Kanpur Crime News: पुलिस की मेहरबानी से पहलवान बना रहा रेपिस्ट लेखपाल, पिटाई के बाद किशोरी सहित गर्भ में मरा बच्चा

पीड़िता का पिता रोकर कहता है कि इस मामले में पुलिस ने कोई भी कार्रवाई नहीं की। क्योंकि पुलिस ने पैसे खाए हैं। यही मेन वजह रही की लेखपाल की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी...

Update: 2021-12-15 03:35 GMT

(किशोरी की मौत के बाद बिलखते परिजन)

Kanpur Crime News: उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित बिल्हौर तहसील के ककवन में एक लेखपाल की शर्मनाक करतूत का पर्दाफाश हुआ था। आरोप था कि लेखपाल सहित चार लोगों ने यहां की रहने वाली एक 15 वर्षीय किशोरी से गैंगरेप किया था। किशोरी गर्भवती हुई तो लेखपाल सहित अन्य आरोपियों ने गर्भपात कराने का दबाव भी बनाया। लेकिन अब ताजा इनपुट यह है की किशोरी व उसके नवजात शिशु की मौत हो गई है।

किशोरी के बयान का एक वीडियो भी परिजनों ने पुलिस को सौंपा है। आरोप है कि लेखपाल, करन व उसके दो साथी किशोरी से जबरन रेप करते रहे। जिसके बाद वह गर्भवती हो गई। गर्भवती होने के बाद लेखपाल अपने कुकर्मी साथियों संग मिलकर किशोरी व उसके परिवार पर गर्भपात कराने का दबाव बना रहे थे। वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी आरोपी लेखपाल पर महरबानी करती रही।

मुख्य आरोपी लेखपाल का दफ्तर

11 अक्टूबर 2021 को पीड़िता के पिता ने एफआईआर दर्ज कराई थी। वहीं पीड़िता ने भी अपनी आपबीती सुनाई थी। इस दौरान किसी ने उसका वीडियो बना लिया था। अब जब किशोरी की मौत हो गई तब परिवार वालों ने वीडियो सामने रखा है। वीडियो में पीड़िता कहते हुए सुनी जा रही की लेखपाल और करन आते थे। उनके साथ दो लोग और भी आते थे। यह सभी लोग उसके साथ दुष्कर्म करते थे। 

पुलिस का खेल

दुष्कर्म पीड़िता मामले में आरोपी लेखपाल पर पुलिस ने खूब दरियादिली दिखाई। यही वजह रही की 11 अक्टूबर की एफआईआर के बावजूद भी अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। एफआईआर में लेखपाल व करन नामजद हैं जबकि दो आरोपी अज्ञात। जिनपर एससी-एसटी एक्ट भी लगा है। नामजद आरोपी भी अनुसूचित जाति के हैं जिस कारण सीओ बिल्हौर राजेश कुमार ने विवेचना के दौरान धारा हटा दी थी। यही बड़ा सवाल खड़ा हो रहा कि जब केस में दो अज्ञात आरोपियों पहचान नहीं हुई तो धाराएं पहले ही क्यों हटा दी गईं?

पुलिस ने पैसे खाए हैं! 

पीड़िता का पिता रोकर कहता है कि इस मामले में पुलिस ने कोई भी कार्रवाई नहीं की। क्योंकि पुलिस ने पैसे खाए हैं। यही मेन वजह रही की लेखपाल की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी। पीड़िता के पिता ने कई बार थाने चौकी के चक्कर काटे लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं की गई।

गर्भ में ही मर गया था बच्चा 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. किरन पांडेय का कहना है कि गर्भवती अति गंभीर हालत में आई थी। उसकी पल्स और ब्लड प्रेशर भी नहीं मिल रहा था। किशोरी को बचाने की पुरी कोशिश की गई। उसका प्रसव भी कराया गया लेकिन बच्चा गर्भ में ही मर चुका था।

एक सीओ व दो एसओ जांच दायरे में

इस केस की विवेचना पहले सीओ बिल्हौर ने की थी। इसके बाद ककवन थानेदार केके कश्यप को जांच मिली, उनका तबादला हो गया। अब थानेदार कौशलेंद्र प्रताप सिंह जांच कर रहे थे। सभी ने लापरवाही में कसर नहीं छोड़ी। परिजनों ने सभी पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। जिसके बाद ये तीनो अफसर जांच के घेरे में हैं।  

इस मामले में आईजी रेंज कानपुर प्रशांत कुमार का कहना है कि केस में जो भी आरोपी हैं उनकी गिरफ्तारी के लिए एसपी को निर्देश दिए गये हैं। तीन टीमें लगाई गईं हैं। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। पीड़ित परिवार ने पिल्स पर जो भी आरोप लगाए हैं उनकी जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।  

इनपुट : रिजवान कुरैशी बिल्हौर

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