यूपी : 3 किशोरों की निर्मम हत्या मामले में मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, SIT जांच के आदेश

तीन किशोरों की हत्या को पानी में दम घुटने से करार देने में जुटी पुलिस भी अब मान रही है कि बच्चों की हत्या की गई है, यही कारण है कि पुलिस की हो रही किरकिरी तथा बढ़ते जन आक्रोश को देखते हो थाना लालगंज में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है....

Update: 2020-12-04 07:59 GMT

संतोष देव गिरि की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो/मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुनौती देते हुए तथा तीन मासूम बालकों के निर्ममतापूर्वक आंख निकालकर की गई हत्या की घटना से पुलिस की हो रही किरकिरी को देखते हुए आखिरकार, मामले की जांच एसआईटी के हवाले करते हुए जल्द ही खुलासा करने के निर्देश दिए गए हैं। तीन किशोरों के हत्या प्रकरण पर मानवाधिकार आयोग ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए एडीजी वाराणसी जोन को सख्त निर्देश दिए हैं।

एडीजी वाराणसी जोन बृजभूषण ने गुरुवार 3 दिसंबर को घटनास्थल पर पहुंच कर मौका मुआयना किया है। उन्होंने इस जघन्य हत्याकांड के खुलासे का आश्वासन दिया बताया कि सभी बच्चों के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं, जिससे यह साफ है कि उनकी हत्या की गई है।

उन्होंने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल महेश अत्रि के नेतृत्व में टीम बनाई गई है, जिन्हें इस मामले का खुलासा करने के लिए उनको जिम्मेदारी दी गई है। जल्द से जल्द इस मामले का खुलासा किया जाएगा।

इसके पहले घटनास्थल का मौका मुआयना करने आईजी पीयूष श्रीवास्तव के साथ जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल, पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह सदल बल पहुंचे और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण निरीक्षण किए। स्थानीय ग्रामीणों से भी इस संबंध में पूछताछ कर जानकारी हासिल करना चाहे। जिलाधिकारी ने परिजनों को आश्वस्त किया कि इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश शीघ्र किया जाएगा। इसमें किसी प्रकार की प्रशासनिक कोताही नहीं होगी।

उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त किया और अपेक्षित सहयोग मांगा। ढ़ांढस बढ़ाते हुए कहा कि पूरा प्रशासन आपके साथ खड़ा है और जल्द से जल्द घटना का पर्दाफाश कर दिया जाएगा। उन्होंने संबंधित पुलिस टीम को आवश्यक निर्देश दिया की निर्धारित समय के अंदर घटना का खुलासा करें।

गौरतलब हो कि जिले के थाना लालगंज क्षेत्र के बामी गांव निवासी श्याम नारायन तिवारी पुत्र दीनबंधु तिवारी के परिवार के 3 बच्चे सुधाशुं उर्फ विनय पुत्र राजेश तिवारी 14 वर्ष, शिवम पुत्र राकेश कुमार तिवारी 14 वर्ष तथा हरिओम तिवारी उर्फ डीएम पुत्र मुन्नालाल तिवारी 14 वर्ष के 1 दिसम्बर 2020 को दोपहर घर से बैर खाने व जंगल घूमने के लिये गांव से तकरीबन 3 किमी दूर जंगल में चले गये थे, जहां से देर शाम होने के बाद भी घर वापस न आने पर परिजन परेशान हो उठे थे।

काफी खोजबीन के बाद भी जब बच्चों का कोई पता नहीं चला तो लालगंज थाना पुलिस को इसकी सूचना दे दी थी। इस सूचना पर प्रभारी निरीक्षक लालगंज द्वारा मु.अ.सं.-328/20 धारा-363 भादवि बनाम अज्ञात पंजीकृत कर कार्यवाही की जाती कि दूसरे दिन दोपहर में विंध्याचल कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कामापुर लेहडिया बंधे में तीनों बच्चों की लाश मिली। लाशों के नजदीक उनके कपड़े, जूते व मोबाइल भी मिले। तीनों बच्चों की आंखें निकली हुई थी तथा शरीर के कुछ हिस्सों में किसी नुकीले हथियार के चोट के निशान भी पाये गये।

लाशों की हालत देख देख परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है, लेकिन पुलिस पानी में डूबने से मौत होना बता रही थी। बाद में तीनों किशोरों के शव को पानी से निकाल पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम में शरीर पर आयी चोट के आधार को मानते हुये आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है।

तीन किशोरों की हत्या को पानी में दम घुटने से करार देने में जुटी पुलिस भी अब मान रही है कि बच्चों की हत्या की गई है, यही कारण है कि पुलिस की हो रही किरकिरी तथा बढ़ते जन आक्रोश को देखते हो थाना लालगंज पर पंजीकृत मुअसं-328/2020 धारा 363 भादवि से तरमिमी धारा 302,201 भादवि जो ग्राम बामी निवासी 3 बच्चों की मृत्यु के संबंध में पंजीकृत हुआ है।


हत्या की धारा बढ़ाते हुए इसके शीघ्र अनावरण एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन महेश सिंह अत्री के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी सदर एवं क्षेत्राधिकारी लालगंज सहित प्रभारी निरीक्षक लालगंज, प्रभारी निरीक्षक विंध्याचल व प्रभारी स्वाट टीम की एसआईटी का गठन किया गया है। उक्त अभियोग की विवेचना गहराई से करने, सुसंगत साक्ष्यों का संकलन करते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी एवं विवेचना का गुण-दोष के आधार पर निष्पक्ष निस्तारण के लिए एसआईटी का गठन अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन द्वारा किया गया है, जिसका पर्यवेक्षण पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर द्वारा किया जाएगा।

मिर्जापुर जिले के लालगंज क्षेत्र के बामी गांव के तीन बच्चों की हुई हत्या के विरोध में लालगंज तहसील पर अधिवक्ताओं ने गुरुवार 33 दिसंर को न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए धरना प्रदर्शन कर रोष ब्यक्त किया तथा दो दिन के अंदर अपराधियो की गिरफ्तारी की मांग किया है। उपरौध अधिवक्ता समिति के अध्यक्ष अरुण त्रिपाठी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने बैठक कर निर्मम तरीके से हुए नाबालिग बच्चों की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय किया। इसके बाद सामूहिक रूप से तहसील के मुख्य गेट पर प्रदर्शन करते हुए घटना में संलिप्त अपराधियो को दो दिन के अंदर गिरफ्तार करने की मांग किया।

तीन किशोरों की निर्मम ढंग से की गई हत्या पुलिस के लिए चुनौती बन गई है। परिजनों और ग्रामीणों की मानें तो तीनों बच्चों के परिजनों से किसी की कोई भी पुरानी दुश्मनी नहीं रही है, ऐसे में बालकों की हत्या करना किसी के गले नहीं उतर रहा है। वहीं पूछताछ के दौरान इस बात की चर्चा जोरों पर है कि तीनों बच्चों को काले लिबासधारी, बंदूकधारी व्यक्तियों द्वारा मारा गया है।

इस बात को कुछ महिलाओं ने भी स्वीकारा है, जो मौके पर बकरियां चरा रही थीं। परिजनों की मानें तो यह काम शिकारियों का भी हो सकता है। गौरतलब है कि लालगंज और विंध्याचल थाना क्षेत्र से लगने वाले जंगलों में जंगली जीव—जंतु का शिकार करने के लिए बाहर से शिकारी आते हैं जिन्हें कुछ स्थानीय अधिकारियों का भी संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में जिन काले लिबास धारी और बंदूकधारी व्यक्ति की चर्चा की जा रही है, हो सकता है ये वही लोग हों।

इस क्षेत्र के जंगलों में नीलगाय खरगोश और जंगली सूअर के शिकार के लिए आसपास के गांव से ही बाहर से भी शिकारी आते हैं, जिसकी भनक होने की बात न तो वन विभाग स्वीकारता है और न ही इलाकाई पुलिस। हालांकि वन विभाग और इलाकाई पुलिस के बारे में कहा जाता है कि वह जानकर भी अंजान बनी हुई है, यह सब उसी के संरक्षण में होता है। बहरहाल अब देखना यह है कि पुलिस कब तक इस मामले का पर्दाफाश करते हुए 3 मासूमों के हत्यारों को कानून के शिकंजे में ला खड़ी करने में सफल साबित होती है।

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