गैंगस्टर विधायक मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों को कोर्ट से मिली राहत, अग्रिम जमानत हुई मंजूर
मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास और उमर अंसारी पर एक याचिका के माध्यम से आरोप लगा है कि गाजीपुर में गजल नाम से होटल बनाने के लिए जिस जमीन का बैनामा करवाया गया, उसकी लीज पहले ही समाप्त हो चुकी थी और बेचने वालों को वह जमीन बेचने का अधिकार ही नहीं था.....
जनज्वार। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और यूपी पुलिस का शिकंजा बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों पर लगातार कसता गया है। मगर कल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों को राहत देते हुए उनकी अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है।
मुख्तार के बेटों अब्बास व उमर अंसारी के खिलाफ जमीन का फर्जी बैनामा कराकर होटल बनाने का आरोप लगाया गया है। इसी मामले में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी आफशा अंसारी की जमानत 3 फरवरी को कोर्ट द्वारा मंजूर की जा चुकी थी।
मुख्तार अंसारी के बेटों की अग्रिम जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने सुनवाई की थी। मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास और उमर अंसारी पर एक याचिका के माध्यम से आरोप लगा है कि गाजीपुर में गजल नाम से होटल बनाने के लिए जिस जमीन का बैनामा करवाया गया, उसकी लीज पहले ही समाप्त हो चुकी थी और बेचने वालों को वह जमीन बेचने का अधिकार ही नहीं था। जमीन सरकारी थी जिसके दस्तावेजों में हेरफेर कर बैनामा करवाया गया।
जबकि मुख्तार अंसारी के बेटों का कहना था उनको राजनीतिक विद्वेष के कारण फंसाया गया है। उनकी कोई गलती नहीं और न ही किसी प्रकार का अपराध हुआ है।
गौरतलब है कि माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारीए जो मऊ सदर से विधायक हैं, वर्तमान में जेल में बंद हैं। वह 2005 से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में जेल में हैं। मुख्तार अंसारी ने जेल से 2007, 2012 और 2017 के चुनाव जीते। कोर्ट से अनुमति लेकर अंसारी ने 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि 2017 के बाद से, राज्य सरकार ने अदालत से अंसारी को अनुमति देने का विरोध किया, जिसके बाद वो विधान सभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाए।