प्रेमचंद की कहानियों में व्यक्ति नहीं, तंत्र है खलनायक'

Update: 2017-07-31 14:26 GMT

रुद्रपुर, उत्तराखण्ड। महान कथाकार प्रेमचंद जयन्ती की पूर्व संध्या पर 'आजकल हमलोग' द्वारा 30 जुलाई को स्थानीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रेमचंद की कहानी 'सद्गति' पर आधारित सत्यजीत रे की फिल्म का प्रदर्शन हुआ और चर्चा हुई।

चर्चा में वक्ताओं ने कहा कि दलित उत्पीड़न को उभारती यह कहानी इस सच को बताती है कि सवर्ण द्वारा दलितों को खटिया, आग या पानी देने से छूत लग जाती है लेकिन दलितों के उपले, सेंठे, भूसा, लकड़ी उठा ले जायेंगे, वहाँ कोई छूत नहीं लगेगी।

चर्चा को आगे बढ़ाते हुए पंतनगर के प्रोफेसर भूपेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रेमचंद की कहानियों में आम जनता के दुख तकलीफ आते हैं, यथार्थ से बदलाव की तड़प दिखती है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि प्रेमचंद के पूरे साहित्य में कोई व्यक्ति खलनायक नहीं दिखता, अपितु शोषणकारी व्यवस्था खलनायक के रूप में उभरती है। पत्रकार रूपेश कुमार ने कहा कि वास्तविक चीज यथार्थ को चित्रित करता है, वास्तव में साहित्य समाज का दर्पण है।

साहित्यकार प्रियंवद ने कहा कि साहित्य समाज को आगे ले जाने की मशाल है। उन्होंने कहा कि लेखन और फिल्म दो विधाएं हैं। लेखन रचनाकार की कृति होती है, जबकि फिल्म समूह की रचना होती है। 'सद्गति' की प्रस्तुति को इसी रूप में देख सकते हैं।

अयोध्या प्रसाद भारती ने कहा कि पत्रकारिता की एक विधा कहानियों के रूप में भी प्रस्तुत होती है, जिसे प्रेमचंद ने बखूबी प्रस्तुत किया। कमला बिष्ट ने कहा कि प्राचीन काल से ही मानसिक गुलामी की बेड़िया समाज को जकड़े हुए है। अश्विनी पाटिल ने कहा कि समय के साथ बदलाव तो हुआ है, लेकिन मानसिकता के स्तर पर हम वहीं खड़े हैं।

मजदूर सहयोग केन्द्र के मुकुल ने कहा कि एक तरफ वैश्विक गाँव की बात हो रही है, दूसरी ओर समाज को खण्डों में बांटा जा रहा है। मुनाफे की अंधी हवस मेहनतकश दलित—दमित आबादी को तबाह कर रही है, ठीक इसी समय जातिगत व साम्प्रदायिक हमले तेज हो रहे हैं। पूरा समाज एक बड़ी साजिश और विभ्रम का शिकार है। ऐसे में जनपक्षधर ताकतों को सही सोच के साथ प्रतिरोध संघर्षों को आगे बढ़ाना होगा। प्रेमचंद को याद करने का यही अर्थ है।

कार्यक्रम में श्रमिक संयुक्त मोर्चा के महासचिव गणेश मेहरा, ब्रिटानिया श्रमिक संघ के महामंत्री प्रदीप साह, शंकर सिंह, अर्जुन सिंह, सचिन गुलाटी, क्रान्तिकारी नौजवान सभा के शिवशान्त, अजय कुमार, अरुण नौटियाल, अंजार अहमद आदि ने भी शिरकत की।

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