'गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है', हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने देहरादून के 150 से ज्यादा मंदिर में लगाए बैनर

हिंदू युवा वाहिनी के महासचिव जीतू रंधावा से जब इनके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यति नरसिम्हानंद के समर्थन में यह कदम उठाया गया है।

Update: 2021-03-21 10:07 GMT

जनज्वार डेस्क। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के 150 से ज्यादा मंदिरों में बैनर लगा दिए गए हैं जिनमें लिखा गया है कि गैर-हिंदुओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित है। यह बैनर कथित तौर पर दक्षिणपंथी संगठन हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने लगाए हैं।

'टाइम्स ऑफ इंडिया' के रिपोर्ट के मुताबिक, यह बैनर देहरादून के चकराता रोड, सुद्धोवाला और प्रेम नगर के मंदिरों में लगाए गए हैं। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में उत्तर प्रदेश के डासना में डासना देवी मंदिर पानी पीने पर एक मुस्लिम समुदाय के नाबालिग लड़के आसिफ की पिटाई कर दी गई थी। इस मंदिर के गेट पर एक बोर्ड लगा हुआ है जिसमें लिखा हुआ है कि 'मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है'। यह बोर्ड कथित तौर पर मंदिर के महंत यति नरसिंम्हानंद सरस्वती के निर्देशों पर लगाया गया है।

हिंदू युवा वाहिनी के महासचिव जीतू रंधावा से जब इनके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यति नरसिम्हानंद के समर्थन में यह कदम उठाया गया है।

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किशोर लड़के के साथ हुई घटना के बाद धौलाना के बसपा विधायक असलम चौधरी ने आरोप लगाया था कि मंदिर उनके पूर्वजों का है, उन्होंने कहा था कि वह मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले पोस्टरों को हटा देंगे।

रंधावा ने आरोप लगाया कि 'असलम के खतरे का मुकाबला करने के लिए, हम अब हर मंदिर के बाहर इस तरह के पोस्टर लगाएंगे। रंधावा ने कहा, "मंदिर सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए एक सम्मानित स्थान है और इसलिए, केवल उन लोगों को जो इस धर्म के हैं, उन्हें अंदर जाने की अनुमति होगी।'

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