यूपी में धांगर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की उठी मांग, जनजातीय कार्य मंत्रालय को भेजा पत्र
28 सितंबर को वाराणसी में आयोजित होने वाले रोजगार और सामाजिक अधिकार अभियान सम्मेलन में उठेगा धांगर के सामाजिक अधिकार का सवाल...
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की धाँगर जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने तथा इसके सूची में वर्तमान नाम धंगड़ को संशोधित कर धाँगर करने के लिए आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने आज दो अनुस्मारक पत्र सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली तथा अपर मुख्य सचिव, समाज कल्याण, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ को भेजे हैं।
पहले पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 27 पर हिंदी में ‘धन्गड़’ जाति का नाम अंकित है। यह धंगड (धाँगर) जाति मूलतः उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में रहती है जिसके बारे में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा वर्ष 2009-2010 और उसके बाद भी समय-समय पर सामाजिक, आर्थिक, नृजातीय सर्वेक्षण कराया गया। जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह जाति मिर्जापुर के कैमूर रेंज के सोनभद्र जनपद में निवास करती है, जो आदिवासी ‘उरांव’ समूह की है और आदिवासी मूल की जाति है। अतः उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में रहने वाली धंगड (धाँगर) जाति का नाम अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति की सूची में सम्मिलित किया जाए।
दूसरे पत्र में अंकित किया गया है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 27 पर अंग्रेजी में ‘Dhangar’ और हिंदी में ‘धन्गड़’ अंकित नाम गलत है, जबकि इस जाति का सही नाम धांगर है जोकि अधिकतर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में रहती है। इस बात की पुष्टि 2001 तथा 2011 की जनगणना रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जातियों की सूची के क्रमांक 27 पर प्रविष्टि से भी की जा सकती है। अतः भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध किया गया कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 27 पर हिंदी में ‘धन्गड़’ अंकित नाम को संशोधित करके ‘धांगर’ अंकित किया जाए।
आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी ने कहा कि धांगर जाति के सामाजिक अधिकार के संबंध में एआईपीएफ काफी समय से भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार से पत्राचार करता आ रहा है परंतु सरकार के स्तर से अभी तक कोई भी कार्रवाही नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के पराड़कर भवन में 28 सितंबर 2025 को आयोजित रोजगार और सामाजिक अधिकार अभियान के सम्मेलन में धांगर जाति के साथ हो रहे अन्याय का सवाल उठेगा। एआईपीएफ की टीम शीघ्र ही सोनभद्र में धाँगर जाति के प्रतिनिधियों से मुलाकात भी करेगी।