पति की लाश के साथ बंद कमरे में 6 घंटे तक तंत्र-मंत्र करती रही महिला

Update: 2020-03-16 07:39 GMT

ज्वैलर की मौत के बाद उसकी पत्नी 6 घंटे तक लाश को कमरे में लेकर बैठी रही और दावा करती रही कि तंत्र मंत्र के दम पर वह अपने पति को जिंदा कर देगी...

जनज्वार, जयपुर। एक तरफ विज्ञान इतना आगे पहुंचा चुका है कि इंसान चांद तक पर जाने की तैयारी कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ अंधविश्वास ने समाज को खासकर भारतीय समाज को बुरी तरह जकड़ा हुआ है। महिलायें अंधविश्वास के जाल में बुरी तरह फंसी हुई हैं। इसीलिए अंधविश्वास के नाम पर महिलाओं के शारीरिक—मानसिक शोषण की खबरें मीडिया में छायी रहती हैं। जादू-टोना और अंधविश्वास की यह हाइट ही है कि एक महिला 6 घंटे तक अपने पति की लाश को लेकर बंद कमरे में बैठी रही यह कहते हुए कि वह तंत्र मंत्र से अपने पति को ठीक कर देगी, और लोग तमाशा देखती रही।

राजस्थान के सीकर में अंधविश्वास की पराकाष्ठा पार करने वाली यह घटना सामने आयी। यहां सीकर के रामलीला मैदान में हार्ट अटैक से 13 मार्च को सुभाष सोनी नाम के एक ज्वैलर की मौत हो गयी। ज्वैलर की मौत के बाद उसकी पत्नी 6 घंटे तक लाश को कमरे में लेकर बैठी रही और दावा करती रही कि तंत्र मंत्र के दम पर वह अपने पति को जिंदा कर देगी। उस दौरान वह पति का सिर अपनी गोद में रख धार्मिक किताबें भी पढ़ती रही। घंटों तक जब वह कमरे में बंद रही तो बड़ी मुश्किल से लोगों ने दरवाजा खुलवाया और किसी तरह सुभाष का अंतिम संस्कार किया गया।

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हां भी सबसे बड़ी बात सामने यह आयी कि डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर देने के बावजूद जब महिला कमरा बंद कर अपने पति की लाश को लेकर बैठी रही और दावा करती रही कि वह उसे जिंदा कर देगी तो उसे देखने के लिए लोगों का तांता लग ​गया। सैकड़ों लोग घर के बाहर महिला द्वारा पति को जिंदा करने के दावे को अपनी आंखों के सामने सच होता देखने के लिए वहां जमा हो गये। महिला के दावे के विपरीत जब घंटों तक कुछ नहीं हुआ और महिला का दावा खोखला निकला तो परिजनों ने मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया।

हालांकि महिला के पड़ोसियों का कहना है कि कई लोगों ने उसे समझाने की कोशिश की कि जब एक इंसान मर गया है तो उसका वापस जिंदा होना नामुमकिन है, मगर महिला अपनी जिद पर अड़ी रही कि वह तंत्र—मंत्र के बल पर अपने पति को जिंदा कर देगी और इसके लिए उसने बाकायदा शाम 4 बजे तक पति को जिंदा करने का दावा भी कर दिया, जिसके बाद तमाशायी लोगों की वहां बड़े पैमाने पर भीड़ इकट्ठा हो गयी। इसी दौरान वहां पुलिस भी आयी और उसने भी महिला को समझाने की कोशिश की, मगर उसने किसी की एक नहीं सुनी।

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स मामले में जो सबसे बड़ी बात सामने आयी वह यह कि तंत्र मंत्र से पति को जिंदा करने की महिला की जिद में उसके बेटे ने भी उसका पूरा साथ दिया। ताज्जुब यह भी कि जिस महिला ने तंत्र मंत्र से पति को जिंदा करने का दावा किया वह आठवीं तक पढ़ी हुई है और तंत्र मंत्र से पिता को जिंदा करने की मां की जिंद में सहयोग करने वाला बेटा बीएससी पास है।

Full View के मुताबिक सीकर के 50 साल के सुभाष सोनी घंटाघर के पास गुलजार मंजिल में ज्वैलर की दुकान चलाते थे। 12 मार्च को भी वे सुबह 6:00 बजे अपनी दुकान के लिए निकल गये थे और उसी दौरान उन्हें हार्टअटैक का दौरा पड़ा। परिजन उन्हें अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके बाद परिजन उन्हें बिना पोस्टमार्टम के घर लेकर आ गये।

सुभाष सोनी की पत्नी सुमित्रा को जब अपने पति की मौत की खबर मिली और लाश घर पहुंची तो वह 10:00 बजे से अपने पति की लाश को एक कमरे में लेकर बैठ गयी और कमरा बंद कर तंत्र—मंत्र के दम पर उन्हें जिंदा करने का दावा करने लगी। 6 घंटे तक वह लगातार 6 घंटे तक पति की लाश को लेकर कमरे में बैठी रही और बाहर भीड़ तमाशायी बनी रही। बाद में पुलिस समेत कई लोगों ने समझाया तो किसी तरह वह पति का अंतिम संस्कार करने देने को राजी हुई, नहीं तो उससे पहले वह दावा करती रही कि तंत्र विद्या से उसके पति ठीक हो जायेंगे।

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हिला के रिश्तेदारों से मिली जानकारी के मुताबिक 9 साल पहले तंत्र—मंत्र से पति को जिंदा करने का दावा करने वाली महिला की बेटी की मौत हो चुकी है और तभी से वह सदमे में चल रही है। सदमे में ही उसने इस हरकत को अंजाम दिया। महिला पहले ही सदमे से नहीं उबर पायी है, उस पर पति की मौत से वह और बौखला गयी और उसे तंत्र—मंत्र ही अंतिम उपाय समझ आया, इसलिए भी लोगों ने उस पर ज्यादा दबाव नहीं डाला।

भी उस खबर को बहुत दिन नहीं हुए हैं जब एक युवक को करंट लगा तो बजाय इलाज के लोगों ने उसे दबा दिया था, जिसकी बाद में मौत हो गयी। यह घटना उत्तर प्रदेश के अमरोहा में घटी थी। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला थाना क्षेत्र के तहत आने वाले गांव अहरौला का युवक सतवीर छत पर खड़ा हो फोन सुन रहा था। तभी वह हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। 11000 वोल्ट के करंट से युवक बुरी तरह से झुलस कर बेहोश हो गया। परिजन झुलसे युवक को इलाज के लिए डाक्टर पर ले जाने की बजाय अंधविश्वास के चलते गोबर में दबा दिया। काफी देर तक जब युवक के शरीर में कोई हरकत नहीं हुई तो उसे गोबर से निकाल कर मालिश की गयी। इस पर भी बात नहीं बनी तो दोबारा गोबर में दबाने की तैयारी चल रही थी। इसी बीच पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया गया।

स मामले में पीजीआई के वरिष्ठ डाक्टर आशुतोष सिंह ने बताया कि यदि इस युवक को समय पर उचित इलाज मिल जाता तो इसकी जान बच भी सकती थी। क्योंकि करंट लगने का इलाज पूरी तरह से अलग होता है लेकिन अंधविश्वास की वजह से परिजनों ने इस युवक को मौत के मुंह में धकेल दिया।

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