सीएए-एनआरसी के खिलाफ पंजाब विधानसभा प्रस्ताव हुआ पारित, केरल सरकार की तरह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी पंजाब सरकार, अमरिंदर सिंह बोले तोड़ा जा रहा है हिन्दू - मुस्लिम भाईचारा...
जनज्वार। पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें सीएए को निरस्त करने के साथ एनआरसी में संशोधन की मांग की गई। बाद में मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि केरल की तरह ही हम भी सीएए को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि पंजाब में जनगणना पुराने मापदंडो के अनुसार ही की जायेगी। एनपीआर के उद्देश्य के लिए केंद्र द्वारा जोड़े गए नए कारकों को शामिल नहीं किया जाएगा।
प्रस्ताव पर सदन में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, 'यह हमारे देश में क्या हो रहा है? यूपी में इतने लोग मारे गए, हर तरफ छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे। 1930 के दशक में जर्मनी में ऐसा ही हुआ था। कम्युनिस्टों को पहले निशाना बनाया गया और फिर यहूदियों को मार दिया गया। यह बोलने का समय है। जर्मन तब नहीं बोलते थे और वे इसपर पछतावा करते थे लेकिन हमें अब बोलना होगा ताकि बाद में हमें पछतावा न हो।'
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल पर निशाना साधते हुए कहा कि ये संसद में कानून का समर्थन कर रहे थे और अपने राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग स्वर में बोल रहे थे। मैं आपको हिटलर के मीन कैम्फ की एक प्रति भेजूंगा। इसे पढ़ें फिर जो तब हुआ वो अब हमारे यहां हो रहा है। मैं पंजाबी में इसकी एक प्रति भेजूंगा।
उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाने की कोशिश की कि अगर असम में 18 लाख लोग अवैध घोषित किए जाते हैं तो अन्य देश उन्हें लेने से मना कर देंगे। ऐसे में क्या गृहमंत्री ने सोचा है कि उन 18 लाख लोगों के साथ क्या किया जाए।
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सदन में प्रस्ताव पारित करने के दौरान विधायकों द्वारा 'बोले सो निहाल सत श्री अकाल' के नारे लगाए गए। ये भी कहा गया की इस कानून से देशभर में सामाजिक अशांति पैदा हो गई है, पंजाब में सभी प्रदर्शन शांतिपूर्वक तरीके से किये गये जिसमें सभी क्षेत्रों के लोग शामिल थे।