कानपुर का ताजमहल माने जाने वाले जेके मंदिर के पीछे बदहाली में जी रहे लोग, घरों में घुसा सीवर का पानी

Update: 2020-03-04 12:51 GMT

सत्ताधारी पार्टी कितने भी वादे करे कराए पर आमजन के हालात हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे। ऐसा ही मामला देखने मे आ रहा है कानपुर के जेके मंदिर के ठीक पीछे पड़ने वाले लोहारन भट्ठे नाम के मोहल्ले का...

कानपुर से मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार। कानपुर का ताजमहल कहा जाने वाला जेके मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए जितना चर्चित है उतना ही चर्चित इसके पीछे पड़ने वाला मोहल्ला लोहारन भट्टे है। कूड़े के ढेर में लेटते सुअर, कुत्ते व आवारा पशु इस मोहल्ले की शान बने दिख रहे हैं। मोहल्ले से निकलने वाला गंदा सीवर का पानी लोगों के घरों तक में भर चुका है और क्षेत्रीय पार्षद नीरज बाजपेयी कहते हैं कि उसे इससे कोई भी मतलब नहीं है। निगम पार्षद का कहना है कि ऊपर वाले ही जानें।

स मोहल्ले में परचून कि दुकान चलाने वाले आलोक मिश्रा कहते हैं, 'यहां की हालत बेहद खराब है। पार्षद के पास जाओ तो वो ऊपर जाने को कहता है। विधायक के पास जाओ तो वो बजट की बात करता है। 40 साल हो गए कितने ही मंत्री-सांसद बदल गए, महापौर तक आये और चले गए पर उन सबके हालात ज्यों की त्यों हैं। कूड़ा, गंदगी, जलभराव है कि निजात का नाम भी नहीं है। जनप्रतिनिधि आते हैं चुनाव के समय आश्वासन देकर चले जाते हैं। हम लोग ठगे के ठगे से रह जाते हैं।

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हीं के निवासी रंगी लाल कहते हैं कि यहां गंदगी का अंबार इतना है कि वो लोग साफ-सफाई की उम्मीद ही छोड़ चुके हैं। इस गन्दगी के चलते लोगों को दमा, सांस, खांसी जैसी कई तरह की बीमारियां भी हो रहीं हैं । कोरोना वायरस फैल रहा है लेकिन जब हमारा घर मुहल्ला ही साफ नही है तो कैसे किसी और पर आरोप लगा सकते हैं।

लोहारन भट्टा के युवा अतुल शर्मा सीधे सीधे पार्षद नीरज बाजपेई पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि उन्हें इस गंदगी से कोई मतलब नहीं है। अतुल कहते हैं कि किसी के भी दरवाजे पानी भरने पर वो अपना दरवाजा मिट्टी वगैरा डलवाकर ऊंचा कर लेते हैं। जो मूल समस्या है उस पर किसी का ध्यान नहीं जाता। इस गंदगी की वजह से इतनी बीमारियां हो रही हैं। लोग बेहाल हैं लेकिन इससे निजात मिलती नहीं दिख रही है। हम लोग 40 साल से ये गन्दगी देख रहे हैं। कितनी सरकारें आयी और चली गईं लेकिन गंदगी नहीं गई।

लोहारन भट्ठे की निवासी सुनैना रावत, गुड़िया व ज्योति रावत ने मुहल्ले की तमाम समस्याओं को गिनाया। उनका कहना है कि गंदगी से नालियां बंद हो चुकी हैं, आने-जाने में बहुत दिक्कतें होती हैं। नेता लोक वोट के लिए आते हैं लेकिन काम के वक्त गायब हो जाते हैं। जब बात हमारी समस्याओं की आती है तो कोई सुनवाई नहीं होती है। आप खुद देख रहे हैं कि यहां पर कितनी गंदगी है।

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ज राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रशाद मौर्य भी कानपुर पहुचे। वो पहले विकास भवन पहुंचे जहां उन्होंने जिला योजना समिति की बैठक की। बैठक में उन्होंने 7.32 अरब रुपये के कार्यों पर मुहर लगाई। उनके द्वारा शुरू किए जाने वाले जनहित विकास के कार्यों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रधानमंत्री आवास योजना, इंडिया मार्क 2 हैंड पंप, सड़क-पुल निर्माण, शौचालय निर्माण, कूड़ा निस्तारण जैसी योजना चर्चा के बाद बजट पास कर दिया गया।

Full View इसके इतर स्मार्ट सिटी के लिए घोषित शहरों में शुमार हो चुका कानपुर की बदहाली से यहां के निवासियों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यहां लोगों की समस्याएं हैं कि खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं ऐसे में उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशों पर चल रही सभी योजनाएं जनता के लिए महज एक छलावे से अधिक कुछ भी नहीं हैं। ये हम नही वो जनता खुद बोल रहीं है जो तमाम जनहित के वादे करने के बाद इस सरकार से असल रूप में त्रस्त है।

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