गुड़गांव के मजदूरों ने कार्ल मार्क्स की 200वीं जयंती पर आयोजित की विचार गोष्ठी

Update: 2018-05-08 22:15 GMT

मई दिवस की विरासत और कार्ल मार्क्स की सोच के रोशनी में आज की चुनौतियों के सामने मज़दूर आंदोलन के सांगठनिक-राजनीतिक-वैचारिक दिशा पर भी इस दौरान चर्चा की गई...

गुड़गांव, जनज्वार। आज 8 मई को मज़दूर सहयोग केंद्र गुड़गांव-बावल द्वारा "मई दिवस की विरासत, मज़दूर वर्ग के महान शिक्षक कार्ल मार्क्स के 200वीं जन्मदिवस पर उनकी शिक्षा, और आज के मज़दूर आंदोलन के सामने चुनौतिया" विषय पर गुड़गांव के प्रजापति धर्मशाला में एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई।

इस कार्यक्रम में मज़दूर सहयोग केंद्र से रामनिवास ने मई दिवस की इतिहास पर विस्तार में अपनी बात रखी। मज़दूर सहयोग केंद्र से अमित ने कार्ल मार्क्स के जीवन और उनकी शिक्षा पर चर्चा की और इंक़लाबी मज़दूर केंद्र से रोहित, सीटू से सतबीर, AIUTUC से रामकुमार आदि साथियों ने भी मई दिवस के इतिहास और मार्क्स के शिक्षा पर अलग—अलग बातें रखीं।

इस कार्यक्रम में मारुति सुजुकी मानेसर प्लांट से यूनियन प्रधान अजमेर ने आज के मज़दूर आंदोलन के मौजूदा चुनौतियों पर चर्चा की।

मारुति मानेसर यूनियन से प्रधान अजमेर, महासचिव दौलतराम सहित आम मज़दूरों ने सभा में हिस्सेदारी की। मारुति गुड़गांव यूनियन से प्रधान राजेश, महासचिव कुलदीप झंघु सहित आम मज़दूर, मारुति सुजुकी पावरट्रेन और सुजुकी मोटरसाइकिल यूनियन के प्रतिनिधियों, होंडा टपूकड़ा के कर्मचारियों, बेलसोनिका के मजदूर, उद्योग विहार से गारमेंट मज़दूर साथियों सहित औद्योगिक क्षेत्र के मज़दूरों ने सभा में हिस्सेदारी की।

कार्यक्रम में कई मज़दूरों ने मई दिवस, मार्क्सवाद व वर्तमान मज़दूर आंदोलन के चुनौतियों पर अपनी राय व्यक्त की। मज़दूर सहयोग केंद्र के जितेंदर द्वारा इस अवसर पर भगतसिंह के क्रांतिकारी सोच पर रागिणी भी पेश की गई।

मई दिवस की विरासत और कार्ल मार्क्स की सोच के रोशनी में आज की चुनौतियों के सामने मज़दूर आंदोलन के सांगठनिक-राजनीतिक-वैचारिक दिशा पर भी इस दौरान चर्चा की गई।

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