दिल्ली दंगे के बीच सांप्रदायिक सद्भाव की कहानी : 'बिरयानी तुम खिलाओ, हलवा हम खिलाएंगे'
जनज्वार। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में हिंसा और असहिष्णुता की घटनाओं के बीच सांप्रदायिक सद्भाव कुछ ऐसी भी कहानियां सामने आ रही हैं जो इलाके में फिर से शांति बहाली उम्मीद जगाती हैं। हिंसा के केंद्र में अच्छे लोग अपने चिंतित और भयभीत साथी नागरिकों को सभी धर्मों के लिए अत्यंत सम्मान दिखाने के लिए सामने आए हैं। लोग अल्पसंख्यक विरोधी तत्वों द्वारा के खिलाफ खड़े होने के लिए आगे आए हैं।
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हिंदुत्ववादी तत्वों ने दिल्ली के अशोक नगर में एक मस्जिद की मीनार के ऊपर भगवान हनुमान को समर्पित ध्वज फहराया था। कुरान को भी जला दिया था लेकिन वहीं दूसरी ओर हिंदुओं और मुसलमानों के एक संयुक्त समूह को मस्जिद के बाहर कुरान के जले हुए पन्नों को इकट्ठा करते हुए देखा गया।
Hindus and Muslims collecting burnt pages of Quran outside the Masjid that was vandalized in Ashok Nagar, Delhi yesterday.
Such is the unity of India that BJP wants to break pic.twitter.com/j4U2qpM9bk
— Kamran (@CitizenKamran)
?ref_src=twsrc^tfw">February 26, 2020
हिंदू पुरुषों के एक समूह ने भी मुस्लिम महिलाओं और अन्य बुजुर्गों को हिंसा केंद्रित इलाके से सुरक्षित रूप से दूर जाने में मदद की। एक वृद्ध मुस्लिम व्यक्ति जो अपने दो पोतों के साथ गोंडा में एक शादी के लिए जा रहा था, हिंसा के कारण उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी। हिंदू युवाओं के समूह द्वारा उन्हें इस क्षेत्र से सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया था। युवाओं का कहना था कि वे हिंदू मुसलमान में विश्वास नहीं करते और वे सभी पहले भारतीय और इंसान हैं इसलिए एक दूसरे को नुकसान से बचाने के लिए आगे आए हैं।
This is our Delhi❤
Ray of hope amidst violence protest
?ref_src=twsrc^tfw">February 26, 2020
दोनों समुदायों के लोगों ने एक एकता मार्च भी निकाला, जिसमें कहा गया कि वे अपने क्षेत्र के माहौल को नफरत से प्रभावित नहीं होने देंगे।
Don't wait for the Govt,
Don't wait for the Police,
They are part of the problem.
We must take out peace & unity march like this in each & every corner of East Delhi. Show them we are ONE. Hindu-Muslim Ekta Zindabad. Hindustan Zindabad! pic.twitter.com/ybPukUhaiG
— Salman Nizami (@SalmanNizami_)
?ref_src=twsrc^tfw">February 25, 2020
दिल्ली के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा के बीच विभिन्न समुदायों के लोगों ने एकजुटता दिखाने के लिए 'बिरयानी तुम खिलाओ, हलवा हम खिलाएंगे' कार्यक्रम में शामिल हुए। लोगों ने हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, सभी हैं आपस में भाई-भाई के नारे भी लगाए।
"Biryani tum khilao halwa hum khilainge" people from different communities joined together to show unity in diversity amid communal violence in parts of Delhi. pic.twitter.com/ObYR5SSiUT
— 𝕽𝖎𝖆𝖟 𝕬𝖍𝖒𝖊𝖉 (@karmariaz)
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हिंसा के बाद जिन लोगों ने कथित तौर पर अपनी जाने बचाने के डर से घरों को छोड़ना शुरु कर दिया था सिख समुदाय ने उन मुस्लिम परिवारों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। मजनू टीला गुरुद्वारा ने उन मुसलमानों को शरण दी है जो अब इस इलाके को छोड़ने पर मजबूर हो गए थे। अन्य गुरुद्वारे भी उन हिंसाग्रस्त इलाकों में उन लोगों को आश्रय देने के लिए आगे जिन्हें शरण, आश्रय और भोजन की आवश्यकता थी।
In one part of Delhi, a gurdwara opens its doors to Muslims and anyone who needs shelter.
In Seelampur, Dalits blocked the roads against mobs, sheltered their Muslim neighbours.
Police and politicians have forgotten their duty; but the people have courage and heart.
?ref_src=twsrc^tfw">February 25, 2020
सीलमपुर में दलित समुदाय के लोगों ने सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश की। वहां दलित समुदाय ने मुस्लिम इलाकों में जाने वाले मार्गों को अवरुद्ध किया और क्षेत्र में दंगाइयों के प्रवेश को रोकने के लिए पहरा दिया। वहीं यमुना विहार में जब दिल्ली पुलिस हिंसा के दौरान लोगों के बचाव के लिए आगे नहीं आई तो स्थानीय नागरिकों ने स्कूली लड़कियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए एक मानव श्रृंखला बनाई।
WATCH : Video from Yamuna vihar
Men forming a human chain to safely escort school girls to safe place!
No Police, No Force to Save them, they are on their own now.
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सामाजिक कार्यकर्ता भी आगे आए हैं। वे स्वयं सहायता समूह बना रहे हैं और उन सभी के लिए हेल्पलाइन शुरू कर रहे हैं जिन्हें राशन की जरूरत है और जो अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित हैं।
A group of concerned citizens are coordinating to provide the following services: verification/dissemination of information, rescue efforts, medical aid, accommodation & food, legal support.
Please DM
?ref_src=twsrc^tfw">February 25, 2020
सबसे ज्यादा दिल को छूने वाली कहानी प्रेमकांत बघेल की है, दंगाइयों ने उनके घर को आग लगाई फिर भी वह अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों को बचाने के लिए आग में कूद गए। प्रेमकांत ने एक ही परिवार के छह लोगों को बचा लिया। लेकिन उनके दोस्त की मां अभी घर में ही थी उन्हें बचाने की कोशिश में प्रेमकांत को चोटें आईं। शिव विहार इलाका हिंसा के घेरे में था इसलिए प्रेमकांत एंबुलेंस की मदद नहीं ले पाए और घर पर ही रहे। उनके परिवार के सदस्यों को उम्मीद नहीं थी कि वह रात में बच पाएंगे। फिर भी अगली सुबह उन्हें जीटीबी अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
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चांदबाग में मुसलमानों और हिंदुओं ने एक साथ आकर उपद्रवियों को समुदाय के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने से रोका। मुसलमानों का कहना है कि उन्होंने एक शांति समिति बनाई है और वे भारत नहीं छोड़ेंगे क्योंकि वे देश के नागरिक हैं। वे कहते हैं कि यह न केवल चांदबाग बल्कि चंद्रपुरी भी है जहां भगवान और अल्लाह एक साथ रहते हैं।