6 साल में 8 लाख बेरोजगारों में से सिर्फ 992 को नौकरी दे पाई हरियाणा की खट्टर सरकार
सीएम मनोहर लाल ने विधानसभा चुनाव से पहले यह किया था दावा कि प्रदेश में बेरोजगारी कोई मुद्दा ही नहीं है। हरियाणा कर्मचारी चयन ने पांच वर्षों में 70 हजार युवाओं को नौकरी दी है। प्राइवेट फैक्ट्रियों व उद्योगों में राज्य के 5 लाख युवाओं को रोजगार मिला है...
जनज्वार ब्यूरो। विधानसभा चुनाव से पहले सीएम मनोहर लाल ने दावा किया कि प्रदेश में बेरोजगारी कोई मुद्दा नहीं है। इसकी पोल प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में दर्ज आंकड़ों से ही खुल रही है। प्रदेश के प्रत्येक जिले के रोजगार कार्यालयों से मिली जानकारी के मुताबिक अक्टूबर 2014 से जनवरी 2020 तक यानी पांच साल तीन माह में 7,96,462 में से केवल 992 को ही रोजगार मिला है। दरअसल कैथल निवासी मेहर चंद्र ने आरटीआई के जरिए इससे जुड़ी जानकारी मांगी थी।
मेहर चंद्र ने बताया कि वह हैरान हैं कि एक ओर तो सरकार दावा कर रही है कि रोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं। दूसरी ओर आंकड़े कुछ अलग ही कहानी कह रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह रोजगार की वास्तविक स्थिति जानना चाहता था। इसी को लेकर उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी।
सीएम के विधानसभा क्षेत्र में 60 हजार बेरोजगार
रोजगार कार्यालय की ओर से जो जानकारी दी गयी, इसके मुताबिक सीएम मनोहर लाल के विधानसभा क्षेत्र करनाल जिले में 60,668 बेरोजगार हैं। जबकि इस अवधि में मात्र 116 को ही रोजगार दिया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब सीएम के अपने विधानसभा क्षेत्र का ही यह हाल है तो बाकी प्रदेश के हालात क्या होंगे।
संबंधित खबर : नाकामी छुपाने के लिए मोदी सरकार ने बंद किया बेरोजगारी के आंकड़े इकट्ठा करना
मेवात में 486 तो गुड़गांव में एक को भी नहीं मिला रोजगार
इस अवधि में मात्र मेवात जिला ही ऐसा है जहां सबसे ज्यादा रोजगार दिया गया है। यहां 486 युवाओं को रोजगार मिला है जबकि यहां 12,300 बेरोजगार दर्ज हैं। गुड़गांव में 11,442 में से शून्य तो कैथल में दर्ज 48,523 बेरोजगारों में से मात्र पांच को ही रोजगार मिला है। यह रोजगार भी पब्लिक सेक्टर क्षेत्र में ही उपलब्ध कराए गए हैं।
उनका दावा था कि प्रदेश में बेरोजगारी कोई मुद्दा ही नहीं है। हरियाणा कर्मचारी चयन ने पांच वर्षों में 70 हजार युवाओं को नौकरी दी है। हरियाणा लोकसेवा आयोग ने इस अवधि में 3 हजार युवाओं को क्लास-टू और क्लास-1 के पदों पर नियुक्त किया। प्राइवेट फैक्ट्रियों व उद्योगों में राज्य के 5 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। उनके कार्यकाल में राज्य में छोटे और बड़े 58 हजार नए उद्योग लगे हैं।
सक्षम युवा योजना में दे रहे रोजगार
सक्षम युवा योजना के तहत 97 हजार युवाओं ने आवेदन किया था। इनमें से 82 हजार युवाओं को 100 घंटे काम के बदले रोजगार दिया गया। अब भी 42 हजार युवा इस योजना के तहत काम कर रहे हैं। सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं को 100 घंटे काम के बदले 9000 और ग्रेजुएट युवाओं को 7500 रुपये मासिक वेतनमान देना तय किया है।
सरकारी दस्तावेज ही बता रहे सीएम गलत जानकारी दे रहे हैं
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आरटीआई के दस्तावेज तो सरकारी हैं। अब इससे ही पता चल रहा है कि झूठ कौन बोल रहा है? जो सीएम यह बोले कि बेरोजगारी कोई मुद्दा ही नहीं है, इससे उनकी सोच पता चलती है। यह सरकार गलत तथ्य पेश कर लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है। सरकार का कोई एजेंडा ही नहीं है। बेरोजगरी के आंकड़े बता रहे हैं कि प्रदेश की स्थिति कितनी खराब है। यदि युवाओं को रोजगार ही नहीं मिलेगा तो वें करेंगे क्या?
कोई उद्योग नहीं लगा प्रदेश में
इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने बताया कि प्रदेश में कोई उद्योग नहीं लगा। सरकार रोजगार के अवसर पैदा करने में नाकाम है। सरकार के पास कोई नीति ही नहीं है। बस गलत जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि बेरोजगार युवाओं को यदि काम नहीं मिलेगा तो वह गलत कामों की ओर ही जाएगा। इससे प्रदेश में अपराध को बढ़ावा मिलेगा। युवा हमारी ताकत हैं लेकिन इस ताकत को सरकार कमजोर करने पर तुली हुई है।
संबंधित खबर : बेरोजगारी की मार झेल रही उत्तराखण्ड की ग्रामीण महिलाओं का दोहरा शोषण
सक्षम युवा योजना का कोई लाभ नहीं
यूथ फॉर चेंज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि सरकार की सक्षम युवा योजना का कोई लाभ नहीं है। युवाओं को ऐसी जगह काम पर लगा दिया जहां उनके लायक काम ही नहीं है। इस वजह से वहां से युवाओं ने काम छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के छह साल के शासन में प्रदेश में रोजगार को लेकर कोई नीति ही नहीं है। सिर्फ बयानबाजी हो रही है।
आरटीआई कार्यकर्ता मेहर चंद्र ने कहा कि युवाओं को रोजागर चाहिए। नेताओं के भाषण हमारा पेट नहीं भर सकते हैं। विधानसभा चुनाव से पहले यदि सीएम बेरोजगारी को कोई मुद्दा नहीं बताते तो विपक्ष का दायित्व बनता था कि वह जनता को हकीकत बताए। लेकिन विपक्ष ने भी इस दिशा में कोई काम नहीं किया। मेहर चंद्र ने कहा कि इस मसले पर राजनीति की बजाय काम होना चाहिए जिससे हर हाथ को काम मिले। क्योंकि काम के बिना युवा अवसाद में जा रहे हैं।