Janjwar Exclusive: गोरखपुर दिलशाद हत्याकांड में नया खुलासा, आर्य समाज से की थी दोनों ने शादी, यह रहा दस्तावेज...

Janjwar Exclusive: 11 फरवरी 2020 को हैदराबाद जाने के बाद दोनों ने आर्य समाज रीति रिवाह से शादी की थी। इस आधार पर हाईकोर्ट ने सितंबर में दिलशाद को जमानत दी थी...

Update: 2022-01-25 08:52 GMT

(गोरखपुर के दिलशाद हत्याकांड में सामने आया नया सच)

Janjwar Exclusive: गोरखपुर दीवानी कचहरी गेट (Civil Court) पर नाबालिग से रेप के एक आरोपी (Rape Accused) की चार दिन पहले गोली मारकर हुई हत्‍या (Murder) मामले में एक और सनसनीखेज सच सामने आया है। आपको बता दें कि जनज्वार ने अब तक इस वारदात को लेकर परत दर परत पूरा सच सामने रखा है। इसी कड़ी में आज दिलशाद और लड़की की शादी के दस्तावेज भी हमारे हाथ लगे हैं। मीडिया का तमाम धड़ा इसे दूसरा रंग देने की भरपूर कोशिश में लगा रहा और लगा भी है, लेकिन सच को आखिर कब तक छिपाया जा सकता है।

इस वारदात को लेकर सीएम योगी के शहर में हड़कंप की स्थिति है। खास बात ये कि अलग—अलग मीडिया संस्थानों ने इस घटना को अपने-अपने नजरिए से देखा है। परिणाम यह हुआ कि प्रेम विवाह का मामला ऑनर किलिंग में बदल गया। ऐसा इसलिए कि जब गोरखपुर दीवानी कचहरी गेट पर जब 32 वर्षीय दिलशाद हुसैन की हत्या हुई, उस समय लोगों ने इसे एक आपराधिक घटना के रूप में लिया। वकीलों ने इस घटना का विरोध भी किया। लेकिन जैसे-जैसे, जाति, धर्म और समुदाय का सच सामने आया, उसी के अनुरूप लोगों की धारणाएं बदलती गईं। 

प्रेम विवाह का मामला ऑनर किलिंग में तब्दील नहीं होता, अगर सभी पक्षों ने अपनी-अपनी भूमिका सही तरीके से निभाई होती, पर ऐसा हुआ नहीं। नतीजा यह निकला कि जो नहीं होना चाहिए था, उसे अंजाम दे दिया गया। अफसोस की बात यह है कि मीडिया ने इस घटना की रिपोर्टिंग सही तरीके से नहीं की। गलत तथ्य परोसे गए, जिसने इस मामले को और भी जटिल बना दिया।

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इस घटना को लेकर तीन बातें सामने आई हैं जो चौकाने वाली हैं। पहली बात ये कि अभी तक ये कहा जा रहा था कि लड़की नाबालिग थी और दिलशाद ने उसे लव जिहाद का शिकार बनाया था, जबकि ऐसा नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर में रेप के आरोपी दिलशाद को जमानत ही इस आधार पर मिली थी लड़की बालिग थी। 1998 लड़की की जन्मतिथि है। वह बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और घटना के समय उसकी उम्र 22 साल थी। दूसरी बात ये कि पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद अपहरण और रेप के रूप में दर्ज किया था। पुलिस के लिए ऐसा करना गलत नहीं कहा जा सकता, हां हम यह फिर से कहेंगे कि इसकी रिपोर्टिंग जरूर गलत हुई।

आर्य समाज से दोनो ने की थी शादी

सीआरपीसी 164 के तहत दर्ज बयान में लड़की के नाबालिग होने का उल्लेख नहीं है। फिर, 11 फरवरी 2020 को हैदराबाद जाने के बाद दोनों ने आर्य समाज रीति रिवाह से शादी की थी। इस आधार पर हाईकोर्ट ने सितंबर में दिलशाद को जमानत दी थी। जिसके प्रमाणपत्र आप यहां देख सकते हैं। इस दस्तावेज में लड़की की उम्र सहित सबकुछ दर्ज है। जिसे अदालत में पेश किया गया था।

क्या है पूरा मामला?

गोरखपुर दीवानी कचहरी गेट (Civil Court) पर नाबालिग से रेप के एक आरोपी (Rape Accused) की 21 जनवरी को गोली मारकर दिलशाद हुसैन की हत्‍या (Murder) हुई थी। दिलशाद मूल रूप से बिहार के मुजफ्फपुर का रहने वाला था। हत्या करने वाला पीड़ित लड़की का पिता ही है। हत्‍यारोपी गोरखपुर के बड़हलगंज क्षेत्र का रहने वाला है। आश्चर्य की बात यह है कि घटना के समय मौके पर कुछ पुलिसकर्मी मौजूद थे जो गोली चलते ही भाग खड़े हुए। हालांकि, बाद में आरोपी पिता ने खुद को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।

इन दिनों ​दिलशाद जमानत पर रिहा चल रहा था। जमानत मिलने के बाद वह पहली तारीख पर कचहरी पहुंचा था। इस केस में उसकी पहली तारीख थी। दिलशाद हुसैन ने अपने वकील को दोपहर फोन किया था। कोविड प्रोटोकॉल के कारण वकील बाहर आकर उससे मिलने वाला था। इसी दौरान लड़की के पिता ने उसकी हत्या कर दी। दिन दहाड़े हुई इस वारदात से कचहरी में हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया पर पहले तो लोगों ने इसे आपराधिक घटना माना। लेकिन जब जानकारी फैली कि मृतक रेप का आरोपी था तो लोगों की धारणा बदल गई। जब ये खबर फैली की मृतक मुसलमान था तो लोगों की धारणाएं पूरी तरह से बदल गई। उसके बाद इस मामले ने सांप्रदायिक और आनर किलिंग का रूप ले लिया।

मुजफ्फरपुर का रहने वाला था मृतक

दिलशाद हुसैन बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र स्थित बिभीपुरा गांव का रहने वाला था। दिलशाद बड़हलगंज के पटना चौराहे पर साइकिल व बाइक के पंचर की दुकान चलाता था। उसी दुकान के सामने लड़की का घर था, जहां दोनो का प्यार परवान चढ़ा था।

सिलसिलेवार समझिए पूरा घटनाक्रम

गोरखपुर के बड़हलगंज इलाके की रहने वाले फौजी की बेटी 11 फरवरी, 2020 में दिलशाद हुसैन के साथ हैदराबाद चली गई। बताया जाता है कि दोनों ने आर्य समाज के रीति रिवाज से शादी भी की की थी। इधर, छात्रा के पिता की तहरीर पर पुलिस ने 17 फरवरी, 2020 को केस दर्ज किया। 12 मार्च, 2021 को पुलिस ने आरोपित दिलशाद को हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया था। उधर, इस मामले में विवेचना के दौरान पुलिस ने दुष्कर्म के साथ ही छात्र के नाबालिग होने की वजह से पाक्सो एक्ट की धारा बढ़ा दी थी। उसके बाद से आरोपित दिलशाद गोरखपुर जेल में लम्बे समय तक बंद था। बताया जा रहा है कि बीते सितंबर माह में वह जमानत पर छूटा था। 21 जनवरी को उसकी पाक्सो कोर्ट में गवाही थी और लड़की पिता ने इसका बेजा फायदा उठाते हुए उसकी हत्या कर दी।

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इस घटना को लेकर भ्रामक दुष्प्रचार यही तक सीमित नहीं रहा। अखबारों में हत्या की घटना को लव जिहाद के रूप में भी परोसा गया। फिर ये खुलासा हुआ कि लड़का मुसलमान है और बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। जैसे-जैसे लोगों को नई-नई सूचनाएं मिली उसी के अनुरूप लोगों का मन बदला और लोग हत्यारे लड़की ​के पिता से सहानुभूति रखने लगे। मॉडर्न सोासइटी में रहने वालों के लिए यह अपने आप में चौंकाने वाली बात है।

चौंकाने वाली इसलिए कि हम लोग मॉडर्न होने की बात करते हैं, लेकिन हमारी सोच आज भी पिछड़े समाज वाली है। लोग सामंती सोच से बाहर नहीं निकल पाए हैं। यही वजह है कि लोग सही तथ्यों तक पहुंचकर अपनी धारणा बनाने के बदले पुरानी सोच से प्रेरित होकर हर घटना को अपने-अपने तरीके से लेते हैं। इस मामले में भी वैसा ही हुआ। पहले घटना को लोगों ने आपराधिक माना, जाति और धर्म का मामला सामने आने के बाद यह सांप्रदायिक यानि लव जिहाद में तब्दील हो गया। हद तो तब हो गई जब लोग अपनी धारणाओं को सही मानने लगे। लड़की के हत्यारे पिता से सहानुभूति रखने के साथ आर्थिक सहायता भी देने लगे। तभी तो लड़की के पिता ने बयान दिया है कि, 'अब मुझे जिंदगी भर जेल में रहने का भी पछतावा नहीं होगा।'

इसके अलावा, एक गजब ट्रेंड प्रचलन में आ गया है। हमारा समाज, अपराध को अपराध के नजरिए से नहीं लेता। उसे कुछ और मोड़ दे दिया जाता हैं। आपराध को जाति और धर्म के नजरिए से देखा जाने लगा है। गोरखपुर और आसपास के जिलों में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। हत्या किसी की भी हो उसे खंडित समाज की मानसिकता के नजरिए से देखा और समझा जाता है।

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