Lockdown: पैदल चलने से थके मज़दूर सड़क किनारे सो रहे थे, टेम्पो ने कुचला, 4 की मौत

Update: 2020-03-28 08:26 GMT

शनिवार तड़के सुबह पैदल चलकर मुम्बई से गुजरात जा रहे 7 मजदूरों को मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर एक टेम्पो ने कुचल दिया। इस हादसे में 4 मजदूरों की मौत हो गई जबकि 3 की हालत नाजुक बनी हुई है....

जनज्वार। केंद्र की मोदी सरकार ने पूरे देश में 21 दिन का सम्पूर्ण लॉकडाउन तो कर दिया, मगर सरकार ने गरीब मजदूरों के बारे में विचार नहीं किया। यही वजह है कि लाखों की तादात में गरीब मजदूर महानगरों से अपने घर की ओर पलायन करने पर मजबूर हैं। गरीब कामगारों की स्थिति भयानक रूप अख्तियार करती जा रही है।

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निवार तड़के सुबह पैदल चलकर मुम्बई से गुजरात जा रहे 7 मजदूरों को मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर एक टेम्पो ने कुचल दिया। इस हादसे में 4 मजदूरों की मौत हो गई जबकि 3 की हालत नाजुक बनी हुई है। ये सभी लोग काम-धंधा बंद होने और साधन ना मिलने की वजह से अपने घर की ओर लौट रहे थे।

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जानकारी के मुताबिक सभी मजदूर पैदल चलकर थक गए थे, जिसकी वजह से सभी सड़क किनारे आराम करने के लिए लेट गए। तभी सुबह 4 बजे टेम्पो ने उन्हें रौंद दिया। सवाल उठता है कि आखिर इन मजदूरों की मौत का जिम्मेदार कौन है? ये आखिर जाएं तो जाएं कहां? शहरों में इनके पास काम नहीं है जिसकी वजह से इन्हें खाने-पीने, रहने जैसे तमाम दिक्कतें आ रही हैं। इसीलिए अपने गांव-देहात की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। हजारों की संख्या में मजदूरों का जत्था देश के लगभग हर उस हाईवे पर दिखाई दे रहा है जो बड़े शहरों को ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ता है। इन हाइवे पर नहीं दिखाई दे रही है तो वो है चाकचौबंद वाली सरकार व्यवस्था।

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रकारें घोषणा तो खूब कर रही हैं लेकिन घोषणा कागजों पर ज्यादा और ज़मीन पर कम दिखाई दे रही हैं। अभी तक देश में 898 केस सामने आ चुके हैं जिसमें 19 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है। कोरोना पीड़ितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

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