Kanpur Crime News: 5 लाख की सुपारी देकर भाड़े के गुंडों से कराई गई थी वकील की हत्या, आखिरी कॉल से पुलिस को मिली लीड
पुलिस का दावा है कि प्रापर्टी विवाद में एक भूमाफिया ने पांच लाख की सुपारी देकर अधिवक्ता की हत्या कराई है। भूमाफिया अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है...
Kanpur Crime News: कानपुर के नवाबगंज स्थित गंगा नगर हाऊसिंग सोसाइटी में बीती बुधवार हुई अधिवक्ता राजाराम वर्मा (Rajaram Verma) की गोली मारकर हत्या में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में अधिवक्ता के पुत्र नरेंद्र की तहरीर पर पुलिस ने एनआरआई सिटी के मालिक, दो अज्ञात व राजाराम के सौतेले भाई राजबहादुर पर मुकदमा दर्ज किया था।
इस हत्याकांड को लेकर कानपुर पुलिस (Kanpur Police) ने शनिवार शाम खुलासा करते हुए तीन लोगों को हिरासत में लोकर जेल भेज दिया है। पुलिस का दावा है कि प्रापर्टी विवाद में एक भूमाफिया ने पांच लाख की सुपारी देकर अधिवक्ता की हत्या कराई है। भूमाफिया अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। भाड़े के बदमाशों से पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल किया गया तमंचा भी बरामद किया है।
डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मुर्ति ने बताया कि ,'बिठूर के फतेहपुर गांव निवासी अंकित यादव, चौबेपुर का रहने वाला दिलनाजव रोहित को गिरफ्तार किया गया है। तफ्तीश में यह सामने आया कि नवाबगंज निवासी कथित वकील रामखिलावन निषाद ने अंकित को राजाराम की हत्या के लिए पांच लाख की सुपारी दी थी। जिसके बाद अंकित ने साढ़े चार लाख रूपये में दिलनाज व रोहित को हत्या के लिए तैयार किया था। जिसमें 27 हजार रूपये एडवांस दिए गये थे।
डीसीपी ने आगे बताया कि साजिश के तहत उस रात बदमाश राजाराम के घर पहुँचे थे। घंटी बजाई। दरवाजे से बाहर आते ही राजाराम को गोली मारकर फरार हो गये थे। अधिवक्ता को गोली दिलनाज ने मारी थी। इस दौरान रोहित बाइक स्टार्ट कर खड़ा रहा। डीसीपी ने बताया की आरोपी रामखिलावन की तलाश की जा रही है।'
लास्ट कॉल से मिला सुराग
अधिवक्ता की हत्या का खुलासा आखिरी कॉल से हुआ। यह कॉल गोली मारने वाले दिलनाज ने हत्याकांड से कुछ देर पहले राजाराम को की थी। पुलिस ने इसी नंबर को ट्रेस किया। सीडीआर खंगाली गई और फिर एक-एक कर आरोपियों तक पहुँचती गई। जांच में ही पता चला था कि राजाराम को आखिरी कॉल 6 बजकर 56 मिनट पर की गई थी, जो दिलनाज ने ही की थी। वारदात के बाद यह नंबर बंद हो गया था जिससे पुलिस का शक और भी पुख्ता हुआ।
NRI सिटी के मालिकों की भूमिका भी संदेह में
राजाराम के पुत्र नरेंद्र देव द्वारा दी गई एफआईआर में एनआरआई सिटी के मालिकों व राजाराम के सौतेले भाई राजबहादुर भी नामजद हैं। राजबहादुर से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। लेकिन उसे जेल नहीं भेजा गया है। दावा है कि अभी तक उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले हैं। दूसरी तरफ हत्याकांड का सूत्रधार रामखिलावन का राजबहादुर व एनआरआई सिटी वालों से कनेक्शन रहा है। साक्ष्य मिलने पर इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।