JNU हिंसा पर सीनियर वार्डन ने लिखा हॉस्टल की सुरक्षा में रहा असफल, इसलिए दे रहा हूं इस्तीफा

Update: 2020-01-06 07:31 GMT

JNU में मचे तांडव के बाद सीनियर वार्डन ने सौंपा अपना इस्तीफा, कहा सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बावजूद हिंसा रोकने में रहा नाकामयाब इसलिए कर रहा हूं रिजाइन

जनज्वार, दिल्ली। JNU में कल कथित रूप से एबीवीपी के तकरीबन 200 लोगों द्वारा लाठियों—रॉडों के साथ जो तांडव मचाया, उसमें तकरीबन 30 छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत तमाम पदाधिकारियों को गंभीर चोटें आयी हैं।

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स हिंसा के बाद जेएनयू के सीनियर वार्डन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देते हुए आर. मीणा ने लिखा है कि मैंने हॉस्टल की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए, लेकिन असफल रहा। इस वजह से मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं।

गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) कैंपस में कल कथित तौर पर एबीवीपी से जुड़े तकरीबन 200 लोगों ने हॉस्टल में जबरन घुसकर तांडव मचाया था। इन लोगों ने साबरमती हॉस्टल में घुसकर तोड़फोड़ की और छात्रों पर जानलेवा हमला किया, जिसमें 30 से अधिक छात्र-छात्रायें गंभीर रूप से घायल हुए थे।

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जेएनयू कैंपस में रविवार 5 जनवरी को छात्रों पर हमला करने के मामले में आज 6 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम.एस. रंधावा ने कहा है कि "हमने एक एफआईआर दर्ज की है।"

जेएनयू के साबरमती कैंपस में नकाबपोश सैकड़ों लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर लकड़ी और लोहे की रॉडों से हमला कर दिया था। इसमें छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत गंभीर हालत में कई छात्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हुए हैं। गौरतलब है कि स्वराज अभियान प्रमुख योगेंद्र यादव को भी अराजक तत्वों ने तब अपना निशाना बनाया, जब वो जेएनयू में हुई हिंसा का विरोध करने के लिए जेएनयू गेट पर पहुंचे थे।

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मारपीट के बाद योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया था, 'जब एबीवीपी के लोगों ने मेरे साथ मारपीट की तब पुलिसकर्मी वहां खड़े थे, लेकिन कुछ नहीं कर रहे थे। यदि पुलिस डरी हुई है तो वह अपनी वर्दी उतार सकती है।' कल देर रात जेएनयू में नकाबपोशों द्वारा की गयी हिंसा के विरोध में लाखों लोगों ने पुलिस मुख्यालय के आगे प्रदर्शन किया।



गौरतलब है कि जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर पिछले 68 दिन से प्रदर्शन चल रहा है। रविवार 5 जनवरी की सुबह भी छात्र अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे थे। इसी दौरान मारपीट की घटना हुई। जेएनयू छात्र संघ ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर इस घटना में शामिल होने का आरोप लगाया है। वहीं एबीवीपी का कहना है कि इस सबके पीछे लेफ्ट से जुड़े छात्रों का हाथ है।

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