ZEE NEWS ने पार कर दी चाटुकारिता की हद, चीनी सेना के घुसने पर चैनल पूछ रहा है राहुल गांधी से सवाल

Update: 2020-06-04 09:38 GMT

जब देश में कोई परेशानी आती है तो यह मीडिया मोदी सरकार से सवाल पूछने के बजाय विपक्ष से सवाल पूछता है इससे ज्यादा देश के लिए दुर्भाग्य क्या होगा...

जनज्वार। देश के विवेक को बर्बाद करने में सबसे बड़ा हाथ सत्ता का चाटुकार मीडिया का है। चाहे वह युवाओं को रोजगार हो चाहे वह जनता की परेशानियां हो, चाहे वह भारत की अर्थव्यवस्था हो। लेकिन जब देश में कोई परेशानी आती है। तो यह मीडिया मोदी सरकार से सवाल पूछने के बजाय विपक्ष से सवाल पूछता है, इससे ज्यादा देश के लिए दुर्भाग्य क्या होगा।

पिछले कई सालों से अर्थव्यवस्था डूबती चली आ रही है, लेकिन इस चाटुकार मीडिया ने सरकार से कोई सवाल नहीं किया।

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से यह बयान आया था कि देश में 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनेगी और चाटुकार मीडिया जी न्यूज ने इस पर जमकर डिबेट की। जोरों-शोरों से चर्चाएं हुई मोदी बनाएंगे 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था, विपक्ष के गद्दारों के सीने पर बनेगी 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था। इस तरीके के सो लगातार कार्यक्रमों में चलाए गए, लेकिन इन कार्यक्रमों से केवल जनता को मनोरंजन का आनंद मिला, अर्थव्यवस्था पर घंटा भी फर्क नहीं पड़ा।

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चीनी सेना भारतीय सीमा के अंदर घुस गई और भारतीय चाटुकार मीडिया सवाल विपक्ष से पूछ रहा है। अरे इस गोदी मीडिया को सवाल तो उससे करना चाहिए, जो सत्ता पाने से पहले चीन को लाल आंख दिखाने की बात कर रहा हो। क्या यह बयान सिर्फ राजनीति के लिए हैं जमीनी तौर पर करने के लिए नहीं।

इस मीडिया का काम है सरकार की नाकामी छुपाना, जब सरकार सब तरफ से गिर जाती है तब यह मीडिया प्रोपेगेंडा करके झूठी खबरें चलाकर विपक्ष पर हमला बोलता है। साफ दिखाई देता है कि मीडिया अब लोकतंत्र का चौथा पाया नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक पार्टी का एक पाया बन गया है। और यह चैनल विपक्ष पर हमला करके अपनी सरकार की नाकामी को जनता से छिपा लेता है। जनता का ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान पर खबरें चलाने लगता है।

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लेकिन ऐसी खबरों से सिर्फ दिल को तसल्ली दी जा सकती है। चाटुकारिता की भी एक हद होती है, लेकिन यह मीडिया चैनल वह भी हद पार कर गया है यह इस तरीके से कार्यक्रम चलाता है जैसे राजनीतिक पार्टी का कोई सदस्यता ले रखी हो। उस पार्टी का पक्ष कार्बन कर विपक्ष से सवाल पूछ रहा हो। हालांकि यह बात भी सही है कि कुछ चैनलों के मालिकों ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता भी ले रखी है और वह राज्यसभा सांसद भी हैं।

तो बताइए सवाल कैसे पूछ सकते हैं अपनी ही पार्टी से पार्टी से। लेकिन हकीकत तो यह है कि झूठ बोलकर यह चैनल जनता को बेवकूफ बना रहे हैं और सच्चाई पर नारंगी चादर डाल रहे हैं यह देश के लिए बहुत घातक साबित होगा। हमारे देश की मीडिया की तारीफ अब तो विदेशों में भी होने लगी है अब तो वह आतंकवादी साबित करने के लिए जानवरों तक को नहीं छोड़ते चाहे टिड्डी हो या कबूतर।

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