मजदूरों के पेट में अन्न नहीं, लेकिन योगी सरकार के विधायक अपनी निधि खर्च करेंगे गौशालाओं पर

Update: 2020-05-15 10:22 GMT

सरकारी आदेश में कहा गया है कि निजी व्यक्तियों को छोड़कर, आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण एमएलएएलएड के तहत किया जा सकता है...

लखनऊ/आईएएनएस। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक प्रावधान किया है जिसके तहत विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास (एमएलएएलएडी) फंड का इस्तेमाल गौशालाएं बनाने के लिए कर सकते हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पहले एमएलएएलएडी फंड से गाय आश्रयों की मरम्मत या निर्माण की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब विधायक इसके लिए धनराशि निकाल सकते हैं।

13 मई को सरकार के प्रमुख सचिव, ग्रामीण विकास और पंचायती राज द्वारा विधायकों को संबोधित एक सरकारी आदेश (जीओ) जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि निजी व्यक्तियों को छोड़कर, आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण एमएलएएलएड के तहत किया जा सकता है।

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सके अलावा मौजूदा गौ-आश्रयों, अभयारण्यों और संरक्षण केंद्रों के शेड्स और बाउंड्री वॉल के विस्तार, भंडारण, क्षमता वृद्धि और संरक्षण केन्द्रों, कान्हा उपवन/ गौशालाओं का निर्माण करने में विधायकों की स्थानीय क्षेत्र विकास निधि का उपयोग किया जा सकता है।

Full View साल अगस्त में, राज्य सरकार ने आवारा पशुओं के रखरखाव के लिए किसानों के लिए 30 रुपये प्रतिदिन देने की योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी और पहले चरण में 110 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी। पैसा उन लोगों के बैंक खातों में सीधे जमा किया गया जो आवारा पशुओं के लिए काम करते हैं। इन्हें हर तीसरे महीने में भुगतान किया गया।

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2019-20 के राज्य के बजट में, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में गाय आश्रयों के रखरखाव और निर्माण के लिए 247.60 करोड़ रुपये और शहरी क्षेत्रों में 'कान्हा गौशाला' और निराश्रित पशु आश्रयों के रखरखाव के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

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