योगी ने लौटा दीं बसें, फिर भी प्रियंका ने UP के 44,000 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने में ऐसे की मदद

Update: 2020-06-05 13:42 GMT

जब लॉकडाउन को सबसे पहले 19 दिनों के लिए बढ़ाया गया, तभी से प्रियंका गांधी ने फंसे हुए प्रवासी कामगारों की मदद करना शुरू कर दिया था, क्योंकि प्रवासी मजदूरों के अपने बच्चों के साथ पैदल चलने की खबरें दिखाई देने लगी थीं...

आनंद सिंह/सैयद मोजिज इमाम

नई दिल्ली, जनज्वार। उत्तर प्रदेश में 1,000 बसें मुहैया कराने का प्रस्ताव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा खारिज कर दिए जाने के बावजूद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राज्य के 44,000 से अधिक प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचने की व्यवस्था की। पार्टी सूत्रों ने शुक्रवार 5 जून को यह जानकारी दी।

कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि प्रियंका गांधी ने देश के कई हिस्सों में फंसे लोगों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों, बसों और परिवहन के अन्य साधनों में सीटें हासिल करने में भी मदद सहायता की है और यह प्रक्रिया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से बसों को प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए की गई अपील से काफी पहले ही शुरू कर दी गई थी।

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प्रियंका गांधी से जुड़े कांग्रेस के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि पार्टी महासचिव एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी एक मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाना शुरू किए जाने से पहले और मई के मध्य में प्रदेश सरकार की ओर से बसों का परिचालन शुरू किए जाने से पहले ही लोगों की मदद कर रही हैं।

ब लॉकडाउन को सबसे पहले 19 दिनों के लिए बढ़ाया गया, तभी से प्रियंका गांधी ने फंसे हुए प्रवासी कामगारों की मदद करना शुरू कर दिया था, क्योंकि प्रवासी मजदूरों के अपने बच्चों के साथ पैदल चलने की खबरें समाचार चैनलों और सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगी थीं।

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सूत्र ने कहा, "उनके हस्तक्षेप के कारण 44,000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को अलग-अलग राज्य द्वारा उत्तर प्रदेश में मुहैया कराई गई बसों या श्रमिक स्पेशल ट्रेन द्वारा वापस भेजा गया।"

फंसे हुए प्रवासी कामगारों की मदद करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रियंका ने पांच मई को 'उत्तर प्रदेश मित्र' हेल्पलाइन शुरू की थी।

सूत्र ने बताया कि हेल्पलाइन के माध्यम से 5.5 लाख से अधिक लोगों ने अपनी यात्रा के लिए पंजीकरण कराया, जबकि राज्यों की विभिन्न जिला इकाइयों से पांच लाख से अधिक अनुरोध प्राप्त हुए।

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सूत्र ने कहा कि सूची को विभिन्न राज्य इकाइयों के साथ उनकी यात्रा व्यवस्था के लिए साझा किया गया। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रियंका गांधी की टीम ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए भुगतान किया है, सूत्र ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस नेता ने ट्रेनों को बुक नहीं कराया, लेकिन वह प्रवासी मजदूरों के उन अनुरोधों को आगे बढ़ाती रहीं, जो उनके कार्यालय में प्राप्त हुए थे।

सके बाद पार्टी की राज्य इकाइयों ने प्रवासी श्रमिकों के साथ समन्वय किया और बसों या श्रमिक स्पेशल ट्रेनों द्वारा उनकी वापसी की व्यवस्था की और कांग्रेस राज्य इकाइयों द्वारा राशि का भुगतान किया गया।

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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रवासियों की दुर्दशा को देखते हुए 4 मई को कहा था कि पार्टी उनके रेल टिकट का खर्च वहन करेगी।

सूत्र ने कहा, "तभी से कांग्रेस की राज्य इकाइयों ने गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य सरकारों को 22 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराए के लिए भुगतान किया, जो उत्तर प्रदेश के लिए भेजी गई थीं। इसके साथ ही हमारे कार्यकर्ता यात्रियों की सूची के लिए समन्वय भी कर रहे थे।"

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मुंबई यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूरज सिंह ठाकुर ने आईएएनएस को बताया, "प्रियंका गांधी का कार्यालय मुंबई में फंसे हुए प्रवासी कामगारों की यात्रा और राशन व्यवस्था के अनुरोध को हमसे साझा करता है।"

प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए समन्वय कर रहे ठाकुर ने कहा कि प्रियंका गांधी के कार्यालय ने यह सुनिश्चित किया कि महाराष्ट्र कांग्रेस टीम के साथ साझा की गई सूची का ठीक से पालन किया गया और सभी को सहायता प्रदान की जा रही है।

ठाकुर ने कहा कि प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस राज्य इकाई ने महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के लिए 10,000-12,000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों की यात्रा की व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि इन श्रमिकों को ट्रेनों, बसों या अन्य छोटे वाहनों की मदद से उनके घरों तक पहुंचाने में मदद की गई।

हीं लुधियाना कांग्रेस अध्यक्ष अश्विनी कुमार शर्मा ने कहा, "प्रियंका गांधी के कार्यालय से किशोरी लाल शर्मा लुधियाना में फंसे लोगों और जिन्हें सहायता की आवश्यकता थी, उनकी सूची साझा करते रहे।"

र्मा ने कहा, "हमने एंबुलेंस की व्यवस्था की और कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया, क्योंकि प्रियंका गांधी कार्यालय से इसका अनुरोध किया गया था।"

र्मा ने कहा कि प्रियंका गांधी ने प्रवासी कामगारों की यात्रा की व्यवस्था करने और राशन या किसी अन्य सहायता की आवश्यकता के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया।

न्होंने कहा, "हमें लुधियाना से हजारों लोगों का अनुरोध मिला, जो उप्र वापस जाना चाहते थे और फिर हमने सूची तैयार की और बसों, छोटी कारों और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों द्वारा उनकी यात्रा की व्यवस्था की।"

र्मा ने कहा कि सोनिया गांधी के संदेश के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए 35 करोड़ रुपये के ट्रेन टिकट खरीदे।

गुजरात के सूरत में कांग्रेस उपाध्यक्ष दीप नाइक ने कहा कि प्रियंका गांधी द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन लोगों से जुड़ने के लिए बहुत मददगार साबित हुई।

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