हत्या करके बोरे में लटकाया 7 साल के मासूम का शव, मृतक के परिजनों ने लगाये गंभीर आरोप—तांत्रिक षडयंत्र के लिए बली देने के मिले सबूत !
पास-पड़ोस के लोगों ने आरोपी शैलेन्द्र निगम के घर में तिलक, सिंदूर, नीबू आदि के होने की बात कही, जिससे लगता है कि बेटे की बली के नाम पर हत्या की गई। प्रतिनिधिमंडल को स्थानीय लोगों ने बताया कि मृतक बच्चे के शरीर पर तिलक, माला और हाथ में कलावा आदि था, जो कहीं न कहीं किसी अंधविश्वासी तांत्रिक षड्यंत्र की ओर भी इशारा करता है...
आजमगढ़ । सात वर्षीय साजेब आलम की नृशंस हत्या के बाद सोशलिस्ट किसान सभा महासचिव राजीव यादव और उनके साथ मौजूद प्रतिनिधि मंडल ने सिधारी, आजमगढ़ में मृतक के घर पर शोक—संतृप्त परिजनों से मुलाक़ात की।
मृतक बच्चे साजेब आलम के पिता साहिबे आलम कहते हैं, '24 सितम्बर 2025 को शाम 6 बजे ट्यूशन के बाद साजेब घर नहीं आया तो पूरा परिवार-मोहल्ला ढूढ़ने लगा और सिधारी थाने में लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई। सुबह 10 बजे के करीब पड़ोस में तार पर बोरे में उसकी लाश लटकी मिली। गला काटकर बेरहमी से उसकी हत्या शैलेन्द्र निगम और उसके पूरे परिवार ने की।'
पास-पड़ोस के लोगों ने आरोपी शैलेन्द्र निगम के घर में तिलक, सिंदूर, नीबू आदि के होने की बात कही, जिससे लगता है कि बेटे की बली के नाम पर हत्या की गई। प्रतिनिधिमंडल को स्थानीय लोगों ने बताया कि मृतक बच्चे के शरीर पर तिलक, माला और हाथ में कलावा आदि था, जो कहीं न कहीं किसी अंधविश्वासी तांत्रिक षड्यंत्र की ओर भी इशारा करता है।
किसान नेता राजीव यादव ने सात वर्षीय साजेब आलम की हत्या के लिए पुलिस की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया। मृतक के पिता साहिबे आलम द्वारा बेटे की बलि देने के आरोपों को देखते हुए घटना की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की गयी। मासूम साजेब जिसे दुनिया देखनी थी, मगर नफरत, अंधविश्वास और रूढ़ियों ने उसकी जान ले ली। पड़ोसी द्वारा मासूम की हत्या ने विश्वास का गला घोंट दिया।
मृतक के परिजनों और पड़ोसियों का दावा है कि आरोपी के घर में हुई हत्या में मकान में मौजूद सभी दोषी हैं। आरोपी के घर को सील करते हुए इस घटना के षड्यंत्र में शामिल साजिश रचने वालों को भी जाँच के दायरे में लिया जाए। आरोपी और मृतक दो अलग-अलग समुदायों के हैं, ऐसे में घटना की सम्प्रदायिक साजिश को बेनक़ाब किया जाए जिससे साम्प्रदायिक ताकतें इस तरह समाज को न बांट सकें। साजेब की हत्या को गंभीरता से देखने की जरूरत है, क्योंकि इसमें हिंसा के साथ तांत्रिक साजिश भी लगती है जो किसी अन्य मासूम को भी शिकार बना सकती है।
इस घटना के बाद हीरालाल यादव कहते हैं, उनके छह वर्षीय बेटे कृष्णा की भी 2016 में स्कूल में हत्या कर दी गई थी। साजेब की घटना ने एक बार फिर उन्हें अपने बेटे की याद दिला दी। उन्होंने कहा कि बच्चे किसी का क्या बिगाड़ सकते हैं। मां-बाप कितने लाड़-प्यार से बच्चे को पालते हैँ और एक झटके में सभी सपनों का क़त्ल हो जाता है। इस घटना की सीबीआई से जाँच करवाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे किसी की हिम्मत न पड़े कि किसी बच्चे की हत्या करे।
किसान नेताओं के प्रतिनिधि मंडल में राजीव यादव, अवधेश यादव और हीरालाल यादव शामिल थे।