Dharma Sansad Raipur : एमपी के खजुराहो से कालीचरण महाराज गिरफ्तार, हेट स्पीच देने के बाद से था फरार
Dharma Sansad Raipur : रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को धर्मसंसद आयोजित की गई थी, जिसमें देशभर से साधु-संतों ने हिस्सा लिया। इसी सभा में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ की थी और महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी की थी। अब रायपुर पुलिस ने एमपी के खजुराहो से उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को धर्म संसद आयोजित की गई थी। इस धर्म संसद में कालीचरण महाराज ( Kalicharan Maharaj ) ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए घोर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था। विवादित बयान को लेकर खुद के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद कालीचरण ने भड़काव वीडियो जारी किया और उसके बाद से वो फरार चल रहे हैं। इस मामले में ताजा अपडेट यह है कि रायपुर पुलिस ने कालीचरण महराज ( Kalicharan Maharaj arrested ) को मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के खजुराहो ( Khajuraho ) से गिरफ्तार कर लिया है। रायपुर पुलिस ( Raipur Police ) ने एमपी पुलिस को बिना सूचना दिए गिरफ्तारी की है।
बागेश्वरी धाम से सुबह 4 बजे हुई गिरफ्तारी
रायपुर के एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया है कि खुजराहो के बागेश्वरी धाम से सुबह चार बजे कालीचरण गिरफ्तार किया गया है। पुलिस कालीचरण को लेकर रायपुर के लिए रवाना हो गई है। शाम तक पहुंचने की उम्मीद है। इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
पिछले चार दिनों से रायपुर पुलिस उन्हें मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में उनकी तलाश में जुटी थी। पुलिस के चार दिनों बाद भी उनकी पहुंच से दूर होने वजह से सवाल उठ रहे थे कि एक मामले में अपने पिता को जेल भेजने वाले छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की पुलिस आखिर कालीचरण को क्यों नहीं ढूंढ पाई है।
वहीं, सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि कालीचरण के खिलाफ रायपुर पुलिस ने केस दर्ज किया है। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। कानून के मुताबिक उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन कालीचरण के विवादित बयान से आहत लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिल कालीचरण कहां गायब हो गया, अपने पिता के खिलाफ कार्रवाई करने वाले सीएम कालीचरण के मामले में असफल क्यों दिखाई दे रहे हैं?
पूर्व महापौर ने दर्ज कराई थी शिकायत
दरअसल, कालीचरण महाराज के खिलाफ रायपुर में 26 दिसंबर की रात शिकायत दर्ज कराई गई थी। रायपुर के पूर्व महापौर और वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे ने कालीचरण महाराज के खिलाफ FIR कराई। कालीचरण महाराज के खिलाफ धारा 505 (2) और धारा 294 के तहत मुकदमा दर्ज है। 27 दिसंबर को कालीचरण महाराज ने एक और वीडियो जारी कर महात्मा गांधी के बारे में अपशब्द कहे, लेकिन उसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं है। रायपुर पुलिस के मुताबिक कालीचरण महाराज फरार हो गए हैं। उनकी तलाश जारी है। हम बहुत जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे।
वीडियो जारी कर कहा - फर्क नहीं पड़ता
26 दिसंबर को रायपुर में केस दर्ज होने के बाद कालीचरण महाराज कालीचरण ने आठ मिनट का एक और वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी को गाली देने का मुझे कोई अफसोस नहीं है। मुझे फांसी भी दे दोगे तब भी मैं अपने सुर बदलने वाला नहीं हूं। ऐसी एफआईआर से मुझ पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। मैं, गांधी विरोधी हूं और इसके लिए फांसी भी मुझे स्वीकार है।
19 दिसंबर को पुणे में भी दिया था विवादित भाषण
कालीचरण की रायपुर धर्म संसद ( Dharam Sansad ) से पहले की भी एक विवादित वीडियो इन दिनों वायरल हो रही है। यह वीडियो पुणे में एक कार्यक्रम का बताया जा रहा है। 19 दिसंबर को पुणे में हुए कार्यक्रम में कालीचरण महाराज के अलावा मिलिंद एकबोटे, नंदकुमार एकबोटे, मोहन शेटे और दीपक नागपुरे भी थे। पुणे पुलिस ने इन सभी के खिलाफ केस दर्ज किया है।
इस्लाम, गांधी और गोडसे पर क्या कहा था?
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को धर्मसंसद आयोजित की गई थी। धर्म संसद में देशभर से साधु-संतों ने हिस्सा लिया था। इसी सभा में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ की जबकि महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी की थी। कालीचरण महाराज ने धर्म संसद में कहा था कि इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है। हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया। मुसलमानों ने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा किया और बाद में राजनीति के माध्यम से पाकिस्तान और बांग्लादेश पर। मैं, नाथूराम गोडसे को सलाम करता हूं कि उन्होंने मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या की।
महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता होने पर कही ये बात
रायपुर में कालीचरण महाराज ने कहा था कि राष्ट्रपिता बनाना है तो छत्रपति शिवाजी, राणा प्रताप और सरदार पटेल जैसे लोगों को बनाना चाहिए, जिन्होंने राष्ट्रकुल को एकत्र करने का काम किया। देश का बंटवारा होने के लिए उन्होंने महात्मा गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने भगत सिंह, राजगुरु की फांसी रुकवाने के लिए कुछ नहीं किया।