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अंधविश्वास खत्म करने वाला 10 करोड़ का बजट खत्म करेगी महाराष्ट्र सरकार
नरेंद्र दाभोलकर के संगठन की ओर से आपत्ति के बाद महाराष्ट्र सरकार ने वापस ली 10 करोड़ की अनुदान राशि, संगठन ने कहा हम 2013 से जो काम कर रहे हैं उसी के लिए बजट जारी करना है अनावश्यक खर्च....
जनज्वार। अंधविश्वास और काला जादू अधिनियम 2003 के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित करने के दो हफ्ते बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में धनराशि जारी नहीं करने का फैसला किया है। डॉ. नरेंद्र दाभोलकर के संगठन महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (एएनआईएस) की ओर से उठाई गई आपत्तियों के तुरंत बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने इसे राज्य की ओर से एक 'अनावश्यक खर्च' कहा था।
13 फरवरी को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे के साथ राज्य अभियान की अगुवाई करने के लिए अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव को 10 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। मानव ने सरकार को एक प्रस्ताव पेश किया था कि पैसा कैसे खर्च किया जाएगा।
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पत्र में कहा गया था कि डॉ. दाभोलकर के महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने काला जादू और अंधविश्वास को मिटाने के लिए वर्षों तक कई बैठकें की हैं। संगठन ने 2013 में 14 मंत्रालयों की मदद से प्रशिक्षण, जागरूकता और आउटरीच कार्यक्रमों की पेशकश करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। सरकार ने महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को शामिल किए बिना श्याम मानव को कार्यक्रम सौंपने का फैसला किया है। सरकार कम लागत पर वही परिणाम प्राप्त कर सकती है।
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से जुड़े उत्तम जी जनज्वार से हुई बातचीत में कहते हैं, अंधविश्वास खत्म करने के लिए कानून पहले से आया हुआ है और यहां सिर्फ कानून का कार्यान्वयन और जनजागरूकता फैलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को 10 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गयी थी। जबकि हमारी महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति यह काम जब यह कानून बना है तब से यानी 2013 से यह काम करते आ रही है। अचानक इसी काम के लिए अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को 10 करोड़ रुपये दिये जाने की घोषणा करना थोड़ा आश्चर्यजनक है। यह संगठन भी हमारे संगठन महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की तरह ही अंधविश्वास खत्म करने की दिशा में ही काम करता है, फिर महाराष्ट्र सरकार द्वारा एक ही संगठन को इतना बड़ा बजट देना ठीक नहीं लग रहा है।'
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रतिनिधि बुधवार 11 मार्च को पवार और मुंडे से मुलाकात करेंगे, ताकि उनके कोटे की आवाज उठाई जा सके। महाराष्ट्र एएनआईएस के मुख्य सचिव माधव बावगे ने कहा कि उनके संगठन ने इस अधिनियम की राज्य में 1 लाख से अधिक प्रतियां वितरित की हैं। मानव और डॉ.दाभोलकर ने अस्सी के दशक में संयुक्त रूप से अंधविश्वास विरोधी अभियान शुरू किया था, लेकिन बाद में दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए थे।
मानव का दावा है कि उन्होंने 35 जिलों के कॉलेजों में 400 जागरुकता कार्यक्रम चलाए थे। वह कहते हैं, 'मैंने पहले भी सामाजिक न्याय विभाग के साथ काम किया है। मैंने अब इस अधिनियम के बारे में शिक्षकों, पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव दिया है।' उन्होंने दावा किया कि क्योंकि उन्होंने सामाजिक न्याय विभाग से अधिक समय मांगा था, इसलिए सरकार ने निधियों को वापस लेने का फैसला किया।