वेदांता कंपनी के प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 9 लोगों की मौत

Update: 2018-05-22 22:58 GMT

तमिलनाडू में महीनों से चल रहा था धरना, प्रदूषण फैला रही थी वेदांता कंपनी और लोग मांग कर रहे थे उसे बंद करने की, पर मिली गोलियां और मौतें

जनज्वार। देश के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले में वेदांता ग्रुप की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे 9 लोगों की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गयी है और करीब 40 के घायल होने की सूचना है। घायलों में पत्रकार और कैमरामैन शामिल हैं। राज्य के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए दे दिए हैं।

बताया जा रहा है 9 लोगों की उस समय मौत हुई जब वे प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि गोलीबारी की नौबत आई क्योंकि भीड़ हिंसक हो गयी थी।

पर सवाल है कि महीनों से प्रदूषण के खिलाफ संघर्षरत लोगों की आवाज क्यों नहीं सुनी गयी? क्या इसका कारण वेदांता ग्रुप आॅफ कंपनीज के मालिक अनिल अग्रवाल की प्रधानमंत्री मोदी से नजदीकियां हैं या दोष राज्य सरकार का है, जिसके लिए प्रदूषण दूर करने का सही तरीका लोगों पर गोलियां चलवा देना है।

कंपनी के खिलाफ सबसे पहले मार्च 2013 में प्रदर्शन् हुआ था, जब प्लांट में हुए रिसाव के कारण सैकड़ों लोग गला, नाक, सांस और जबड़ा संबंधित रोगों से पीड़ित हो गए थे। तब राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने प्लांट बंद करने के आदेश दिए थे, लेकिन नेशलन ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार के फैसले को पलटते हुए कंपनी चलाने की इाजाजत दे दी थी।

गौरतलब है कि तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले में वेदांता ग्रुप की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ स्थानीय नागरिक महीनों से प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि कंपनी की वजह से प्रदूषण फैल रहा है। अब इस कंपनी को आगे चलाने की अनुमति न दी जाए।

कंपनी का 25 साल का अनुबंध पूरा हो चुका था, जिसे कंपनी फिर से आगे बढ़ाना चाहती थी। पर लोगों की मांग पर राज्य सरकार ने कान नहीं दियज्ञ।

स्टरलाइट कॉपर कंपनी में धातु गलाया जाता है। ब्रिटेन की कंपनी वेदांता की यह शाखा एक साल में चार लाख टन तांबे का तार बनाती है. कंपनी हर साल 80 हज़ार टन तांबे के तार का उत्पादन करने की तैयारी में है। इसी सिलसिले में उसने कंपनी की नई युनिट खोलने की घोषणा की थी, जिसके खिलाफ व्यापक विरोध हो रहा था।

पुलिस के अनुसार करीब 20 हजार प्रदर्शनकारी शहर के चर्च गेट के पास इकट्ठे हुए। वे कंपनी तक मार्च करने पर अड़े हुए थे, लेकिन जिला प्रशासन ने इजाजत नहीं दी। इसी बात को लेकर पुलिस और लोगों में ठन गई और प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए, जिसके बाद पुलिस की लाठीचार्ज और गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हो गयी।

हालांकि राज्य सरकार ने अब नौ लोगों की मौत के बाद आश्वस्त किया है कि कंपनी के बारे में लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए कंपनी के चलने न चलने को लेकर फैसला किया जाएगा।

इधर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि यह सरकार प्रायोजित आतंकवाद की बर्बर मिसाल है। उन्होंने कहा कि अन्याय का विरोध करने के लिए इन नागरिगों की हत्या की गई है। इन शहीदों के परिवारों और घायलों के प्रति मेरी संवेदना और प्रार्थना है।

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