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Gorakhpur Dilshad killing case : दिलशाद हुसैन हत्याकांड में नया खुलासा, लड़की नाबालिग नहीं BA की थी छात्रा
गोरखपुर कोर्ट में लड़की के पिता द्वारा मारे गये दिलशान हुसैन मामले को दिया जाने लगा है अब हिंदू-मुस्लिम रंग
Gorakhpur Dilshad killing case : गोरखपुर दीवानी कचहरी गेट ( Civil Court ) पर नाबालिग से रेप के एक आरोपी ( Rape Accused ) की तीन दिन पहले गोली मारकर हुई हत्या (Murder) मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सीएम यागी के शहर में हत्या की वारदंत के बाद से हड़कंप की स्थिति है। खास बात यह है कि अलग—अलग मीडिया संस्थानों ने इस घटना को अपने-अपने नजरिए से देखा है। परिणाम यह हुआ कि प्रेम विवाह का मामला ऑनर किलिंग में तब्दील हो गया। ऐसा इसलिए कि जब गोरखपुर दीवानी कचहरी गेट पर जब 30 वर्षीय दिलशाद हुसैन की हत्या हुई, उस समय लोगों ने इसे एक आपराधिक घटना के रूप में लिया। वकीलों ने इस घटना का विरोध भी किया। लेकिन जैसे—जैसे, जाति, धर्म और समुदाय का सच सामने आया, उसी के अनुरूप लोगों की धारणाएं बदलती गईं। अब यह मामला पूरी तरह से ऑनर किलिंग के रूप में उभरकर सामने आया है।
प्रेम विवाह का मामला ऑनर किलिंग में तब्दील नहीं होता, अगर सभी पक्षों ने अपनी—अपनी भूमिका सही तरीके से निभाई होती, पर ऐसा नहीं हुआ। नतीजा यह निकला कि जो नहीं होना चाहिए था, वही हुआ। अफसोस की बात यह है कि मीडिया ने इस घटना की रिपोर्टिंग सही तरीके से नहीं की। गलत तथ्य परोसे गए, जिसने इस मामले को जटिल बना दिया।
इस घटना को लेकर तीन बातें सामने आई हैं जो चौकाने वाली हैं। पहली बात ये कि अभी तक ये कहा जा रहा था कि लड़की नाबालिग थी और दिलशाद ने उसे लव जिहाद का शिकार बनाया था। जबकि ऐसा नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर में रेप के आरोपी दिलशाद को जमानत ही इस आधार पर मिली थी लड़की बालिग थी। 1998 लड़की का जन्म साल है। वह बीए पार्ट टू की छात्रा थी और घटना के समय उसकी उम्र 22 साल की थी। दूसरी बात ये कि पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद अपहरण और रेप के रूप में दर्ज किया था। पुलिस के लिए ऐसा करना गलत नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसकी रिपोर्टिंग गलत हुई।
सीआरपीसी 164 के तहत दर्ज बयान में लड़की के नाबालिग होने का उल्लेख नहीं है। फिर, 11 फरवरी 2020 को हैदराबाद जाने के बाद दोनों ने आर्य समाज रीति रिवाह से शादी की थी। इस आधार पर हाईकोर्ट ने सितंबर में दिलशाद को जमानत दी थी।
इस घटना को लेकर भ्रामक दुष्प्रचार यही तक सीमित नहीं रहा। अखबारों में हत्या की घटना को लव जिहाद के रूप में भी परोसा गया। फिर ये खुलासा हुआ कि लड़का मुसलमान है और बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। जैसे-जैसे लोगों को नई-नई सूचनाएं मिली उसी के अनुरूप लोगों का मन बदला और लोग हत्यारे लड़की के पिता से सहानुभूति रखने लगे। मॉडर्न सोासइटी में रहने वालों के लिए यह अपने आप में चौंकाने वाली बात है।
चौंकाने वाली इसलिए कि हम लोग मॉडर्न होने की बात करते हैं, लेकिन हमारी सोच आज भी पिछड़े समाज वाली है। लोग सामंती सोच से बाहर नहीं निकल पाए हैं। यही वजह है कि लोग सही तथ्यों तक पहुंचकर अपनी धारणा बनाने के बदले पुरानी सोच से प्रेरित होकर हर घटना को अपने-अपने तरीके से लेते हैं। इस मामले में भी वैसा ही हुआ। पहले घटना को लोगों ने आपराधिक माना, जाति और धर्म का मामला सामने आने के बाद यह सांप्रदायिक यानि लव जिहाद में तब्दील हो गया। हद तो तब हो गई जब लोग अपनी धारणाओं को सही मानने लगे। लड़की के हत्यारे पिता से सहानुभूति रखने के साथ आर्थिक सहायता भी देने लगे। तभी तो लड़की के पिता ने बयान दिया है कि अब मुझे जिंदगी भर जेल में रहने का भी पछतावा नहीं होगा।
इसके अलावा, एक गजब ट्रेंड प्रचलन में आ गया है। हमारा समाज, अपराध को अपराध के नजरिए से नहीं लेता। उसे कुछ और मोड़ दे दिया जाता हैं। आपराध को जाति और धर्म के नजरिए से देखा जाने लगा है। गोरखपुर और आसपास के जिलों में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। हत्या किसी की भी हो उसे खंडित समाज की मानसिकता के नजरिए से देखा और समझा जाता है।
नटसेल में यह घटना एक ऑनर किलिंग है। ठीक उसी तरह का जैसे तेलंगाना पुलिस ने जब ने इसी तरह के एक मामले में कुछ आरोपियों की हत्या कर दी थी। इस मामले को भी उसी तरह से लिया जा रहा है। क्योंकि, इस क्षेत्र के अभिभावक बच्चों को पढ़ा लिखाकर अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर व अन्य क्षेत्रों में सफल इंसान तो बना देते हैं, लेकिन वो अपनी मर्जी से किसी को शादी करने की इजाजत नहीं देना चाहते हैं। इस तरह की सोच केवल आम लोगों में ही नहीं है, बल्कि यहां के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का नजरिया भी तार्किक नहीं है। एक पुलिस अधिकारी ने इस घटना को लेकर बातचीत में कहा कि मेरी बेटी भी होती तो मैं भी वहीं करता, जो दिलशाद हुसैन के हत्यारे ने की है।
ये है पूरा मामला
गोरखपुर दीवानी कचहरी गेट ( Civil Court ) पर नाबालिग से रेप के एक आरोपी ( Rape Accused ) की 21 जनवरी को गोली मारकर दिलशाद हुसैन की हत्या (Murder) हुई थी। दिलशाद मूल रूप से बिहार के मुजफ्फपुर का रहने वाला था। हत्या करने वाला पीड़ित लड़की का पिता ही है। हत्यारोपी गोरखपुर के बड़हलगंज क्षेत्र का रहने वाला है। आश्चर्य की बात यह है कि घटना के समय मौके पर कुछ पुलिसकर्मी मौजूद थे जो गोली चलते ही भाग खड़े हुए। हालांकि, थाना पुलिस ने लड़की के पिता को गिरफ्तार कर लिया है।
इन दिनों दिलशाद जमानत पर रिहा चल रहा था। जमानत मिलने के बाद वह पहली तारीख पर कचहरी पहुंचा था। इस केस में उसकी पहली तारीख थी। दिलशाद हुसैन ने अपने वकील को दोपहर फोन किया था। कोविड प्रोटोकॉल के कारण वकील बाहर आकर उससे मिलने वाला था। इसी दौरान लड़की के पिता ने उसकी हत्या कर दी। दिन दहाड़े हुई इस वारदात से कचहरी में हड़कंप मच गया।
सोशल मीडिया पर पहले तो लोगों ने इसे आपराधिक घटना माना। लेकिन जब जानकारी फैली कि मृतक रेप का आरोपी था तो लोगों की धारणा बदल गई। जब ये खबर फैली की मृतक मुसलमान था तो लोगों की धारणाएं पूरी तरह से बदल गई। उसके बाद इस मामले ने सांप्रदायिक और आनर किलिंग का रूप ले लिया।
मुजफ्फरपुर का रहने वाला था मृतक
दिलशाद हुसैन बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र स्थित बिभीपुरा गांव का रहने वाला था। दिलशाद बड़हलगंज के पटना चौराहे पर साइकिल व बाइक के पंचर की दुकान चलाता था।
ये है सिलसिलेवार घटनाक्रम
गोरखपुर के बड़हलगंज इलाके की रहने वाले फौजी की बेटी का 11 फरवरी, 2020 में दिलशाद हुसैन के साथ हैदराबाद चली गई। बताया जाता है कि दोनों ने आर्य समाज के रीति रिवाज से शादी भी की की थी। इधर, छात्रा के पिता की तहरीर पर पुलिस ने 17 फरवरी, 2020 को केस दर्ज किया। 12 मार्च, 2021 को पुलिस ने आरोपित दिलशाद को हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया था। उधर, इस मामले में विवेचना के दौरान पुलिस ने दुष्कर्म के साथ ही छात्र के नाबालिग होने की वजह से पाक्सो एक्ट की धारा बढ़ा दी थी। उसके बाद से आरोपित दिलशाद गोरखपुर जेल में लम्बे समय तक बंद था। बताया जा रहा है कि बीते सितंबर माह में वह जमानत पर छूटा था। 21 जनवरी को उसकी पाक्सो कोर्ट में गवाही थी और लड़की पिता ने इसका बेजा फायदा उठाते हुए उसकी हत्या कर दी।