नयी सरकार को रिझाने के लिए किये गये अपने ट्वीट को लेकर ट्रोल हो रहे हैं Lallontop के गमछाधारी संपादक सौरभ द्विवेदी
Lallontop Khabar: गोदी मीडिया के साथ वेबसाइटों के भीतर भी ऐसे-ऐसे चुरासू संपादक और पत्रकार घुसे बैठे हैं, जिनका सशक्त कथानक देर सबेर सामने आ ही जाता है। वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के संपादक सौरभ द्विवेदी इस वक्त चर्चा में हैं। वेबसाइट के नाम की तरह सौरभ भी कम लल्लनटॉप आदमी नहीं हैं...
Lallontop Khabar: गोदी मीडिया के साथ वेबसाइटों के भीतर भी ऐसे-ऐसे चुरासू संपादक और पत्रकार घुसे बैठे हैं, जिनका स्याह सफेद कथानक देर सबेर सामने आ ही जाता है। वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के संपादक सौरभ द्विवेदी इस वक्त चर्चा में हैं। वेबसाइट के नाम की तरह सौरभ भी कम लल्लनटॉप आदमी नहीं हैं। वे मोदी के सामने नंबर बनाने और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लिए रखे गये अपने विचारों को लेकर आकर्षण बिखेर रहे हैं।
स्वनामधन्य सौरभ द्विवेदी (Saurabh Dwivedi) के कुछ ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल (Viral) हो रहे हैं। जिसमें उन्होने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। सौरभ के ये ट्वीट 2015 के हैं, यानी नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के दूसरी साल। तब प्रधानमंत्री की नजरों में जमने के लिए ये ट्वीट किये गये कहे जा सकते हैं। वायरल हो रहे ट्वीट में सौरभ ने लिखा, 'ब्रेकिंग न्यूज, राहुल गांधी भट्टा परसौल में छुट्टियां मनाते पाए गये।' 'कांग्रेस की छुट्टी करवाने के बाद राहुल का छुट्टी लेना तो बनता था यार' 'मुंबई इंडियंस वालों को आज का मोटिवेशनल लेक्चर. आज का पूरा फोकस राहुल जोक्स पर है. अब तो परफार्म कर दो जोकर्स।'
इसी तरह सौरभ ने इंडियन यूथ कांग्रेस के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि, 'के नहीं की। लिंग दोष दुरूस्त करें टीम पप्पू जी। ऑफिस ऑफ राहुल गांधी को टैग भी किया गया है। इंडिया टुडे जैसी नामचीन पत्रिका के नए-नए संपादक बने सौरभ द्विवेदी के एक नहीं बल्कि कई ट्वीट वायरल हो रहे हैं। जिसमें उन्होने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। अब ये तो कोई बिना आंख वाला भी जान जाएगा कि ये ट्वीट किसे खुश करने के लिए दागे गये।
पत्रकार अपूर्व भारद्वाज ने ट्वीट की एक पूरी श्रंखला बनाकर सौरभ द्विवेदी का चर्सा उधेला है। उन्होने लिखा कि, 'ललनटॉप की सच्चाई लिख रहॉ हूँ। पारदर्शी पत्रकारिता का दिन रात जाप करने वाले स्वघोषित निष्पक्ष न्यूज वेब पोर्टल ललनटॉप के गमछाधारी संपादक ने राहुल गाँधी को ट्रोल किया है उनका बीजेपी प्रेम नया नही है, यह थ्रेड उनकी प्लेटफार्म का पोल खोलने के लिए लिखा जा रहा है।'
पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने लिखा है कि, 'जो दिखता है, वो होता नहीं है और जो दिखाया जाता है वो तो बिलकुल नहीं होता। मीडिया इंडस्ट्री में बड़ा नाम और पहचान बनाने के लिए ये गुण होना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।