कानपुर गैंगरेप कांड पीड़िता के पिता की अर्थी को बुजुर्ग बाबा ने दिया कंधा तो रो पड़ा पूरा गांव, आरोपियों के लिए मांगी फांसी
जिस सिपाही आदित्य को कार्रवाई की गई है, वह उस दिन यहां ड्यूटी पर था ही नहीं, वह 9 से 11 मार्च तक सीएम के आगमन पर वीाईपी ड्यूटी में झांसी में था, जबकि डीआईजी की तरफ से हुई कार्रवाई में उसे भी निलंबित कर दिया गया है....
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, कानपुर। घाटमपुर के सजेती में नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म के 12 घण्टे बाद पिता की मौत मामले में मुख्य आरोपी दारोगा पुत्र दीपू यादव को गुरूवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही दुष्कर्मी दीपू के दारोगा पिता देवेंद्र यादव को निलंबित कर दिया गया है। आरोपों की जद में आए चौकी इंचार्ज घाटमपुर रामशिरोमणी, सजेती का हलका इंचार्ज अब्दुल कलाम सहित घाटमपुर बीट सिपाही आदित्य को भी सस्पेंड कर दिया गया है। इन सभी के खिलाफ डीआईजी ने एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव को जांच सौंपी है।
पुलिस मुख्य आरोपी दारोगा पुत्र दीपू यादव से पूछताछ कर रही है। जबकि उससे पहले गिरफ्तार उसके साथी गोलू को जेल भेजा जा चुका है। दीपू का भाई सौरभ अभी तक फरार है। पीड़िता के पिता की मौत के बाद हत्या की दर्ज एफआईआर में पुलिस अभी तक किसी कार्रवाई और नतीजे पर नहीं पहुँच सकी है। साथ ही ट्रक चालक व मालिक से भी पूछताछ की जा रही है। वहीं सजेती थाने में तैनात एक महिला कांस्टेबल को भी लाईन हाजिर किया गया है। बताया जा रहा है कि शशि नाम की महिला कांस्टेबल ने सीएचसी में पीड़िता से काफी देर तक पूछताछ करती रही थी।
पीड़िता को सीएचसी लेबर रूम में रुकवाया
सजेती कांड में पुलिस की एक और बड़ी करतूत सामने आई है। सजेती से वापस घाटमपुर ले जाकर पुलिस ने पीड़िता को वहां के लेबर रूम में रूकवाया था। डॉक्टरों से पुलिस ने कहा कि पीड़िता को सुबह कांशीराम अस्पताल मेडिकल के लिए ले जाना है, तब तक उसे यहां रोकना है। डॉक्टर पीड़िता को रोकना नहीं चाहते थे, लेकिन पुलिस ने दबाव देकर रुकवाया था। इसके कुछ ही घण्टे बाद पीड़िता के पिता की मौत हो गई। सीएचसी के सूत्रों के मुताबिक पीड़िता को यहां के लेबर रूम में ठहराया गया, जिससे एक बात तो साफ है कि पीड़िता को किसी तरह के इलाज की जरूरत नहीं थी, जबकि पुलिस का कहना है की उसको वहां पर भर्ती कराया गया था।
जांच में दोषी पाए गए दारोगा व सिपाही
सजेती काण्ड में निलंबित किए गए दारोगा व सिपाही शुरूआती जांच में दोषी पाए गए हैं। इसी आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। कार्रवाई करने के बाद यह बात साफ होती है कि पीड़िता से बेतुके सवाल और उसे चरित्रहीन बताने की बात सही है। इसके अलावा दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करने में भी लापरवाही बरती गई। हालांकि दारोगा व सिपाही पर कार्रवाई कर बड़े जिम्मेदारों को बचाए जाने की बात भी सामने आ रही है। खासतौर पर सीओ और थानेदार को बचाया गया है, जबकि परिजनों ने सीधे तौर पर इनकी कार्यशैली पर भी आरोप लगाए थे।
इन पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई
सजेती के थानेदार रावेंद्र मिश्रा ने पीड़ित परिवार को चक्कर पर चक्कर लगवाए। पहले एफआईआर देर से दर्ज की फिर मेडिकल के लिए टहलाते रहे। मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी भी समय से नहीं हुई। परिजनो का कहना था कि सीओ ने उस रात को सजेती से वापस सीएचसी बुलवाया था। पुलिसकर्मी जीप से लेकर आए थे। ऐसे में कहीं ना कहीं सीओ घाटमपुर की भी जिम्मेदारी बनती है। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि सीओ से ही अन्य पुलिसकर्मियों की जांच कराई गई, जो गले से नहीं उतरती।
डीआईजी की कार्रवाई पर भी सवाल
जिस सिपाही आदित्य को कार्रवाई की गई है, वह उस दिन यहां ड्यूटी पर था ही नहीं। वह 9 से 11 मार्च तक सीएम के आगमन पर वीाईपी ड्यूटी में झांसी में था, जबकि डीआईजी की तरफ से हुई कार्रवाई में उसे भी निलंबित कर दिया गया है। चर्चा यह भी है कि कई और पुलिस वाले भी इस मामले में दोषी हैं, लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा दारोगा अब्दुल कलाम विवादित रहा है उसके खिलाफ कई जांचे लंबित हैं।
पकड़े गए ट्रक से नहीं हुआ हादसा
सजेती कांड में पीड़िता के पिता की मौत की गुत्थी उलझ गई है। जिस ट्रक को पुलिस ने पकड़ा है उससे हादसा हुआ ही नहीं। चालक से पूछताछ और फारेंसिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है, जिसके बाद पुलिस की अब दो टीमे उस ट्रक को ट्रेस करने में जुटी हैं जिससे हादसा हुआ था। पुलिस आधा दर्जन ट्रक चालकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
आरोपियों पर लगेगा गैंगस्टर व एनएसए
सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपियो पर गैंगस्टर व एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में आईजी मोहित अग्रवाल ने डीआईजी को निर्देश दिए हैं। साथ ही आरोपियों का डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा जिससे पुलिस अपनी पैरवी मजबूत कर सके और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जा सके। इससे पहले आईजी गुरुवार 11 मार्च को सजेती पहुँचे। आईजी ने पीड़ित के परिजनों से बात की और आरोपियों को सख्त सजा दिलाने का भरोसा दिया। इस दौरान परिजनों ने सजेती थाना प्रभारी और सीओ को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया।
बुजुर्ग पिता ने दिया बेटे की अर्थी को कांधा
सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई नाबालिग के पिता की अर्थी को जब उसके बूढ़े पिता ने कांधा दिया तो आसपास खड़े लोगों की आँखों से आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। ग्रामीणों के चेहरे पर गम के साथ गुस्सा भी था। पीड़िता के पिता का गांव के किनारे यमुना नदी पर दाह संस्कार किया गया। मृतक के छोटे भाई ने मुखाग्नि दी तो बुजुर्ग पिता गश खाकर गिर गया। सामूहिक दुष्कर्म का शिकार लड़की अपनी मां से लिपटकर दहाड़ मारकर रोने लगी। पिता ने कहा आरोपियों को फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिेए।
डीआईजी प्रितिंदर सिंह ने कहा कि हत्या, हादसा और खुदकुशी के बिंदू पर तफ्तीश चल रही है। कई ऐसे सबूत मिले हैं जो खुदकुशी की तरफ इशारा कर रहे हैं। मृतक के चचेरे भाई ने भी इस बारे में बयान दिया है। सभी तथ्यों का सत्यापन किया जा रहा है। सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती किसी को भी जेल नहीं भेजा जाएगा।
मामले में आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल का कहना है कि प्रकरण की निगरानी खुद डीआईजी कर रहे हैं। केस के आरोपी हों या पुलिसकर्मी किसी को बख्शा नहीं जाएगा। अभी तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। अगर किसी अन्य पुलिसकर्मी की भूमिका मिलती है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।