बल प्रयोग कर मेधा पाटेकर को किया गिरफ्तार

Update: 2017-08-07 19:21 GMT

पिछले 12 दिनों से उपवास पर बैठी मेधा पाटेकर को अभी शिवराज सिंह चौहान की पुलिस ने लाठीचार्ज कर गिरफ्तार कर लिया है...

मध्यप्रदेश, धार। बड़वानी जिले के 40 हजार बांध प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए धार जिले के चिखल्दा गांव में उपवास पर बैठीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को अभी गिरफ्तार कर लिया गया है। वह पिछले 12 दिनों से उपवास पर थीं और उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी।

गिरफ्तारी के बाद मेधा पाटकर इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती हैं। उन्हें आईसीयू में रखा गया है। उपवास की वजह से उनकी तबीयत ठीक नहीं हैं। 

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने मेधा की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा, 'न संवाद, न सुनवायी, न समाधान बस जोर, जबर और जेल ये कैसा लोकतंत्र?'

शिवराज सिंह सरकार ने कल ही मेधा पाटेकर से अपील की थी कि वह अपना उपवास खत्म कर दें लेकिन मेधा का कहना था कि सरकार जब तक कोई वार्ता नहीं करती है तब तक वह अपने उपवास से पीछे नहीं हटेंगी। मेधा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, 'हमारे स्वास्थ्य की बजाए सरकार आदिवासी किसानों की चिंता करे। सुप्रीम कोर्ट में सही एफीडेविट दे और पहले गेट खोले, पूनर्वास करे और फिर डूब की इजाजत मिले।' 

लेकिन आज शिवराज की पुलिस ने आंदोलनकारियों पर हिंसा की है जबकि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान आंदोलनकारी हिंसा नहीं वार्ता का नारा लगा रहे थे।

सामाजिक कार्यकर्ता भूपेन रावत के मुताबिक, '27 जुलाई से 11 अन्य साथियों के साथ भूख हड़ताल पर बैठी मेधा पाटकर को शिवराज सिंह सरकार ने बल पूर्वक गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान नर्मदा बचाओ आंदोलन के सैकडों कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज कर भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारियों के साथ सैकडों समर्थकों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।

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धरने में शामिल पूर्व विधायक डॉक्टर सुनीलम के मुताबिक मेधा के उपवास का आज 9वां दिन है लेकिन कोई भरोसेमंद आश्वासन नहीं दे रही है। बड़वानी में न सिर्फ मेधा की तबीयत बल्कि अन्य आंदोलनकारियों की भी तबीयत बिगड़ती जा रही है। सवाल है कि शिवराज सिंह चौहान उजाड़ना जानते हैं, बसाना क्यों नहीं।

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नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ती में कहा गया है कि विस्थापितों के बारे में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारी रजनीश वैश्य ने गलत और झूठे वक्तव्य जारी किये हैं। वैश्य का यह कहना कि अब मात्र लगभग 5000 परिवार पुनर्वास के लिए बाकी रह गए हैं, जो कि एक झूठा व पीड़ितों को भ्रमित और रोष में लाने वाला वक्तव्य है।

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