Bihar Sharab bandi : जो काम पुलिस नहीं कर पायी अब वह बच्चे करेंगे, शराबबंदी को बनाएंगे सफल !

Bihar Sharabbandi : शराबबंदी को सफल बनाने का जिम्मा पुलिस और प्रशासन के ऊपर है लेकिन हाल के वक्त में जहरीली शराब कांड और अन्य मामलों ने पुलिस की विफलता को उजागर किया है।

Update: 2021-11-14 17:13 GMT

(जहरीली शराब के मामले सामने आने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी की समीक्षा की बात कही थी) File Pic.

Bihar Sharab bandi : यह बात थोड़ी अजीब लग सकती है लेकिन है सौ फीसदी सच। बिहार में शराबबंदी नीति (Sharabbandi kanoon) पर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं। शराबबंदी को सफल बनाने का जिम्मा पुलिस (Bihar Police) और प्रशासन के ऊपर है लेकिन हाल के वक्त में जहरीली शराब कांड और अन्य मामलों ने पुलिस की विफलता को उजागर किया है। अब जो काम राज्य की पुलिस नहीं कर पाई अब उसे प्रदेश के सरकारी स्कूलों (Bihar Schools) में पढ़ने वाले बच्चे करेंगे।

दरअसल, जहरीली शराब कांड (Poisonous Liquor) के मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पिछले दिनों शराबबंदी कानून की समीक्षा की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जन जागरूकता के अभियान में तेजी लाई जाएगी।

अब फैसला लिया गया है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब दो करोड़ बच्चे मद्य निषेध के लिए जागरूकता दूत बनेंगे। नशामुक्त बिहार बनाने की मुहिम में शामिल होकर वे खुद भी इसको लेकर सजग होंगे और दूसरों को भी जागरूक करेंगे।

राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ये करीब दो करोड़ बच्चे मद्य निषेध के लिए जागरूकता दूत बनेंगे। नशामुक्त बिहार बनाने की मुहिम में शामिल होकर वे खुद भी इसको लेकर सजग होंगे और दूसरों को भी जागरूक करेंगे। नशा मुक्ति दिवस यानी 26 नवम्बर को राज्य के सभी जिलों में मद्यनिषेध के प्रति जागरूकता के लिए स्कूली बच्चे प्रभातफेरी निकालेंगे।

बच्चे सुबह 8 से 9 बजे तक की इस प्रभातफेरी में बच्चों के हाथों में नारे और स्लोगनों का प्लेकार्ड होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे बड़ों और समाज को नशा, खासकर मद्यपान को टाटा, बॉय-बॉय कहने को प्रेरित करेंगे।

राज्य सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने मद्यनिषेध को लेकर विभिन्न गतिविधियां पूरे नवम्बर माह संचालित करने का आदेश जिलों को दिया है। गौरतलब है कि मद्यनिषेध अभियान का नोडल शिक्षा विभाग ही था और ऐतिहासिक मानव शृंखला इसी महकमे के संयोजन में बनी थी, जो लिमका बुक ऑफ रेकार्ड में दर्ज है।

अपर मुख्य सचिव ने सभी आरडीडीई, सभी डीईओ, समग्र शिक्षा, माध्यमिक तथा साक्षरता के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों, सभी एसआरपी और केआरपी को इन गतिविधियों के संचालन का जिम्मा सौंपा है।

इसके साथ ही स्कूलों को भी इस मुहिम का हिस्सा बनाने को निर्देशित किया है। इसके तहत विद्यालय, प्रखंड तथा जिला, इन तीनों स्तरों पर मद्य निषेध से संबंधित निबंध लेखन, वाद-विवाद एवं अन्य प्रतियोगिता का आयोजन करना है।

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