तो अब रिटायर्ड IPS दारापुरी और लखनऊ हाईकोर्ट के वकील मो. शोएब की संपत्ति कुर्क करेगी यूपी पुलिस?

Update: 2019-12-30 05:49 GMT

जिन 4 लोगों की संपत्ति कुर्क करने का नोटिस भेजेगी पुलिस उनमें रिटायर्ड IPS एसआर दारापुरी, रिहाई मंच से जुड़े लखनऊ हाईकोर्ट के वकील मो. शोएब, सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर और दीपक कबीर का नाम है शामिल, फिलहाल ये लोग CAA और NRC का विरोध करने के बाद से हैं जेल में बंद...

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में CAA और NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में जमकर हिंसा हुई है। अब तक 2 दर्जन लोगों के मरने की खबर है, वहीं अनगिनत लोगों को पुलिस ने हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए जेलों में बंद कर दिया है।

न अनगिनत लोगों में रिटायर्ड IPS और सामाजिक कार्यकर्ता एसआर दारापुरी और रिहाई मंच से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद शोएब का नाम भी शामिल है। इनके अलावा और भी तमाम लोगों का नाम शामिल है, जिन्होंने पुलिस ने हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए सलाखों में कैद किया हुआ है। सवाल है कि क्या अब पुलिस दारापुरी, मो. शोएब समेत 4 अन्य को हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए उनकी संपत्ति कुर्क करेगी ?

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त्तर प्रदेश में CAA और NRC के खिलाफ तमाम धरना प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद तमाम गिरफ्तारियां हुयीं। दर्जनों लोगों को उनके घरों से उठा लिया गया, जिसमें रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी भी शामिल हैं। इसी के बाद मुख्यमंत्री योगी ने खुलेआम घोषणा की थी कि जो भी लोग किसी भी तरह की हिंसा में संलिप्त होंगे, उनकी संपत्ति कुर्क कर नुकसान की भरपाई की जायेगी।

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मर उजाला में 'रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी समेत चारों को भेजी जाएगी कुर्की की नोटिस' शीर्षक से छपी खबर के मुताबिक 'परिवर्तन चौक पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी समेत चार अन्य को कुर्की का नोटिस भेजेगी।'

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की संपत्ति कुर्क करने के लिए जो सूची तैयार की थी, उसमें एसआर दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर, दीपक कबीर और रिहाई मंच से जुड़े मो. शोएब का नाम नहीं शामिल था।

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Full View लेकर एएसपी पूर्वी सुरेश चंद्र रावत कहते हैं कि 'गलती से चारों का नाम सूची में नहीं डाला जा सका था।एसआर दारापुरी, सदफ जफर, दीपक कबीर और मो. शोएब को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इन चारों पर आरोप है कि इन्होंने प्रदेश में धारा 144 लागू होने के बाद भी गैरकानूनी रूप से लोगों को बुलाकर सम्मेलन किया, और उसी दौरान उपद्रव और हिंसा हुई थी। इसलिए इनकी भी संपत्ति कुर्की का नोटिस पुलिस की तरफ से भेजा जायेगा। हिंसा से हुई संपत्ति की हानि की वसूली के लिए एक-दो दिन में जांच पूरी करके चारों को नोटिस भेजी जाएगी। चारों की संपत्ति कुर्क करके पुलिस नुकसान की भरपाई करेगी।'

NRC और CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में 20 दिसंबर से जेल में बंद उत्तर प्रदेश के पूर्व आईजी एसआर दारापुरी, लखनऊ हाईकोर्ट के वकील मोहम्मद शोएब, रिहाई मंच प्रवक्ता रॉबिन वर्मा, रंगकर्मी व सीपीएम से जुड़े दीपक कबीर से मिलने कल 29 दिसंबर को जेल में मिलने परिजन, मित्र और तमाम सामाजिक—राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोग पहुंचे थे।

जेल में मुलाकात कर लौटे नागरिक परिषद के संरक्षक ओम प्रकाश सिन्हा ने जनज्वार से बातचीत में कहा, 'इन सभी राजनीतिक लोगों को सामान्य अपराधियों के साथ लखनऊ जेल में रखा गया है। 77 वर्षीय दारापुरी कैंसर के मरीज हैं और उनका ईलाज लखनऊ के केजीएमसी अस्पताल में चल रहा है, जबकि 73 वर्षीय मोहम्मद शोएब हार्ट, शुगर, ब्लड प्रेशर और थॉयरॉयड के मरीज हैं।'

गौरतलब है​ कि मोहम्मद शोएब और एसआर दारापुरी पर हाउस अरेस्ट के दौरान घर से उठाकर अन्य संगीन धाराओं समेत 307 का मुकदमा दर्ज किया गया है। ये मुकदमे रिहाई मंच प्रवक्ता रॉबिन वर्मा और रंगकर्मी दीपक कबीर पर भी दर्ज किए गए हैं। रॉबिन से मिलकर आए उनके भाई ने कहा कि मेरे भाई की गिरफ्तारी उस समय की गयी, जब वह 20 दिसंबर को सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बाद हिंदू अखबार के यूपी ब्यूरो चीफ ओमर राशिद के साथ हजरतगंज थाने पहुंचे थे। उसी तरह दीपक कबीर भी अपने साथियों के मिलने पहुंचे थे, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ताओं से जेल में मिलने वालों में किसान नेता शिवाजी राय, ​रिहाई मंच से जुड़े मोहम्मद शोएब की पत्नी, सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय, छात्रनेता ज्योति राय, ओपी सिन्हा समेत कुछ अन्य लोग शामिल थे। जेल से लौटने के बाद किसान नेता शिवाजी राय ने जनज्वार से बातचीत में कहा, 'जेल में बंद सभी साथियों ने शांतिपूर्ण सौहार्द और एकता बनाए रखने की अपील की है। साथ ही पुलिस से हमारी मांग है कि सभी सामाजिक संघर्षों में शामिल साथियों को तत्काल रिहा करे और पूरे प्रदेश में शांतिबहाली में लगे।'

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