कल होगी 'पीपुल्स मिशन' द्वारा दिए जाने वाले पहले 'क्रांतिकारी शिव वर्मा मीडिया पुरस्कारों' की घोषणा

शिव वर्मा (1904-1997) शहीद भगत सिंह के प्रमुख क्रांतिकारी साथियों में शुमार थे, ब्रिटिश हुकमरानों ने उन्हें लाहौर षड्यंत्र केस 2 के आरोपी के रूप में 'काला पानी' की सजा देकर अंडमान निकोबार की कुख्यात सेल्युलर जेल भेज दिया था....

Update: 2020-08-14 07:49 GMT

नई दिल्ली। 'पीपुल्स मिशन' द्वारा दिए जाने वाले पहले क्रांतिकारी शिव वर्मा मीडिया पुरस्कारों की घोषणा कल होगी। यह इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट एवं कार्टून आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है, जिनकी कुल संख्या 7 है। पुरस्कार के रूप में भगत सिंह की एक-एक प्रतिमा, शॉल, कलम और प्रतीक राशि स्वरूप 10-10 हज़ार रुपए दिए जाएंगे।

सन 2016 में कम्पनीज़ एक्ट के तहत गठित 'नॉन प्रॉफिट उद्देश्यों' वाले 'पीपुल्स मिशन' के साथ साहित्य, लेखन, पत्रकारिता, अर्थशास्त्र, कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य क्षेत्रों और ट्रेड यूनियन आंदोलनों से निकले विशिष्ट व्यक्तियों का जुड़ाव है। रांची के 'भाषा प्रकाशन' से जुड़े व्यवसायी उपेंद्र प्रसाद 'कम्पनी' के चेयरमेन हैं जबकि वरिष्ठ लेखक-पत्रकार और ट्रेड यूनियन नेता चंद्रप्रकाश झा इसके मेनेजिंग डायरेक्टर हैं। दोनों ही 'जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय' के पूर्व छात्र हैं।

कॉमरेड शिव वर्मा (1904-1997) शहीद भगत सिंह के प्रमुख क्रांतिकारी साथियों में शुमार थे। ब्रिटिश हुकमरानों ने उन्हें लाहौर षड्यंत्र केस 2 के आरोपी के रूप में 'काला पानी' की सजा देकर अंडमान निकोबार की कुख्यात सेल्युलर जेल भेज दिया था। श्री वर्मा भारत के दीर्घकालीन स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ शासकों के जुल्मों के सामने बिना डरे और बिना माफ़ी मांगे जीवित बाहर आने वाले एकमात्र स्वतन्त्रता सेनानी थे।

यहां यह भी याद रखने की बात है कि स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले 'राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ' (आरआरएस) के एक अदद 'पोस्टर बॉय' विनायक दामोदर सावरकर को भी इसी जेल में भेजा गया था जहां से यह 'स्ववतंत्रयवीर' ढेरों लिखित माफी मांग कर छूटे थे। 

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