हरियाणा के मुकाबले पंजाब में कोरोना से होने वाली मौतों की तादाद ज्यादा, NRI के आने से बिगड़ी स्थिति

Update: 2020-04-24 15:09 GMT

एनआरआई के आने से बिगड़े पंजाब के हालात, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंदर सिंह ने कहा हेल्थ विभाग और पुलिस लगातार कर रही है काम, यही वजह है कि हम संक्रमण को काफी हद तक कंट्रोल करने में रहे हैं कामयाब

जनज्वार ब्यूरो, चंडीगढ़। कोविड-19 के मामलों में हरियाणा और पंजाब की यदि तुलना की जाये तो पंजाब में मृत्यदर ज्यादा है। इसके साथ ही वहां रिकवरी रेट भी हरियाणा की तुलना में कम है। पंजाब में 283 कोरोना संक्रमित मरीज रिकॉर्ड किया गया। इसमें से 17 की मौत हो चुकी है, जो कि कुल मरीजों का छह प्रतिशत है। यह राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली मौत से तीन प्रतिशत ज्यादा है। इसके विपरीत हरियाणा में मृत्युदर अपेक्षाकृत कम है।

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हां अभी तक तीन मौत ही रिकॉर्ड की गयी है। हरियाणा में संक्रमण के 275 मरीज है। इस तरह से यदि मौत का औसत देखें तो यह 1.09 प्रतिशत बढ़ रहा है। कैप्टन अमरेंदर सिंह ने बताया कि मौत ज्यादा क्यों हो रही है, इसका अध्ययन कराया जा रहा है। इसके लिए गुरुवार 23 अप्रैल को ही एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसा महसूस हो रहा है कि संक्रमित मरीज अस्पताल आने में देर कर रहा है।

पंजाब में हरियाणा के मुकाबले कोरोना से होने वाली मौतों और संक्रमित मरीजों की तादाद ज्यादा होने का एक बड़ा कारण यह भी है कि यहां आने वाले एनआरआई की संख्या हरियाणा से कहीं ज्यादा है।

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गंभीर स्थिति होने पर ही वह अस्पताल में आते हैं, लेकिन तब तक स्थिति काबू से बाहर हो जाती है। मौत की यह भी एक वजह सामने आ रही है। कैप्टन ने आह्वान किया कि यदि किसी को भी यह लगता है कि उसे संक्रमण हो गया है, वह तुरंत अपना चैकअप कराये। इससे पहली ही स्टेज पर बीमारी का पता चल जायेगा, जिससे मरीज के ठीक होने के चांस काफी बढ़ सकते हैं।

पंजाब में शुक्रवार 24 अप्रैल को 11 नए मामले सामने आये हैं। नये मामलों को यदि जोड़ लिया जाये तो अब प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 298 हो गई। पटियाला संक्रमण का तीसरा बड़ा जिला बनने जा रहा है, यहां अभी तक 55 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। पहले नंबर पर मोहाली (62) और दूसरे नंबर पर जालंधर (59) है।

सी बीच सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में लॉकडाउन हटेगा या नहीं, यह शनिवार को पता चलेगा। क्योंकि विशेषज्ञों की कमेटी अपनी रिपोर्ट शनिवार 25 अप्रैल को आयेगी। इसके बाद ही आगे की रणनीति अमल में लायी जायेगी।

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सीएम कैप्टन अमरिंदर ने एक बार फिर से दोहराया कि उनकी प्राथमिकता पंजाबियों के जीवन को बचाने की है। उन्होंने कहा कि अगर कमेटी सिफारिश करेगी कि लॉकडाउन खोला जा सकता है, इसक बाद ही वह इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। हालांकि वह जानते हैं कि लाॅकडाउन को अनिश्चित समय तक नहीं रखा जा सकता है। कभी न कभी तो इसे खत्म करना ही पड़ेगा। लेकिन इसके लिए हमें उचित मौके की तलाश करनी होगी। हम अपनी ओर से कोई जल्दबाजी नहीं करना चाह रहे हैं। यही वजह है कि हम कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।

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