मेघालय में इलाज न मिलने के कारण अप्रैल से जुलाई के बीच 877 नवजातों और 61 गर्भवतियों की मौत

गर्भवती महिलाओं और नवजात कोरोना से इतर दूसरे रोगों के कारण मरे हैं। ऐसा डाॅक्टरों व स्वास्थ्य विभाग की कोविड व्यस्तता के कारण हुआ है...

Update: 2020-08-31 14:03 GMT

शिलांग। मेघालय में इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच चार महीनों में कम से कम 61 गर्भवती महिलाओं और 877 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इसकी वजह कोविड-19 के कारण जारी प्रतिबंध है क्योंकि इस दौरान इन्हें समुचित चिकित्सकीय सेवा नहीं मिल सकी। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।

मेघालय के स्वास्थ्य निदेशक अमन वार ने आईएएनएस को फोन पर बताया, "गर्भवती महिलाओं और नवजात कोरोना से इतर दूसरे रोगों के कारण मर गए। यह वह वक्त था, जब पूरे प्रदेश के सभी अस्पताल कोरोना से लड़ने में व्यस्त थे।"

एक अन्य अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "गर्भवती महिलाएं और नवजात इसलिए मर गए क्योंकि उन्हें प्रसव और देखभाल के लिए अस्पताल नहीं मिल सके। ये बच्चे निमोनिया, मालन्यूट्रेशन, खून की कमी और जन्म से जुड़े विकारों के कारण मर गए।"

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मेघालय की जनसंख्या 30 लाख है और यहां 12 बड़े अस्पताल हैं। इनमें से छह राजधानी शिलांग में स्थित प्राइवेट अस्पताल हैं। इसके अलावा सभी 11 जिला मुख्यालयों में सरकार द्वारा संचालित अस्पताल हैं। साथ ही यहां 29 सामुदायिका स्वास्थ्य सेंटर, 139 प्राइमरी हेल्थ सेंटर और 401 सब सेंटर हैं।

मेघालय में अब तक कोरोना के 2362 मामले दर्ज हुए हैं। यहां इस महामारी से अब तक 10 लोगों की मौत हुई है। अभी 1261 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

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