लॉकडाउन : भूखे प्यासे मजदूरों से योगी सरकार ने वसूला बस का किराया, दिल्ली से चली बसें गोरखपुर पहुंचीं

Update: 2020-03-29 14:54 GMT

दिल्ली से मजदूरों को लेकर गोरखपुर पहुंचीं यूपी रोडवेज की बसों से आए यात्रियों को शहर से बाहर ही उतार कर जांच के बाद उन्हें दूसरी बसों में बिठाकर उनके गंतव्य की ओर रवाना किया गया...

जनज्वार। दिल्ली के आनंद विहार से उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों को लेकर जो बसें चली थीं, उनमें से कुछ आज गोरखपुर पहुंचीं. गोरखपुर के बाहरी इलाके में स्थित नौसढ़ में रोका गया. कुछ बसों के शहर में स्थित सरकारी बस अड्डे पर भी रोका गया. वहां मजदूरों के बुखार की जांच की गई. जांच के बाद उन्हें दूसरी बसों में बिठाकर उनके गृह नगर के लिए रवाना किया गया.

मजदूरों से वसूला गया किराया

सोशल मीडिया में वायरल हुई कुछ पोस्ट में बताया गया है कि सरकार ने इन बसों में यात्रा करने वाले लोगों से किराया भी वसूला. फेसबुक पर वायरल हो रही टिकट की एक तस्वीर से पता चलता है कि आनंद विहार से उन्नाव तक के लिए 692 रुपये का किराया यूपी रोडवेज ने वसूला है. वहीं 'न्यूजलांड्री' के एक वीडियो के मुताबिक एक बस वाले ने दिल्ली से लखनऊ तक की यात्रा के लिए सीट पर बैठने पर एक हजार रुपये और छत पर बैठकर यात्रा करने के लिए 8 सौ रुपये का किराया वसूला.इस संबंध में गोरखपुर में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अधिकारियों से बात करने की सभी कोशिशें नाकाम रहीं.

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मजदूरों की जांच की गई

माचार एजेंसी एएनआई ने खबर दी है कि बसों से गोरखपुर पहुंचे लोगों के शरीर के तापमान की जांच की गई. उन्हें दूसरी बस में बैठाने से पहले इस बात की मोहर उनके हाथ पर लगाई गई कि ये लोग दिल्ली से आए हैं. नायब तहसीलदार राधेश्याम गुप्त ने एएनआई को बताया कि मोहर में लिखा है कि इस व्यक्ति के शरीर का तापमान दर्ज किया गया है. प्रशांत श्रीवास्तव से जब यह पूछा गया कि क्या इन बसों से बिहार का कोई नागरिक भी आया है तो वो कोई निश्चित संख्या नहीं बता सके. हालांकि उन्होंने बताया कि 2-3 लोग आए हैं. जब उनसे पूछा गया कि बिहार के निवासियों के लिए जिला प्रशासन की क्या योजना है तो उन्होंने बताया कि बिहार ने ऐसे प्रवासियों को लेने से मना कर दिया है, ऐसे में बिहार के प्रवासियों को रैन बसेरों में रखा जाएगा.

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ससे पहले गोरखपुर के पड़ोसी जिले कुशीनगर के पडरौना स्थित यूपी रोडवेज के बस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया था कि अगल-अलग हिस्सों से करीब 50 बसें उनके यहां पहुंचीं. उन्होंने बताया था कि हर बस में करीब 30 लोग सवार थे. इस अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने इन बसों के हर यात्री की जांच की. इसके बाद ही उन्हें जाने दिया गया. उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि उत्तर प्रदेश में आए प्रवासी मजदूर सरकारी की जिम्मेदारी हैं. सरकार उनकी सुख-सुविधा का ध्यान रखेगी. कोरोना का संकट

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कोरोना वायरस के बढ़ते संकट को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन कर रखा है. इसकी वजह से देश में कहीं भी सार्वजनिक और प्राइवेट यातायात काम नहीं कर रहा है. सरकार की घोषणा के बाद से देखा यह जा रहा था कि दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में रहने वाले प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने गांव की ओर निकल पड़े हैं. सरकार, अधिकारियों और अन्य लोगों के मनाने का असर उन पर नहीं हुआ. हालात यह हुए कि विरान हुए हाइवे पर जनसैलाब नजर आने लगा. शनिवार शाम दिल्ली-उत्तर प्रदेश के सीमा पर हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए, जो अपने गांव लौटना चाहते थे. दिल्ली सरकार ने लोगों को आनंद बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंचाने के लिए डीटीसी की बसें लगा दीं. सीमा पर लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने आनन-फानन में एक हजार बसे चलाने की घोषणा की. ये बसे शनिवार और रविवार को लोगों को लेकर अलग-अलग स्थानों के लिए रवाना हुईं.

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