दूसरे धर्म और जाति में शादी करने वालों को केरल सरकार देगी अलग घर

Update: 2020-03-07 11:20 GMT

सामाजिक न्याय मंत्री केके शैलजा ने कहा कि 'सुरक्षित घरों' की स्थापना के लिए शुरुआती कदम उठाए गए हैं, जहां ऐसे जोड़े शादी के एक साल बाद तक रह सकते हैं...

जनज्वार। ऐसे समय में जब अपनी जाति और धर्म के बाहर शादी करने वाले लोग देश के कई हिस्सों में अशांति और खतरों का सामना कर रहे हैं, वहीं केरल सरकार उन्हें एक सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने के लिए 'सुरक्षित घरों' को खोलने के लिए कमर कस रही है। सामाजिक न्याय विभाग ने सभी जिलों में ऐसी सुरक्षित सुविधाएं शुरु करने की अनूठी पहल शुरु की है।

सामाजिक न्याय मंत्री केके शैलजा ने कहा कि 'सुरक्षित घरों' की स्थापना के लिए शुरुआती कदम उठाए गए हैं, जहां ऐसे जोड़े शादी के एक साल बाद तक रह सकते हैं। मंत्री शैलजा ने विधानसभा में बताया कि इसका उद्देश्य उनके लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह पहल स्वैच्छिक संगठनों के समर्थन से की जा रही है।

Full View कहा कि सामाजिक न्याय विभाग पहले से ही ऐसे जोड़ों को स्वरोजगार के लिए 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता दे रहा है जो सामान्य श्रेणी में हैं और उनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है। उसी समय यदि उनमें से एक अनुसूचित जाति समुदाय का है तो उन्हें 75,000 रुपये की सहायता दी जा रही है।

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सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों में स्थानांतरण के समय अंतर-धार्मिक जोड़ों को विशेष विचार के लिए श्रेणी में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उन्हें आरक्षण देने के लिए कोई कानून नहीं है। हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों में अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक जोड़ों के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार और हमलों की घटनाएं सामने आई हैं।

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