कानपुर के मंगटा गांव में दलितों को मिल रहे समर्थन के बाद सवर्ण बनाएंगे भाजपा से दूरी
मंगटा गाँव के सवर्ण समुदाय के लोग दलितों को मिल रहे समर्थन के बाद भारतीय जनता पार्टी से खफा नजर आ रहे हैं। मंगटा गांव में हुई यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसमे सवर्ण पक्ष के लोगों में सत्ता और भाजपा पार्टी के प्रति रोष है..
कानपुर से मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार। मंगटा गांव में 12 व 13 फरवरी को दलितों व सवर्णों का आपस मे विवाद हो गया था। गांव के सवर्णों ने दलितों पर धावा बोलकर 3 दर्जन से अधिक लोगों को मारपीट कर लहूलुहान कर दिया था। जनज्वार ने मामले की बारीकी से ग्राउंड रिपोर्टिंग कर पीड़ित दलितों की आवाज देश के सामने रखी थी।
इस खबर के बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण, कांग्रेस और मायावती तक दलितों और मंगटा गांव के दलित पीड़ितों को न्याय देने की मांग कर चुके हैं। जनज्वार पर प्रकाशित खबर के बाद मुख्यधारा के मीडिया को उक्त मामले से टीआरपी बटोरने की सुध आई। बावजूद इसके किसी ने भी सम्बंधित खबर को सच्चाई से प्रकाशित करने की नहीं उठाई।
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ठीक उसी तरह जामिया में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर उत्तर प्रदेश के जेवर में रहने वाले छात्र गोपाल द्वारा गोली चलाये जाने की घटना को भी हमने प्रमुखता से दिखाया था। गोपाल के गांव जेवर जाकर ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग कर गोपाल के माँ बाप, पड़ोसी लोगों की सोच समझ को देश के सामने बिना लाग लपेट के रखा था। जो किसी और मुख्यधारा के मीडिया में नहीं दिखा। जाहिर बात है सबको सत्ता और सिस्टम की नजदीकियों की रेवड़ियां खानी हैं।
घायलों को सरकार की तरफ से 1-1 लाख की मदद
मंगटा गांव में बौद्ध भीम कथा के बाद हुए हमले के मामले में अब तक डेढ दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आज सुबह डीएम और एसएसपी ने गांव जाकर प्रत्येक दलित घायलों को एक एक लाख की धनराशि सरकार द्वारा आर्थिक मदद हेतु दी जाने की जानकारी भी दी है। जिससे गांव के सभी सवर्णों में आक्रोश की भावना पसर रही है।
आपको बताते चलें कि मंगटा गांव की खबर पर सबसे पहले रावण ने दलितों के पक्ष में अपनी प्रतिक्रिया दी थी। जिसके बाद कांग्रेस फिर अखिलेश यादव, मायावती अब भाजपा ने राजनैतिक लाभ लेने के लिए समीकरण साधने शुरू किये थे। थोड़ी देर सही पर जागी सरकार की तरफ से सभी पीड़ितों को आर्थिक मदद के रूप में एक एक लाख रूपये की धनराशि वितरित करवाने की घोषणा करवाई गई।
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इस दौरान डीएम एसएसपी ने सवर्ण पक्ष से बात की और कहा कि निर्दोषों पर कोई कार्यवाही नही की जायेगी लेकिन शरारती तत्वों से सावधान रहें और किसी प्रकार की अफवाह न फैलाएं। तो वहीँ स्वर्ण पक्षो के लोगो ने भी अपनी बातें कही। इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार, सी ओ संदीप सिंह, गजनेर थाना अध्य्क्ष समर बहादुर उपस्थित रहे।
मंगटा गाँव के सवर्ण समुदाय के लोग दलितों को मिल रहे समर्थन के बाद भारतीय जनता पार्टी से खफा नजर आ रहे हैं। मंगटा गांव में हुई यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसमे सवर्ण पक्ष के लोगों में सत्ता और भाजपा पार्टी के प्रति रोष है। सवर्णों की पार्टी कही जाने वाली भाजपा से सवर्ण समुदाय के लोग खुद को उनकी ही पार्टी से समर्थन न मिलने से आक्रोशित हैं। मंगटा गांव के सवर्णों का कहना है कि भाजपा को अबकी बार चुनाव में मिलकर सबक सिखायेंगे।