और उनके खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को हटाने की पेशकश की थी।
जाकिर नाइक की टीम की ओर से शनिवार 11 दिसंबर को जारी किए गए वीडियो में नाइक ने कहा कि सितंबर में भारत सरकार के एक दूत ने उनसे संपर्क किया था। प्रतिनिधि ने उस वक्त कश्मीर के हालात पर इस सौदे की पेशकश की थी। नाइक का कहना है कि उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी थी।
संबंधित खबर : कश्मीर में नेटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, कहा लगातार धारा 144 लागू रखना सरकारी शक्ति का दुरुपयोग
बता दें कि जाकिर नाइक बीते तीन सालों से मलेशिया में रह रहे हैं। नाइक पर भारत में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने और गैरकानून गतिविधियों को अंजाम देने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। नाइक जुलाई 2016 में ढाका में हुए आर्टिसन बेकरी के आतंकी हमले के सिलसिले में भारत और बांग्लादेश दोनों जगह जांच का सामना कर रहा है।
https://www.facebook.com/zakirnaik/videos/584527385736640/
नाइक वीडियो में दावा कर रहे हैं, 'मोदी सरकार के प्रतिनिधि ने कहा कि वह उनके (नाइक) और भारत सरकार के बीच पैदा भ्रम और गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं और मुझे भारत आने के लिए सुरक्षित तरीका देना चाहते हैं। आए हुए प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि वह भारत और अन्य मुस्लिम देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए मेरे संपर्कों का उपयोग करना चाहेंगे।'
नाइक का कहना है, 'बैठक कई घंटों तक चली और उन्होंने मुझसे कहा कि वह चाहते हैं कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने का मैं समर्थन करूं। लेकिन मैंने साफ मना कर दिया था।'
नाइक ने कहा कि प्रस्ताव से इनकार करने के बाद, उन्हें भविष्य में भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सार्वजनिक बयान न देने के लिए कहा गया। विवादास्पद उपदेशक के दावे के लगभग एक महीने बाद मालदीव की संसद के अध्यक्ष मोहम्मद नशीद ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था, 'जाकिर नाइक मालदीव आना चाहते थे, हमने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।'
नाइक ने कहा कि उनका मानना है कि भारतीय मुस्लिम नेता जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम या नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्ट्रार के समर्थन में बयान जारी किए हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए या तो 'ब्लैकमेल', 'दबाव या मजबूर' किया गया होगा। नाइक का बयान अकादमिक शेख यासिर कादी द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में आया, जिसने इसी तरह के दावे किए थे।