मरीज गया था हाइड्रोसिल का इलाज कराने, डॉक्टरों ने कर दिया पैर का ऑपरेशन

Update: 2019-09-04 15:49 GMT

पीड़ित रामभजन कहते हैं, मुझे पहले बेहोश कर दिया गया, इस कारण ऑपरेशन थियेटर में पता नहीं चला कि किस चीज का ऑपरेशन किया जा रहा है। पता चलता तो मैं डॉक्टरों को अपने पैर का ऑपरेशन कभी भी नहीं करने देता...

जनज्वार। डॉक्टरों की भयानक लापरवाहियों और अस्पतालों के गैर जिम्मेदाराना रवैये की खबरें आए दिन सुर्खियों में छाई रहती हैं। कभी किसी डॉक्टर की लापरवाही के कारण नॉर्मल डिलीवरी के बावजूद प्रसूता को जान गंवानी पड़ती तो कभी पथरी के आपरेशन में डॉक्टरों ने मरीज की टांग काटने का मामला सामने आया है। जिन अस्पतालों और डॉक्टरों की ये भयानक लापरवाहियां होती हैं वह देश के जाने—माने हॉस्पिटल या नामी डॉक्टर होते हैं।

ब ऐसा ही एक मामला बिहार के गया में सामने आया है। यह लापरवाही किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में नहीं बल्कि सरकारी अस्पताल में सामने आयी है। जानकारी के मुताबिक बिहार के गया स्थित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार 3 सितंबर को हाइड्रोसिल का ऑपरेशन कराने आए मरीज 52 वर्षीय रामभजन यादव के दायें पैर का डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर दिया।

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रामभजन यादव का कहना है कि ऑपरेशन थियेटर में जाने से पहले तक थी हाइड्रोसिल के ऑपरेशन की बात डॉक्टरों से कही गयी थी। गया के परैया थाना क्षेत्र के पुनाकला गांव के रहने वाले रामभजन के पुत्र भुवनेश्वर यादव कहते हैं, 'मैंने पिता जी को अस्पताल में हाइड्रोसिल का ऑपरेशन करने के लिए भर्ती कराया था और डॉक्टरों ने ऑपरेशन की पूरी तैयारी भी कर ली थी, मगर मेरे पिता जब ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकले तो उनको देखकर मैं हैरान रह गया, क्योंकि बजाय हाउड्रोसिल के डॉक्टरों ने उनके दायें पैर का ऑपरेशन कर दिया था।'

पीड़ित मरीज रामभजन यादव के बेटे भुवनेश्वर यादव कहते हैं कि ऑपरेशन थिएटर में उनके पिता के होश में रहने तक डॉक्टरों ने उनसे यही कहा और पूछा था कि हाइड्रोसिल का ही ऑपरेशन करना है, लेकिन जब मेरे पिता ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकले तो मेरे होश फाख्ता हो गये, क्योंकि डॉक्टरों ने उनके दाहिने पैर का ऑपरेशन कर रखा था। ऑपेरशन के बाद उनके पैर में रॉड भी डाल दी गई है।'

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कौल भुवनेश्वर यादव, 'मेरे पिता को फाइलेरिया है, जिस कारण उनका पैर फूला था मगर उनको चलने-फिरने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं थी। उन्हें हाइड्रोसिल के ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया था, मगर डॉक्टरों ने उनके पैर का ऑपरेशन कर हमें नई मुसीबत में डाल दिया है।

डॉक्टरों की इस करतूत से अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों में भी भय का माहौल व्याप्त हो गया है। पीड़ित रामभजन कहते हैं, 'मुझे पहले बेहोश कर दिया गया, इस कारण ऑपरेशन थियेटर में पता नहीं चला कि किस चीज का ऑपरेशन किया जा रहा है। पता चलता तो मैं डॉक्टरों को अपने पैर का ऑपरेशन कभी भी नहीं करने देता।'

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हीं सबसे हास्यास्पद तो यह है कि इस मसले पर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक विजय कृष्ण डॉक्टरों को गलत नहीं बता रहे, बल्कि सफाई दे रहे हैं कि हो सकता है हाइड्रोसील के ऑपेरशन से पहले पैर का आपेरशन जरूरी रहा हो, क्योंकि उनके पैर में सूजन थी।' हालांकि विजय कृष्ण यह भी कह रहे हैं कि हम पूरे मामले की जांच करायेंगे और अगर मरीज के साथ ऐसा डॉक्टरों की लापरवाही से हुआ होगा तो तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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