मालिकों के हित में बदलते श्रम कानून

Update: 2017-12-10 12:33 GMT

मासा का पश्चिम बंगाल कन्वेंशन संपन्न

मालिकों के हित में श्रम कानूनों को बदला जा रहा है, स्थाई मजदूरी की जगह ठेकाकरण का बोलबाला है और मजदूरों को जीने योग्य न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है...

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के फुलेश्वर में कल 9 दिसंबर को मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (MASA) का राज्य स्तरीय कन्वेंशन सम्पन्न हुआ। सभा में मज़दूर आंदोलन को संघर्षशील और क्रांतिकारी दिशा देने के लिए देश के जुझारू मज़दूर संगठनों के प्लेटफॉर्म के हिसाब से मासा की राजनीति को विस्तृत रूप से पेश किया गया।

ठेका प्रथा, असंगठित मज़दूर, श्रम कानून में मज़दूर विरोधी सुधार, न्यूनतम मजदूरी आदि विषयों को लेकर और स्थापित केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के समझौतापरस्त राजनीति के विपरीत विकल्प आधार के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने पर इस दौरान चर्चा की गई।

मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान मजदूर वर्ग के सामने आज खड़ी समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहे देशभर के जुझारू 16 संगठनों का एक मंच है। यह लगभग 2 वर्षों से सक्रिय है। इस मंच का गठन एक ऐसे समय में हुआ देश का मजदूर आंदोलन बेहद चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है।

आज लंबे संघर्षों के दौरान मिले श्रम कानूनी अधिकारों को बेरहमी से छीना जा रहा है। मालिकों के हित में उसे बदला जा रहा है, स्थाई मजदूरी की जगह ठेकाकरण का बोलबाला है और मजदूरों को जीने योग्य न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है।

ऐसे में इस मंच ने संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को गोलबंद करने के लिए 3 मुद्दों को लेकर मंच का गठन किया- जिसमें मजदूरों के श्रम कानूनी अधिकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ, श्रम कानूनों को मालिकों के हित में बदलने के खिलाफ और मजदूर हित में श्रम कानून बनाने, न्यूनतम मजदूरी ₹22000 करने और स्थाई काम के लिए स्थाई भर्ती करने व गैरकानूनी ठेका प्रथा को खत्म करने की मांग को प्रमुखता से उठाया।

बुनियादी तौर पर मजदूरों की गोलबंदी करने के साथ देश के विभिन्न राज्यों में मजदूर कन्वेंशन की प्रक्रिया चल रही है। तेलंगाना, हरियाणा, महाराष्ट्र, दमन दीव आदि राज्यों के बाद अब पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में यह कन्वेंशन संपन्न हुआ, जिसमें जमीनी स्तर पर संघर्ष को संगठित करने का आह्वान किया गया। आगामी दिनों में देश के अन्य राज्यों में मज़दूर कन्वेंशन के साथ विभिन्न मुद्दों पर गोलबंदी व प्रदर्शन की योजना है।

TUCI के संजय सिंघवी व शर्मिष्ठा, ग्रामीण मज़दूर यूनियन बिहार से अशोक, जन संघर्ष मंच हरियाणा से सोमनाथ, इंक़लाबी मज़दूर केंद्र से श्यामबीर, मज़दूर सहयोग केंद्र गुड़गांव से रामनिवास, IFTU आँध्र प्रदेश-तेलेंगाना से रामाराव, IFTU सर्वहारा से आकांक्षा, खदान मज़दूर यूनियन झारखंड से महेश, हिंदुस्थान मोटर्स SSKU से अमिताभ, बाउरिया कॉटन मिल पश्चिम बंगाल से तपती, कुशल देवनाथ आदि ने सभा को संबोधित किया। 

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